-------प्रेस विज्ञप्ति---
एम्स से निष्कासित कर्मचारी संघर्ष मोर्चा का धरना 29 वे दिन भी जारी रहा आमरण अनशन पर बैठे दूसरे दिन अनिता भंडारी एवं मोनिका शर्मा के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिकित्सकों की टीम आई आमरण अनशन पर बैठे मोनिका शर्मा का कहना है कि उन्होंने 7 साल तक एम्स को अपनी सेवाएं प्रधान करें वह चतुर्थ श्रेणी वर्ग में अपनी योग्यता के अनुसार पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करते थे लेकिन न जाने किस कारण अचानक एम्स प्रशासन ने उनको नौकरी से हटा कर उनके परिवार को सड़कों पर लाने का काम किया है मोनिका शर्मा का कहना है कि वह अन्य विकल्प ना होने के कारण आमरण अनशन पर बैठी है और यदि उनके साथ किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी एम्स प्रशासन की होगी अनशन पर बैठी अनिता भंडारी का कहना है कि उन्होंने एम्स की सेवा में अपने जीवन के उन पलों को दिया जहां अन्य जगह पर मिलते तो रोजगार कर सकती थी आज उनके पास कोई विकल्प नहीं है और अपने परिवार को आर्थिक संकट से बचाने के लिए उन्होंने आमरण अनशन का रास्ता चुना और उन्होंने एम्स निदेशक से आग्रह किया कि जल्द से जल्द हमारी बहाली कर दी जाए और यदि मेरे और मेरे परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी एम्स निदेशक की होगी ।क्रमिक अनशन पर बैठे सुनील खंडूरी का कहना है कि उन्होंने 6 साल है उसको सेवाएं दी और आज जो व्यक्ति एम्स प्रशासन दे रहा है कि वह अयोग्य थे तो प्रशासन बताएं की हम लोगों को 6 साल तक क्यों रखा गया और हमारी सेवाओं से संस्थान को क्या नुकसान हुआ जब आउटसोर्सिंग धड़ल्ले से जारी है तो हमारे साथी सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है एम्स प्रशासन हमारे मनोबल का तोड़ने का काम कर रहा है और हमें मजबूर कर रहा है उग्र आंदोलन के लिए बाध्य कर रहा है । क्रमिक अनशन पर बैठे दीपक रयाल का कहना है कि मैंने अपना कार्य पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ किया और मेरा पूरा परिवार मेरी जीविका पर आधारित है आज परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है मैंने पिछली बार भी अन्य विकल्प ना होने के कारण आमरण अनशन किया था जिसमें मुझे झूठा आश्वासन देकर मुझे और मेरे परिवार को अंधकार में रखा गया अपना मैं पुणे एम्स प्रशासन से निवेदन करता हूं कि हमारी योग्यता पर प्रश्न खड़ा ना किया जाए और हमारे साथ जो गलत किया गया उसके अनुसार हमें न्याय दिया जाए नहीं तो किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की समस्त जिम्मेदारी एम्स प्रशासन की होगी दयाराम का कहना है की उन्होंने अपनी सेवा देते हुए एम्स में तीमारदारों की अच्छी देखभाल करें यदि हम योग्य नहीं थे तो हमें रखा क्यों गया जबकि हमारे पास जो हमसे पैसों की मांग की गई वह देने के लिए नहीं थे हम चाहते हैं की परमानेंट नियुक्तियों की सीबीआई जांच करवाई जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो दीपक डबराल का कहना है कि मैं अपनी योग्यता के अनुसार एम्स में लगा लेकिन जब मुझे लंबे समय तक रखने के लिए पैसों की की मांग करने का आरोप लगाया और की गई तो मैं देने में असमर्थ जिसके कारण जिसके कारण मुझे नौकरी से हटा दिया क्या और मैं चाहता हूं कि जिन कर्मचारियों का चयन हुआ है वहां पर भी बहुत बड़ी मात्रा में धांधली की गई है केंद्र सरकार यदि सीबीआई जांच करती है या माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा गठित जांच कमेटी से जिन पदों पर चाय आउटसोर्सिंग हो या परमानेंट नियुक्ति तो पता चल जाएगा कितने लोग एम्स में सेवा देने के अयोग्य है आकाश जोशी का कहना है की एम्स प्रशासन का बयान पूरे उत्तराखंड के बेरोजगारों के प्रति सवाल खड़ा करता है मैं अपनी योग्यता के अनुसार एम्स में सेवा दे रहा था और अब स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच होनी चाहिए और हमें न्याय मिलना चाहिए ।
जब तक हमें न्याय नहीं मिलता हम अपना आंदोलन जारीएम्स में कार रेस शिवानी का कहना है कि उन्होंने पूरी लगन के साथ एम्स में सेवाएं दी और एम्स प्रशासन का बयान हमें मानसिक रूप से परेशान करने वाला है हमें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य ना किया जाए जल्द से जल्द हमारी पुनः बहाल की जाए रखेंगे राज्य आंदोलनकारी आंदोलनकारी मातृशक्ति
गुलाबी राणा जयंती नेगी रामेश्वरी चौहान बचनी रावत शांति तड़ियाल का एक सुर कहना है क्या मैं राज्य की लड़ाई लड़ी थी और आज फिर हमारी बेटियां रोजगार के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं इसलिए हमने राज्य के लिए लाठिया डंडे और कुर्बानी नहीं दी थी यदि जल्द से जल्द इन की पुनः बहाली नहीं की गई तो हम इनके साथ अनशन पर बैठ जाएंगे और यदि इन को किसी भी प्रकार से डराया धमकाया प्रताड़ित किया जाएगा तो राज्य आंदोलन की तर्ज पर एक और आंदोलन जन्म लेगा साथ इनका कहना है एम्स प्रशासन औचित्य हीन बयानबाजी ना करें और उत्तराखंड के लोगों की काबिलियत पर प्रश्नचिन्ह खड़ा ना करें हम बहुत नरम लोग हैं लेकिन यदि हमें छेड़ा गया तो फिर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।आज समर्थन देने वालों में कैप्टन बलवीर सिंह नेगी युद्धवीर चौहान विक्रम भंडारी अरविंद हटवाल बेरोजगार संघ सलाहकार नवीन शर्मा कॉंग्रेस प्रदेश महासचिव दिनेश व्यास महानगर अध्यक्ष मधु जोशी दाताराम मंगाई नवीन शर्मा बेरोजगार संघ सलाहकार महामंत्रीडीएस गुसाईं ,वेदकिशोर रयाल गीताराम उनियाल हिमांशु रयाल अशोल कुमार सोनू शिवा सिंह अमित बलोनी कंचन रोहित चौबे शिवानी ललित कुमार उर्मिला डबराल कौसर मनोज बिष्ट पवन जैन दीपक डबराल आकाश जोशी सुरेंद्र जोशी दयाराम सैनी अजित गैरोल कमल किशोर माहेश्वरी देवी गुलाबी राणा कुमा रमन कुशमलता विकास रावत ज्योती मोनिका रमा पंकज सिंह विक्रम सिंह भंडारी सरिता धीरज बेलवाल आदि।
एम्स से निष्कासित कर्मचारी संघर्ष मोर्चा का धरना 29 वे दिन भी जारी रहा आमरण अनशन पर बैठे दूसरे दिन अनिता भंडारी एवं मोनिका शर्मा के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिकित्सकों की टीम आई आमरण अनशन पर बैठे मोनिका शर्मा का कहना है कि उन्होंने 7 साल तक एम्स को अपनी सेवाएं प्रधान करें वह चतुर्थ श्रेणी वर्ग में अपनी योग्यता के अनुसार पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करते थे लेकिन न जाने किस कारण अचानक एम्स प्रशासन ने उनको नौकरी से हटा कर उनके परिवार को सड़कों पर लाने का काम किया है मोनिका शर्मा का कहना है कि वह अन्य विकल्प ना होने के कारण आमरण अनशन पर बैठी है और यदि उनके साथ किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी एम्स प्रशासन की होगी अनशन पर बैठी अनिता भंडारी का कहना है कि उन्होंने एम्स की सेवा में अपने जीवन के उन पलों को दिया जहां अन्य जगह पर मिलते तो रोजगार कर सकती थी आज उनके पास कोई विकल्प नहीं है और अपने परिवार को आर्थिक संकट से बचाने के लिए उन्होंने आमरण अनशन का रास्ता चुना और उन्होंने एम्स निदेशक से आग्रह किया कि जल्द से जल्द हमारी बहाली कर दी जाए और यदि मेरे और मेरे परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी एम्स निदेशक की होगी ।क्रमिक अनशन पर बैठे सुनील खंडूरी का कहना है कि उन्होंने 6 साल है उसको सेवाएं दी और आज जो व्यक्ति एम्स प्रशासन दे रहा है कि वह अयोग्य थे तो प्रशासन बताएं की हम लोगों को 6 साल तक क्यों रखा गया और हमारी सेवाओं से संस्थान को क्या नुकसान हुआ जब आउटसोर्सिंग धड़ल्ले से जारी है तो हमारे साथी सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है एम्स प्रशासन हमारे मनोबल का तोड़ने का काम कर रहा है और हमें मजबूर कर रहा है उग्र आंदोलन के लिए बाध्य कर रहा है । क्रमिक अनशन पर बैठे दीपक रयाल का कहना है कि मैंने अपना कार्य पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ किया और मेरा पूरा परिवार मेरी जीविका पर आधारित है आज परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है मैंने पिछली बार भी अन्य विकल्प ना होने के कारण आमरण अनशन किया था जिसमें मुझे झूठा आश्वासन देकर मुझे और मेरे परिवार को अंधकार में रखा गया अपना मैं पुणे एम्स प्रशासन से निवेदन करता हूं कि हमारी योग्यता पर प्रश्न खड़ा ना किया जाए और हमारे साथ जो गलत किया गया उसके अनुसार हमें न्याय दिया जाए नहीं तो किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की समस्त जिम्मेदारी एम्स प्रशासन की होगी दयाराम का कहना है की उन्होंने अपनी सेवा देते हुए एम्स में तीमारदारों की अच्छी देखभाल करें यदि हम योग्य नहीं थे तो हमें रखा क्यों गया जबकि हमारे पास जो हमसे पैसों की मांग की गई वह देने के लिए नहीं थे हम चाहते हैं की परमानेंट नियुक्तियों की सीबीआई जांच करवाई जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो दीपक डबराल का कहना है कि मैं अपनी योग्यता के अनुसार एम्स में लगा लेकिन जब मुझे लंबे समय तक रखने के लिए पैसों की की मांग करने का आरोप लगाया और की गई तो मैं देने में असमर्थ जिसके कारण जिसके कारण मुझे नौकरी से हटा दिया क्या और मैं चाहता हूं कि जिन कर्मचारियों का चयन हुआ है वहां पर भी बहुत बड़ी मात्रा में धांधली की गई है केंद्र सरकार यदि सीबीआई जांच करती है या माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा गठित जांच कमेटी से जिन पदों पर चाय आउटसोर्सिंग हो या परमानेंट नियुक्ति तो पता चल जाएगा कितने लोग एम्स में सेवा देने के अयोग्य है आकाश जोशी का कहना है की एम्स प्रशासन का बयान पूरे उत्तराखंड के बेरोजगारों के प्रति सवाल खड़ा करता है मैं अपनी योग्यता के अनुसार एम्स में सेवा दे रहा था और अब स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच होनी चाहिए और हमें न्याय मिलना चाहिए ।
जब तक हमें न्याय नहीं मिलता हम अपना आंदोलन जारीएम्स में कार रेस शिवानी का कहना है कि उन्होंने पूरी लगन के साथ एम्स में सेवाएं दी और एम्स प्रशासन का बयान हमें मानसिक रूप से परेशान करने वाला है हमें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य ना किया जाए जल्द से जल्द हमारी पुनः बहाल की जाए रखेंगे राज्य आंदोलनकारी आंदोलनकारी मातृशक्ति
गुलाबी राणा जयंती नेगी रामेश्वरी चौहान बचनी रावत शांति तड़ियाल का एक सुर कहना है क्या मैं राज्य की लड़ाई लड़ी थी और आज फिर हमारी बेटियां रोजगार के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं इसलिए हमने राज्य के लिए लाठिया डंडे और कुर्बानी नहीं दी थी यदि जल्द से जल्द इन की पुनः बहाली नहीं की गई तो हम इनके साथ अनशन पर बैठ जाएंगे और यदि इन को किसी भी प्रकार से डराया धमकाया प्रताड़ित किया जाएगा तो राज्य आंदोलन की तर्ज पर एक और आंदोलन जन्म लेगा साथ इनका कहना है एम्स प्रशासन औचित्य हीन बयानबाजी ना करें और उत्तराखंड के लोगों की काबिलियत पर प्रश्नचिन्ह खड़ा ना करें हम बहुत नरम लोग हैं लेकिन यदि हमें छेड़ा गया तो फिर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।आज समर्थन देने वालों में कैप्टन बलवीर सिंह नेगी युद्धवीर चौहान विक्रम भंडारी अरविंद हटवाल बेरोजगार संघ सलाहकार नवीन शर्मा कॉंग्रेस प्रदेश महासचिव दिनेश व्यास महानगर अध्यक्ष मधु जोशी दाताराम मंगाई नवीन शर्मा बेरोजगार संघ सलाहकार महामंत्रीडीएस गुसाईं ,वेदकिशोर रयाल गीताराम उनियाल हिमांशु रयाल अशोल कुमार सोनू शिवा सिंह अमित बलोनी कंचन रोहित चौबे शिवानी ललित कुमार उर्मिला डबराल कौसर मनोज बिष्ट पवन जैन दीपक डबराल आकाश जोशी सुरेंद्र जोशी दयाराम सैनी अजित गैरोल कमल किशोर माहेश्वरी देवी गुलाबी राणा कुमा रमन कुशमलता विकास रावत ज्योती मोनिका रमा पंकज सिंह विक्रम सिंह भंडारी सरिता धीरज बेलवाल आदि।
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