रेनेसा द्रोण स्कूल डोईवाला में शहीद दिवस पर आजादी के मतवाले भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को श्रद्धा सुमन अर्पित की गई l वक्ताओं ने शहीदों के आदर्श अपने जीवन में आत्मसार करने का आवाहन किया l
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रेनेसा द्रोण स्कूल डोईवाला में आयोजित कार्यक्रम में भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये l
इस अवसर पर सभासद मनीष कुमार धीमान ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु का नाम जहन में आते ही शरीर में जोश दौड़ने लगता है, रोंगटे खड़े हो जाते हैं। खुद को देशभक्ति के जज्बे से भरने से उनका नाम लेना ही काफी। वह ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी कभी कबूल नहीं की और बहरी अंग्रेजी हुकूमत तक अपनी बात पहुंचाने के लिए असेंबली में बम फेंक दिया। वो भागे नहीं, जिसके नतीजे में उन्हें फांसी की सजा हो गई।
विद्यालय के प्रबंधक मनीष वत्स ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को फांसी की सजा न देने के लिए सरकारी गवाह बनने और सभी क्रांतिकारियों से आजादी की लड़ाई न लड़ने के लिए कहा l यदि भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु चाहते तो अंग्रेजी हुकूमत से बात करके अपने जीवन की रक्षा कर सकते थे किंतु उन्होंने गुलामी की जंजीर में बंधी मां भारती को आजादी देने के लिए हंसते-हंसते अपने अपना बलिदान दे दिया l उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति में देश भक्ति ना हो वह कभी समाज का हितेषी भी नहीं हो सकता
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय वशिष्ठ, अर्चना सजवान, सरिता सहरावत, प्रियंका खंडूरी, शिवानी गुरुंग अर्चना शर्मा, मनीषा काले, नूतन दास, शिवांक पाल, अंजली क्षेत्री, लोकेश, सुरभि कौशल, नीलम सैनी आदि उपस्थित थे l
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रेनेसा द्रोण स्कूल डोईवाला में आयोजित कार्यक्रम में भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये l
इस अवसर पर सभासद मनीष कुमार धीमान ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु का नाम जहन में आते ही शरीर में जोश दौड़ने लगता है, रोंगटे खड़े हो जाते हैं। खुद को देशभक्ति के जज्बे से भरने से उनका नाम लेना ही काफी। वह ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी कभी कबूल नहीं की और बहरी अंग्रेजी हुकूमत तक अपनी बात पहुंचाने के लिए असेंबली में बम फेंक दिया। वो भागे नहीं, जिसके नतीजे में उन्हें फांसी की सजा हो गई।
विद्यालय के प्रबंधक मनीष वत्स ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को फांसी की सजा न देने के लिए सरकारी गवाह बनने और सभी क्रांतिकारियों से आजादी की लड़ाई न लड़ने के लिए कहा l यदि भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु चाहते तो अंग्रेजी हुकूमत से बात करके अपने जीवन की रक्षा कर सकते थे किंतु उन्होंने गुलामी की जंजीर में बंधी मां भारती को आजादी देने के लिए हंसते-हंसते अपने अपना बलिदान दे दिया l उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति में देश भक्ति ना हो वह कभी समाज का हितेषी भी नहीं हो सकता
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय वशिष्ठ, अर्चना सजवान, सरिता सहरावत, प्रियंका खंडूरी, शिवानी गुरुंग अर्चना शर्मा, मनीषा काले, नूतन दास, शिवांक पाल, अंजली क्षेत्री, लोकेश, सुरभि कौशल, नीलम सैनी आदि उपस्थित थे l
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