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महापौर देहरादून, सुनील उनियाल गामा, माता मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज ने किया
श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम के नवनिर्मित छात्रावास का उद्घाटन

आज के समय में बच्चों में आत्मविश्वास जगाना बहुत आवश्यक है। क्योंकि जिस आधुनिक परिवेश में आज हमारे बच्चे पल बढ़ रहे हैं। उस परिवेश में हमारे बच्चों को नयी विचारधारा और उस विचाराधारा से रूबरू करना बहुत आवश्यक है।
उक्त विचार हंस फाउंडेशन की प्रेरणास्रोत माताश्री मंगला जी ने देहरादून स्थित श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम   बालिकाओं के नवनिर्मित छात्रावास का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए।
 इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माताश्री मंगला जी ने कहा कि समर्पण, सेवा और त्याग का भाव मानव समाज के लिए बहुत आवश्यक है।बाल वनिता आश्रम की स्थापना के पीछे स्वामी दयानंद सरस्वती और स्वामी श्रद्धानंद जैसे महापुरुषों का योगदान है।
बाल वनिता आश्रम में पहुंचे माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज ने  कहा कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं और बच्चों के पालन-पोषण में उनके नैसर्गिक गुणों को प्रोत्साहित करने वाला वातावरण बहुत आवश्यक है। बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, पालन-पोषण में बुद्धि, बल और विवेक तीनों गुणों का समावेश होना चाहिए। ऐसा ही काम श्री श्रद्धानंद बालवनिता आश्रम द्वारा किया जा रहा है।
इस मौके पर हंस फाउंडेशन के तत्वावधान में माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी ने दिव्यांग जनों को बैट्री रिक्शा भी प्रदान किए। ताकि यह लोग अपने भविष्य निर्माण की दिशा में आगे बढ़ सके।
इस मौके पर कार्यक्रम में पहुंचे देहरादून के महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम से जुड़े लोग जिस निष्ठा से काम कर रहे हैं वह सराहनीय है। बिन मांगे संस्था को जिस तरह से लोगों द्वारा सहायता दी जाती है, उससे स्पष्ट है कि संस्था के लोगों ने विश्वसनीयता बनाई है। समाज के सक्षम लोगों को इससे प्ररेणा लेकर अपने सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए आगे आना चाहिए। समाज आगे आता है तो देश आगे बढ़ता है। लोग यदि संवेदशील व चिंतनशील हैं तो राष्ट्र तरक्की करता है।



इस सोच के साथ श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम जिस तरह से काम कर रहा है। यह यकीनन सम्मान की बात है। श्री गामा ने इस मौके पर कहा कि माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी भी सेवा के पथ पर इसी तरह के कार्य कर रहे हैं। जो हम सब के लिए गर्व की बात है।
इस मौके पर स्थानीय विधायक खजान दास ने श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम
के कार्यों की सराहना की।
 श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम के अधिष्ठता ओमप्रकाश नांगिया ने इस मौके पर बताया कि श्रद्धानंद बालवनिता आश्रम का शिलान्यास सन 1929 में महात्मा गांधी जी के कर कमलों द्वारा किया गया। इसमें 10 वर्ष तक के बच्चें लिए जाते हैं। बच्चों की पढ़ाई व अन्य जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसके लिए आवश्यक धनराशि दानदाताओं द्वारा उपलब्ध करवा दी जाती है।
इस मौके पर आश्रम के प्रधान डाक्टर महेश कुमार शर्मा एवं कोषाध्यक्ष नारायण दत्त पंचाल आदि उपस्थित थे।
जगमोहन आज़ाद

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