उत्तरकाशी:
दिलीप कुमार
शिवरात्रि के दिन बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में सुबह से लगा हुआ भक्तो का तांता।
आज सुबह चार बजे से ही भक्तगण भगवान शिव को जलाभिषेक कर रहे है और भक्तो ने शिवजी की बारात भी निकाली। महापर्व शिवरात्रि को लेकर भोले की नगरी उत्तरकाशी में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। पौराणिक काल से ही मान्यता है कि यहाँ साक्षात भगवान है।
फाल्गुन माह की त्रयोदशी को शिवरात्रि मनाई जाती है. भोलेनाथ का बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में चार पहर अभिषेक किया जाता है. माना जाता है कि महाशिवरात्रि पर जो भक्त बाबा काशी विश्वनाथ से कामना करते है। और शिवरात्रि के दिन भक्त भगवान शिव से विश्वनाथ पूरी मनोकामना पूर्ण करते है।
माना जाता है कि प्राचीन काल से ही भगवान शिव को समर्पित है।
उत्तरकाशी को प्राचीन समय से ही विश्वनाथ नगरी कहा जाता है।कालांतर में इसे उत्तरकाशी कहा जाता है।
केदारखंड ओर स्कन्दपुराण में काशी के बाराहाट शब्द का प्रयोग किया गया है।
पुराणों में काशी विश्वनाथ नगरी को सोमयकाशी कहा जाता है।कथाओ के अनुसार राजा भगीरथ ने यहाँ तपस्या की थी।उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें वरदान दिया था कि भगवान शिव धरती पर गंगा को धारण करने आ रहे
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