सहज संवाद / डा. रवीन्द्र अरजरिया
जीवन के विभिन्न आयामों में समाज के दायित्वों
का महात्वपूर्ण स्थान है। सम्पन्नता की चरम पर बैठे अधिकांश लोगों व्दारा दिखावटी
विज्ञापनों की तरह ऐसे कार्यों को किया जा रहा है ताकि वे प्रचार के माध्यमों से
समाज के अन्तिम छोर पर बैठे जरूरतमंद की सहायता करते हुए दिखें। इस तरह के नाटक से
पुरस्कार, सम्मान और झूठी प्रतिष्ठा तो प्राप्त की जा सकती है परन्तु वास्तविक
सुख, शान्ति और कर्तव्यबोध की संतुष्टि प्राप्त नहीं हो सकती। वर्तमान समय में
चिकित्सा के क्षेत्र में जहां सरकारी संस्थानों में पर्दे के पीछे से बडे-बडे खेल
हो रहे हैं वहीं निजी संस्थानों में मंहगाई का तांडव खुलकर दिखाई दे रहा है। विचार
चल ही रहे थे कि फोन की घंटी बज उठी। दूसरी ओर से जानेमाने नेत्र विशेषज्ञ डा.
कपिल खुराना का अभिवादन भरा स्वर गूंजा। आश्चर्य मिश्रित सुखद अनुभूति हुई।
उन्होंने विशेष प्रयोजन हेतु मिलने की इच्छा व्यक्त की। हमने तत्काल स्वीकृति देकर
मिलने का स्थान और समय निर्धारित कर लिया। उन्होंने हमारी दुर्घटना के उपरान्त
परिवार के सदस्य की तरह ही देखभाल की थी। स्वस्थ होने तक निरंतर अपनी निगरानी में
रखा था। वे एक प्रसिद्ध आई केयर सेन्टर के चेयरमेन है जिसमें विश्वस्तरीय
अत्याधुनिक उपकरणों की सहायता से विशेषज्ञों की एक बडी टीम उनके निर्देशन में
मरीजों का उपचार करती है। निर्धारित समय और स्थान पर हम आमने-सामने थे। अभिवादन के
आदान-प्रदान के बाद कुशलक्षेम पूछने-बताने का क्रम चला निकला। जल्दी ही हम उनके
विशेष प्रयोजन पर आ गये। समाज के वर्तमान स्वरूप का विश्लेषण करने के बाद उन्होंने
निर्धन वर्ग हेतु अपने सेन्टर की सुविधायें निःशुल्क उपलब्ध कराने की इच्छा व्यक्त
की। हमारे मस्तिष्क में चल रहे विचार और उनकी इच्छा ने एक ही धरातल पर आकार लेना
शुरू कर दिया। लोगों की मानसिकता की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि समस्या यह
है कि गरीबी के मापदण्ड, उनकी वास्तविक आवश्यकतायें और सहयोगात्मक स्वरूप के
सदुपयोग को रेखांकित करना बेहद मुश्किल काम है। गरीबी के नाम पर प्रभावशाली लोगों
के राशनकार्डों सहित सरकारी सुविधायें हडपने के अनेक मामले सामने आते रहते हैं।
जरूरतमंदों को मुफ्त में मिलने वाले सहयोग पर, सम्पन्न लोगों की गिद्ध नजरें लगीं
रहतीं है। प्रत्येक माह के एक निर्धारित दिवस को हम अपने संस्थान में विश्वस्तरीय
मशीनों और तकनीशियनों की सेवाओं सहित विशेषज्ञों का ज्ञान, औषधि और आपरेशन तक की
सुविधायें गरीबों हेतु निशुःल्क उपलब्ध कराना चाहते हैं। समाज के वैभवशाली वर्ग
में एक समूह ऐसा भी है जो गरीबों के प्रति समर्पित सेवाओं पर अतिक्रमण की फिराक
में रहता है। हम नहीं चाहते कि दरिद्रदेव को चढाये जाने वाले सुमन किसी राजा को
समर्पित होने वाले हार में गूंथे जायें। इतना कहने के बाद उनके शब्द खामोश हो गये।
नजरें हमारे चेहरे को घूरतीं हुई उत्तर की तलाश करने लगीं। अब हमारी समझ में उनका
विशेष प्रयोजन पूरी तरह से आ चुका था। सर्वहारा वर्ग की इस मानसिकता को स्वीकारते
हुए हमने कहा कि यह सत्य है कि समाज में कलुषित मानसिकता का प्रतिशत दिनों दिन
बढता जा रहा है। स्वार्थ की बुनियाद मजबूती के नये कीर्तिमान तय कर रही है। लालच
का दावानल चारों ओर से बढ रहा है। ऐसे में वास्तविक लक्ष्य का शतप्रतिशत भेदन बेहद
कठिन है परन्तु यदि सफलता की प्रतिशत 75 से अधिक आता है तो हम उसे सम्मानजनक
उपलब्धि के रूप में निरूपित कर सकते हैं। हमें लगता है कि आपकी इच्छा ने संकल्प का
स्वरूप ग्रहण कर लिया है। गरीबी के यथार्थ स्वरूप का साक्षात्कार होते ही इस तरह
की भावनायें जन्म लेतीं है। यह सकारात्मक सोच की पहली पायदान है जो मानवीयता के
चरम तक पहुंचाती है। गांव के हितग्राहियों को चिन्हित करने हेतु आपको अपनी टीम
भेजना होगी, जो गरीबी के नीचे का सरकारी प्रमाण पत्र, ग्राम पंचायत के मुखिया की
संस्तुति, गांव के पांच प्रतिष्ठित लोगों का पंचनामा लेकर पंजीकरण हेतु आने वालों
को ही आवेदन पत्र दे। आवेदन पत्र प्राप्त होने पर हितग्राही को चिकित्सीय जांच हेतु
दिवस, समय आदि का आवंटन किया जाये। आपरेशन की आवश्यकता होने पर आपरेशन की तिथि
निर्धारित की जाये। इस तरह के फिल्टर लगाने से निःशुल्क सेवा के अनुष्ठान की
पूर्णहुति सम्भव हो सकती है। अनुचित है गरीबों के प्रति समर्पित सेवाओं पर
अतिक्रमण। लोगों को इस तरह की मनोवृत्ति का परित्याग करना चाहिये। हमारे व्दारा
सुझाये गये उपायों पर उन्होंने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा विशेष प्रयोजन
शतप्रतिशत पूरा हुआ। हम इसी सलाह के लिए तो आपका समय चाह रहे थे। हमें लगा कि काश
डा. खुराना की तरह हर चिकित्सक की सोच हो जाये, तो स्वस्थ भारत का अभियान बिना
किसी सरकारी खर्च के स्वतः ही पूरा हो सकता है। चर्चा समाप्त होते ही हमने चाय और
कुछ स्वल्पाहार लाने के लिए नौकर को आवाज दी। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक
नये मुद्दे के साथ फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए खुदा हाफिज।
ravindra.arjariya@yahoo.com
+91 9425146253
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