शिक्षा जे क्षेत्र में झंडे गाड़ती हुई, उत्तराखंड की बेटियों के साथ एक नाम और जुड़ गया और वो है दामिनी मैठाणी।मूलरूप से चमोली जनपद में मैठाणा गांव की निवासी दामिनी मैठाणी ने गेट 2019 की परीक्षा में देशभर से हजारों की संख्या में शामिल छात्रों में 85 वां रेंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है ।
दामिनी की प्रारंभिक पढ़ाई मैठाणा गांव व गोपेश्वर से हुई है । और बी. एस. सी. स्नातक गोपेश्वर महाविद्यालय से करने के बाद गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय से एम. एस. सी. माइक्रोबायोलॉजी की डिग्री प्राप्त की । और अब वर्तमान में दामिनी पंतनगर विश्वविद्यालय से ही माइक्रोबायोलॉजी में पी.एच. डी. कर रही है । पी.एच. डी. के साथ-साथ उसने गेट की भी तैयारी की और अब देशभर में इस प्रतिष्ठित एक्जाम में 85 वां रेंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया है ।
इस उपलब्धि से खुश दामिनी अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता अनिल मैठाणी व रश्मि मैठाणी को देती है । उसका कहना है कि ईमानदारी व लगन से की गई मेहनत कभी बर्बाद नहीं जाती है । दामिनी ने अपने संदेश में कहा कि हर एक अध्ययनरत युवाओं को अपना विजन क्लियर करना पड़ेगा । जब लक्ष्य निर्धारित होता है तो ही उसे पाने के लिए सही दिशा में सफलतम व उच्चतम प्रयास भी किए जाते हैं ।
दामिनी की इस उपलब्धि से उनके चाचा समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी काफी उत्साहित हैं और उन्होंने बताया कि हमारी बिटिया बचपन से ही पढ़ाई के लिए बहुत गंभीर रही है । और वह यहीं नहीं रुकेगी आगे और भी कीर्तिमान दामिनी स्थापित करेगी ।
दामिनी की प्रारंभिक पढ़ाई मैठाणा गांव व गोपेश्वर से हुई है । और बी. एस. सी. स्नातक गोपेश्वर महाविद्यालय से करने के बाद गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय से एम. एस. सी. माइक्रोबायोलॉजी की डिग्री प्राप्त की । और अब वर्तमान में दामिनी पंतनगर विश्वविद्यालय से ही माइक्रोबायोलॉजी में पी.एच. डी. कर रही है । पी.एच. डी. के साथ-साथ उसने गेट की भी तैयारी की और अब देशभर में इस प्रतिष्ठित एक्जाम में 85 वां रेंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया है ।
इस उपलब्धि से खुश दामिनी अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता अनिल मैठाणी व रश्मि मैठाणी को देती है । उसका कहना है कि ईमानदारी व लगन से की गई मेहनत कभी बर्बाद नहीं जाती है । दामिनी ने अपने संदेश में कहा कि हर एक अध्ययनरत युवाओं को अपना विजन क्लियर करना पड़ेगा । जब लक्ष्य निर्धारित होता है तो ही उसे पाने के लिए सही दिशा में सफलतम व उच्चतम प्रयास भी किए जाते हैं ।
दामिनी की इस उपलब्धि से उनके चाचा समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी काफी उत्साहित हैं और उन्होंने बताया कि हमारी बिटिया बचपन से ही पढ़ाई के लिए बहुत गंभीर रही है । और वह यहीं नहीं रुकेगी आगे और भी कीर्तिमान दामिनी स्थापित करेगी ।
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