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देहरादून;
पुलवामा में सी आर पी एफ पर आतंकी हमले में शहीद उत्तराखण्ड के सैनिकों के परिजनों को मुख्यमंत्री ने की 25-25 लाख रूपए देने की घोषणा।
  • दुःख की इस घड़ी में हम सब शहीदों के परिजनों के साथ हैः मुख्यमंत्री
  • शहीदों के सम्मान में राज्य सरकार द्वारा सैन्य व अर्द्धसैनिक बलों के आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुसार सेवा योजित करने का राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही लिया गया है निर्णय।

शुक्रवार को उत्तराखण्ड विधान सभा में पुलवामा में गुरूवार को हुई आतंकवादी घटना में शहीद हुए सी0आर0पी0एफ0 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। सभी विधायकों ने शहीदों के परिवार को एक माह का वेतन देने की घोषणा की, शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद सदन सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 
सदन में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि देश में जब भी कोई संकट आता है ऐसे समय में हम सब एक रहते हैं। हम सबकी भावना भी एक ही रहती है। शहीदों के सम्मान में राज्य सरकार द्वारा सैन्य व अर्द्धसैनिक बलों के आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुसार सेवा योजित करने का निर्णय लिया गया है। शहीदों के सम्मान में एक वृहद शौर्य स्मारक के निर्माण का भी निर्णय लिया जा चूका है। इससे हमारे युवाओं में देश प्रेम की भावना का भी संचार होगा। 
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने शहीद परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हमें अपने वीर जवानों पर गर्व है। हमारी सेना सशक्त व मजबूत है। हमारी सेना  हमारा गौरव है। देश पर आने वाले किसी भी संकट का मुकाबला करने के लिए हमारे सैन्य बल समर्थ है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं में जोश साहस तथा देश प्रेम का जज्बा है। 
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार विधान सभा में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता के दौरान कहा कि शहीदों के परिवारों के दुःख में सम्मिलित होते हुए, आज जो बजट सदन के पटल पर रखा जाना था, शहीदों के सम्मान में उसे  सोमवार तक के लिए स्थगित किया गया है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिक, अर्द्धसैनिक सभी के साथ खड़ी है। सरकार द्वारा पूर्व में ही निर्णय लिया जा चुका है कि शहीदों के आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी सेवा में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन ने यह भी निर्णय लिया है कि सभी विधायकों द्वारा उनके एक माह का वेतन शहीदों के परिवारों के लिए दिया जाए।

  जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोरा के पास गोरीपोरा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में उत्‍तराखंड के भी दो जवान शामिल हैं। एक जवान उत्‍तरकाशी का, जबकि दूसरा उधमसिंह नगर जिले के खटीमा का रहने वाला था।गुरुवार सुबह जम्मू से चले सीआरपीएफ के काफिले में 78 वाहन थे, जिनमें 2547 जवान थे। दोपहर करीब सवा तीन बजे जैसे ही काफिला जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर गोरीपोरा (अवंतीपोरा) के पास पहुंचा, तभी अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी और आत्मघाती कार चालक ने सीआरपीएफ की  बस को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही धमाका हो गया। इससे बस के परखच्चे उड़ गए। इसमें जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में उत्‍तराखंड के भी दोजवान शामिल हैं। इस हमले के बाद दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। शहीद वीरेंद्र सिंह उधमसिंह नगर जिले के खटीमा के मोहम्मदपुर भुढ़िया गांव के रहने वाले हैं। इनके दो छोटे बच्चे है। गुरुवार रात करीब नौ बजे सेना के एक अधिकारी ने उकनी पत्नी को फोन पर शहादत की जानकारी दी है। इसके बाद से घर में कोहराम मचा गया। शहीद वीरेंद्र सिंह राणा के पिता दीवान सिंह है। शहीद वीरेंद्र सिंह के दो बड़े भाई ( जय राम सिंह व राजेश राणा) हैं। जयराम सिंह बीएसएफ के रिटायर्ड सूबेदार हैं, जबकि राजेश राणा घर में खेती बाड़ी का काम देखते हैं। शहीद वीरेंद्र सिंह के बहनोई रामकिशन ने बताया कि वीरेंद्र के दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी 5 साल की, जबकि ढाई साल का बेटा है। उन्‍होंने बताया कि वीरेंद्र दो दिन पहले ही 20 दिन की छुट्टी बिताने के बाद जम्मू के लिए रवाना हुआ था। 


वहीं, दूसरा शहीद जवान मोहन लाल रतूड़ी उत्‍तरकाशी के चिन्यालीसौड के बनकोट का रहने वाला है। बनकोट निवासी जिला पंचायत सदस्य जोगेंद्र रावत ने बताया कि  मोहन लाल रतूडी (55) शहीद हुए हैं। वर्तमान में मोहन लाल का परिवार देहरादून डिफेंस कॉलोनी का है। मोहन लाल सीआरपीएफ की 76 वीं वाहिनी में एएसआइ थे। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले के बाद देशभर के लोगों में गुस्सा है। विरोध-प्रदर्शनों को दौर जारी है। लोग एक और सर्जिकल स्ट्राइक मांग कर रहे हैं।

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