Halloween party ideas 2015

0
डोईवाला:

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के तहत हिमालयन हाॅस्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग ने दो वर्षीय यश की जटिल सर्जरी कर जान बचाई।


हिमालयन अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग से डाॅ. संतोष कुमार ने बताया कि देहरादून निवासी दो वर्षीय यश को कई अस्पतालों के चक्कर लागाने के बाद हिमालयन अस्पताल लाया गया। यश के परिजनो ने बताया कि यश को लगातार बुखार व मूत्र संक्रमण हो रहा था। जिसके वजह से यश को काफी परेशानी हो रही थी। उन्होंने आस-पास के कई अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद उनके रिश्तेदारों ने यश को उन्हें हिमालयन अस्पताल दिखाने की सलाह दी। यश के परिजन यश को लेकर पीडिया सर्जन डाॅ. संतोष कुमार के पास लाए। चिकित्सक ने बच्चे की प्रारंभिक सभी जांच करने के बाद पाया कि दो वर्षीय यश की गुर्दे की नली में सूजन के साथ मवाद भी भरा हुआ था।


 डाॅ. संतोष कुमार का कहना है कि गुर्दे में खराबी के कारण ही बच्चे को मूत्र संक्रमण की दिक्कत हमेशा बनी रहती थी। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग से चिकित्सक डाॅ. संतोष ने कहा कि यश के गुर्दे में सूजन व मवाद को निकालने के लिए (लेप्रोस्कोपी) दूरबीन विधि से यश का आॅपरेशन किया गया। दूरबीन विधि में तीन छोटे छेद कर के सर्जरी की जाती है, इससे मरीज को दर्द भी कम सहना पड़ता है, व खर्चा भी (नेफ्रो-यूरेटरेक्टोमी) से कम आता है। चिकित्सक का कहना है कि जटिल सर्जरी इसलिए भी थी कि यश अभी मात्र दो साल का है, अगर समय रहते उसका आॅपरेशन किया जाता तो उम्र बढ़ने के साथ यश के जीवन के लिए खतरा बना हुआ था। उन्होंने कहा कि पहले लेप्रोस्कोपी विधि से आॅपरेशन करना बड़े शहरों में ही संभव था, जबकि अब हिमालयन अस्पताल में पिछले पांच वर्षों से बच्चों के कई तरह के जटिल आॅपरेशन दूरबीन विधि से सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं, जो कि बच्चे के लिए सुरक्षित भी हैं। पीडिया सर्जन डाॅ. संतोष ने बताया कि हिमालयन अस्पताल में दूर-दराज इलाके से बच्चों में अपेंडिक्स, पित्त की थैली, गुर्दों के आॅपरेशन, लड़कियों में अंडाशय के आॅपरेशन भी दूरबीन विधि से किए जा रहे हैं। आॅपरेशन को सफल बनाने में डाॅ. तन्वी, ओटी स्टाफ माधवी, एनेस्थीसिया टीम से डाॅ. दिव्या, डाॅ. शुभी व डाॅ. राकेश ने सहयोग दिया।  

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.