मैं ,भारत में नहीं बल्कि भारत मुझमें बसता है-साध्वी भगवती सरस्वती
ऋषिकेश,:
परमार्थ निकेतन गुरूकुल में स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के पावन सान्निध्य तथा विश्व के अनेक देशों से आये श्रद्धालुओं की पावन उपस्थिति में जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती का जन्मदिन पौधों का रोपण पर्यावरण के अनुकूल मनाया गया।
बताते चले कि साध्वी भगवती सरस्वती , हाॅलीवुड, कैलिफोर्निया के एक अमेरिकी परिवार से है। वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर पीएचडी कर रही थी ,तभी वर्ष 1996 में अमेरीका छोड़कर भारत में पवित्र हिमालय की वादियों में स्थित आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश, के परमार्थ निकेतन आश्रम में रहने लगी। भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरू परम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के मार्गदर्शन एवं सानिध्य में उन्होने वर्ष 2000 में सन्यास ग्रहण किया।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ’डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन’ की अध्यक्ष हैं। यह संगठन महिलाओं के सशक्तिकरण एवं बच्चों की शिक्षा को समर्पित है, जो मुफ्त स्कूल, व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र और सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाता है। साथ ही वह ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव हैं। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जो विश्व स्तर पर बच्चों को स्वच्छ जल, स्वच्छता और स्वच्छता के कार्यो को समर्पित है।
वे बड़े-बड़े मंचों पर व्यवसाय, विज्ञान, आध्यात्मिकता, सतत विकास, जीवन में सुख और शान्ति जैसे विभिन्न विषयों से जनसमुदाय का मार्गदर्शन कर रही है। वह संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व धर्म की संसद, कई अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और शिखर सम्मेलनों में भी स्पीकर रही हैं। उनका ज्ञान पश्चिम के ज्ञान-विज्ञान और तर्क के साथ पूरब की आध्यात्मिकता का मिश्रण है जो दो संस्कृतियों के मध्य आध्यात्मिक पुल के रूप में प्रसिद्ध है।
परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश में साध्वी ध्यान और आध्यात्मिक प्रवचन देती है; परामर्श प्रदान करती है साथ ही वे प्रतिवर्ष परमार्थ निकेतन में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का निर्देशन भी करती है। उन्होने मनोविज्ञान से पीएचडी की और महाग्रण्थ हिन्दू धर्म विश्वकोश की प्रबंध संपादक रही है। वास्तव में उनका जीवन भारतीय संस्कृति और संस्कारों की प्रतिमूर्ति है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वास्तव में साध्वी जी का जीवन हाॅलीवुड से बालीवुड की डिवाइन यात्रा है।
अमरीका से आयी प्रसिद्ध योगचार्य लौरा प्लम्ब ने कहा कि हाॅलीवुड कल्चर में शिक्षा ग्रहण कर भारतीय संस्कारों को इस प्रकार जीना अद्भुत है। वास्तव में साध्वी जी भारतीय संस्कारों की प्रतिमूर्ति है।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि मुझे कभी भी नहीं लगा कि में भारत से नहीं हूँ। परमार्थ निकेतन आश्रम और माँ गंगा का तट ही मेरा घर है। उन्होने कहा कि मैं भारत में नहीं बल्कि भारत मुझमें बसता है।
साध्वी भगवती सरस्वती का जन्मदिन वास्तव में ’वसुधैव कुटुम्बकम्’ हम सभी एक परिवार है का संदेश दे रहा था यहां पर विश्व के विभिन्न देशों से आये लोगों ने संस्कृत, हिन्दी, स्पेनिश, चाइनिज, एरोबिक, जर्मन, फ्रेंच, कोरियन, अंग्रेजी और विश्व की अन्य भाषाओं में साध्वी जी को जन्मदिन की शुभकामनायें दी।
परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने सुश्री नन्दबाला व्यास के निर्देशन में सभी स्वामी चिदानन्द सरस्वती , साध्वी भगवती सरस्वती , श्रीमती रेखा , श्रीमती इन्दू सुश्री गंगा नन्दिनी , सुश्री भारती , लौरी , योगाचार्य लौरा प्लम्ब, और विश्व के अनेक देशों से आये श्रद्धालुओं का वेदमंत्रों के ध्वनि के साथ स्वागत किया तथा सभी ने मिलकर हरित जन्मदिवस का संदेश देते हुये फलदार पौधों का रोपण किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने सभी को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।
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