ऐसा है मां कूष्मांडा का स्वरूप
कूष्मांडा का अर्थ है कुम्हड़े. बलियों में मां को कुम्हड़े की बलि सबसे ज्यादा प्रिय है. इसलिए इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है. मां कूष्मांडा के आठ भुजाएं हैं.
जिनमें जिनमें सात हाथों में कमंडल, धनुष-बाण, कमल पुष्प, शंख, चक्र, अमृत कलश और गदा सुशोभित हो रहे हैं वहीं आठवें हाथ में सभी निधियों और सिद्धियों को देने वाली जपमाला है. कूष्मांडा मां का वाहन सिंह है। ऐसा कहा जाता है कि मां कूष्मांडा बहुत थो़ड़ी ही सेवा और भक्ति से सहज प्रसन्न हो जाती हैं.
यदि कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से उनका शरणागत बन जाए तो उसे बड़ी ही सुगमता से परम पद की प्राप्ति हो सकती है. मां की उपासना मनुष्य को भवसागर से पार उतारने के लिए बहुत ही सहज मार्ग है।

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