भारत ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराने की ताकत हासिल की, ऐसा करने वाला चौथा देश बना: मोदी
◆ भारतीय वैज्ञानिकों ने ए-सैट मिसाइल से 300 किमी की ऊंचाई पर लाइव सैटेलाइट मार गिराया पहले यह तकनीकसिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास थी
नई दिल्ली :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने अपना नाम अंतरिक्ष इतिहास में दर्ज करा लिया है। भारतने तीन मिनट में अंतरिक्ष मेंलो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) मेंसैटेलाइट को मार गिराया। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है।लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बादयह पहला मौका था, जब मोदी ने देश को संबोधित किया। 8 नवंबर 2016 को मोदी ने अचानक देश को संबोधित कर नोटबंदी का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज 27 मार्च, कुछ ही समय पूर्व भारत ने एक अभूतपूर्व सिद्धिहासिल की है। भारत ने आज अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्तियानी स्पेस पावर के रूप में दर्ज करा दिया है। अब तक दुनिया के तीन देश- अमेरिका, रूस और चीन को यह उपलब्धि हासिल थी। अब भारत चौथा देश है, जिसने आज यह सिद्धी प्राप्त की है। हर हिंदुस्तानी के लिए इससे बड़े गर्व का पल नहीं हो सकता। कुछ ही समय पूर्व हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर एलईओमें एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है। मोदी ने कहा, ‘‘लो ऑर्बिट में यह लाइव सैटेलाइट, जो कि एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, उसे एंटी सैटेलाइट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया है। सिर्फ तीन मिनट में सफलतापूर्वक यह ऑपरेशन पूरा किया गया है। मिशन शक्ति यह अत्यंत कठिन ऑपरेशन था, जिसने बहुत ही उच्च कोटि की तकनीकी क्षमता की आवश्यकता थी। वैज्ञानिकों द्वारा सभी निर्धारित लक्ष्य और उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए हैं। हम सभी भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है कि यह पराक्रम भारत में ही विकसित एंटी सैटेलाइट ए-सैट मिसाइल द्वारा विकसित किया गया है।
मोदी ने कहा, ‘‘मैं मिशन शक्ति से जुड़े सभी वैज्ञानिकों, डीआरडीओ के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जिन्होंने इस आसाधारण सफलता को प्राप्त करने में योगदान दिया। हमें हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है। अंतरिक्ष आज हमारी जीवनशैली का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। आज हमारे पास पर्याप्त संख्या में उपग्रह उपलब्ध हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं, जैसे- कृषि, रक्षा, आपदा प्रबंधन, टीवी, एंटरटेनमेंट, मौसम की जानकारी, नेविगेशन, शिक्षा, मेडिकल। हमारे उपग्रहों का लाभ सभी को मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘विश्व में स्पेस और सैटेलाइट का महत्व बढ़ता जाने वाला है, शायद जीवन इसके बिना अधूरा हो जाएगा। ऐसी स्थिति में इन सभी उपकरणों की सुरक्षा पुख्ता करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आज की एंटी सैटेलाइट ए-सैट मिसाइल भारत की सुरक्षा की दृष्टि से और भारत की विकास यात्रा की दृष्टि से देश को एक नई मजबूती देगी। आज मैं विश्व समुदाय को भी आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमने जो यह नई क्षमता हासिल की है, वह किसी के विरुद्ध नहीं है। यह तेज गति से आगे बढ़ रहे देश की सुरक्षात्मक पहल है। भारत अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के विरुद्ध रहा है। इससे इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। आज का यह परीक्षण किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय कानून अथवा संधि-समझौतों का उल्लंघन नहीं करता। हम आधुनिक तकनीक का उपयोग देश के 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण करने के लिए करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री के मुताबिक, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम आगे बढ़ें और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहें। हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाना ही होगा। सभी देशवासी सुरक्षित महसूस करें, यही हमारा लक्ष्य है। मुझे अपने लोगों की कर्मठता, प्रतिबद्धता और समर्पण पर पूर्ण विश्वास है। हम एकजुट होकर शक्तिशाली, विशाल और समृद्ध भारत का निर्माण करें। मैं ऐसे भारत की कल्पना करता हूं जो अपने समय से दो कदम आगे की सोच सके और चलने की हिम्मत जुटा सके।’’
‘‘सभी देशवासियों को आज की इस महान उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। इसे करने वालों का अभिनदंन करता हूं। भारत माता की जय।’’
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