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 रूद्रप्रयाग:


 जनपद में ‘मेरा गांव मेरी सड़क’ योजना के तहत बनाई गई सड़कें भ्रष्टाचार का नमूना बनकर रह गई हैं। इस योजना को केवल अमलीजाम इसलिए पहनाया जाता है ताकि सरकारी धन को ठिकाने लगया जा सके और जनता के पैंसों की बंदरबांट की जा सके। जनता को उससे लाभ मिलेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। 


 ये खास रिपोर्ट दिखाते हैं-

 हर गाँव को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए बनाई गई केन्द्र व राज्य सरकार की महत्वकाक्षी ‘‘मेरा गाँव, मेरी सड़क’’ योजना रूद्रप्रयाग में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। विभागीय अधिकारियों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड ़ने इस योजना को जमकर पलीता लगाया है। जो तस्वीरें आप अपनी टीवी स्क्रीन पर देख रहे हैं वो न तो भूस्खलन की तस्वीरें हैं और न किसी आपदा की।

 यह अगस्त्यमुनि विकाखण्ड के पोला गाँव को जोड़ने के लिए बनाई जा रही मेरे गांव मेरी सड़क योजना की हैं। इस सड़क पर वाहन चलना तो दूर की बात है पैदल भी आदमी ठीक से नहीं चल पायेगा लेकिन हद तो तब हो गई जब इस सड़क को विभागीय दस्तावेजों में पूर्ण दिखाया गया है। 

इस मोटर मार्ग का जहां एलाईमेंट ही भारी गैरजिम्मदाराना तरीके से बनाया गया है वहीं सड़क निर्माण ने ग्रामीणों के पैदल रास्ते, सिंचित खेती, पेयजल लाईने और कई अन्य ग्राम पंचायत की सम्पतियों को भारी क्षति पहुँचाई है। लेकिन अब इस सड़क के पूरी होने की उम्मीद तो नहीं है लेकिन इसके निर्माण से ध्वस्त हुई वर्षों पुरानी अवसंरचना को ठीक करने और ग्रामीणों की तकलीफ को सुनने वाला भी कोई नहीं है। 

 वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 6 सौ मीटर लम्बाई वाले इस मोटर मार्ग के निर्माण के लिए 27.0600 लाख रूपये की स्वीकृत हुई। इसमें उत्तराखण्ड शासन द्वारा 14.7900 लाख व महात्मा गांधी नरेगा का अंश 12.2700 लाख रूपये था। 

 अनूप सेमवाल, ग्रामीण,श्रीधर प्रसाद सेमवाल, ग्रामीण   पोला गांव का कहना है कि  सड़क के अभाव में पोला गाँव के करीब 50 से ज्यादा परिवारों ने पलायान कर दिया है। जबकि अब गांव में सिर्फ 9 परिवारों के बुर्जुग ही बचे हैं, जिस कारण मनरेगा जाॅब कार्ड धारकों द्वारा इस सड़क पर कार्य नहीं किया गया लेकिन ठेकेदारों ने उत्तराखण्ड सरकार के 14.7900 लाख रूपयों का वारा-न्यारा कर आनन-फानन में इस सड़क को ऐसे बदरंग बना डाला जैसे मानों गांव में विकास का पैमाना सड़क नहीं बल्कि विनाश लाई जा रही हो। 

उधर मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से मिले दस्तावेजों में इस सड़क को पूर्ण दर्शाया गया है। रूद्रप्रयाग में यह पहला मामला नहीं है बल्कि वर्ष 2014-15 से अब तक 14 सड़कें मेरा गांव मेरी सड़क योजना के तहक काटी गई हैं। लेकिन चुनिदां सड़कों पर गाड़ी दौड़ रही हैं अधिकतर सड़कें इसी तरह भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ी हैं, जिनके निर्माण से गांवों में भारी विनाश हुआ है।

 रूद्रप्रयाग जनपद में मेरा गांव मेरी सड़क योजनाओं में हो रहे भारी भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीणों द्वारा समय समय पर शिकायतें की जाती रहीं हैं और जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कई सड़कों पर जांच भी बिठाई हैं लेकिन जांच रिपोर्टों में भारी गड़बडी पाये जाने के बाद भी भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों और ठेकेदारों पर कोई कार्यावाही क्यों नहीं होती यह समझ से परे हैं, बहरहाल भ्रष्टाचार की इस पराकाष्ठा में सरकारी अधिकारी मौज उठा रहे हैं और जनता बेबस और त्रस्त नजर आ रही है। 

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