ऋषिकेश :
सूरजमणी सिलस्वाल
अप्लास्टिक एनीमिया जैसी घातक, गम्भीर व जटिल बीमारी से पीड़ित 16 वर्षीय आदित्य नेगी के उपचार को हंस फाउंडेशन आगे आया है। गम्भीर अप्लास्टिक एनीमिया रोग से पीड़ित युवक को समाजसेवी माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज ने उपचार को आर्थिक अनुदान स्वीकृत कर जीवनदान दिया है।
रूद्रप्रयाग जिले के दूरस्थ गांव सौरा खाल भरदार के अजयपाल नेगी के घर में उस समय मुसीबत का पहाड़ टूट गया जब उन्हें पता चला की उनके 16 वर्ष के पुत्र आदित्य नेगी गंभीर बीमारी अप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित है। पांच बहनों में सबसे छोटा आदित्य पढ़ाई-लिखाई से लेकर गांव के हर काम-काज में आगे रहता है। लेकिन अचानक कब अप्लास्टिक एनीमिया जैसे घातक बीमारी ने युवक को अपनी आगोश में ले लिया। यह किसी को पता ही नहीं चला...घर में सबका लाडला और पांच बहनों का इकलौत भाई आदित्य की बीमारी के बारे में जानकर हर कोई परेशान है।
आदित्य के माता-पिता गांव में ध्याड़ी मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते है। लेकिन जब से आदित्य अप्लास्टिक एनीमिया की चपेट में आया तब से उनका जीवन ठहर सा गया है। गांव और अस्पताल के बीच अजयपाल नेगी की जिंदगी सिमट कर रह गई है। दवाइयों,गांव से आने-जाने और तमाम दूसरे खर्चों ने आदित्य के माता-पिता को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है। आदित्य माता-पिता और बहनें अपने लाडले के जीवनदान के लिए देहरादून-दिल्ली और चंडीगढ़ के बड़े-बड़े अस्पतालों में डाक्टरों के आगे हाथ जोड़े खड़े हैं कि किसी तरह उनके बच्चे का जीवन सुरक्षित करें दे। लेकिन डाक्टरों को कहना हैं कि आदित्य का उपचार बोन मैरो ट्रांसप्लांट से ही किया जा सकता है। जिसके लिए उसे जल्द से जल्द ऑपरेशन करने के लिए भारी भरकम धनराशि के साथ ही बोन मैरो डोनर की आवश्यक्ता है। युवक बीमारी के चलते बहुत कमजोर हो चुका है। बच्चे को ज्यादा खून भी नहीं चढ़ाया जा सकता है। इसलिए आपरेशन ही एक मात्रा रास्ता है। आदित्य का इलाज अभी चंडीगढ़ के पीजीआई में चल रहा है। इस अस्पताल में आदित्य का आपरेशन होना है।
आदित्य के माता-पिता अपने बेटे के आपरेशन के लिए अपने नाते-रिश्तेदारों से लेकर हर मददगार के दर पर जाकर अपने बेटे को बचाने के लिए मदद के लिये गुहार लगा रहे है। लेकिन इसके बावजूद ही आदित्य के आपरेशन पर आने वाले खर्च 15 लाख की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई थी। आदित्य की 19 वर्षिय बहन ट्रांसप्लांट के तैयार है। लेकिन आपरेशन के लिए पैसे की व्यवस्था न होने के कारण आदित्य का जीवन खतरे में पड़ गया है।
ऐसे समय में उत्तराखंड के प्रबुद्धजनों और पत्रकारों ने सोशल मीडिया के जरिए आदित्य के आपरेशन के लिए लोगों से मदद की अपील की,तो आदित्य के लिए सहयोग के लिए हाथ आगे बढ़ने लगे। लेकिन अभी भी 15 लाख रूपये की राशि तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो रहा था। ऐसे में समाजसेवी माता मंगला जी एवं भोलेजी महाराज तक उत्तराखंड के प्रबुद्धजनों ने आदित्य को बचाने की अपील पहुंचायी तो माता मंगला जी ने शीघ्र ही आदित्य को नया जीवन देने के लिए और आदित्य के इलाज पर आने वाले पूरा खर्चा देने का घोषणा की,जिसके बाद आदित्य के माता-पिता और बहनों ने माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज को आदित्य को आशीर्वाद देने और नया जीवन देने के लिए आभार व्यक्त किया।
क्या अप्लास्टिक एनीमीया
अप्लास्टिक एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें मनुष्य का शरीर पर्याप्त रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बंद कर देता है। इसके परिणामस्वरूप अत्यधिक थकान, ब्लड इंफेक्शन का उच्च जोखिम और अनियंत्रित ब्लीडिंग होती है। ब्लड सेल्स के उत्पादन को धीमा या रोकना बोन मेरो के कारण होने वाली क्षति के कारण होता है। बोन मेरो, जो शरीर में स्टेम कोशिकाओं का उत्पादन करता है, व्यापक रेडिएशन या कीमोथेरेपी, कुछ दवाओं का उपयोग, वायरल संक्रमण और विषाक्त रसायनों के संपर्क में अस्थायी रूप से या स्थायी रूप से घायल हो सकता है। काउंटर दवाओं पर कुछ मामूली मामलों का इलाज किया जाता है, जबकि अस्पताल में भर्ती होने के बाद गंभीर मामलों का इलाज किया जाता है। ब्लड इंफेक्शन या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कुछ उपचार एप्लास्टिक एनीमिया के इलाज के लिए उपलब्ध हैं। जिस पर लाखों रूपये का खर्च आता है।
सूरजमणी सिलस्वाल
अप्लास्टिक एनीमिया जैसी घातक, गम्भीर व जटिल बीमारी से पीड़ित 16 वर्षीय आदित्य नेगी के उपचार को हंस फाउंडेशन आगे आया है। गम्भीर अप्लास्टिक एनीमिया रोग से पीड़ित युवक को समाजसेवी माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज ने उपचार को आर्थिक अनुदान स्वीकृत कर जीवनदान दिया है।
रूद्रप्रयाग जिले के दूरस्थ गांव सौरा खाल भरदार के अजयपाल नेगी के घर में उस समय मुसीबत का पहाड़ टूट गया जब उन्हें पता चला की उनके 16 वर्ष के पुत्र आदित्य नेगी गंभीर बीमारी अप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित है। पांच बहनों में सबसे छोटा आदित्य पढ़ाई-लिखाई से लेकर गांव के हर काम-काज में आगे रहता है। लेकिन अचानक कब अप्लास्टिक एनीमिया जैसे घातक बीमारी ने युवक को अपनी आगोश में ले लिया। यह किसी को पता ही नहीं चला...घर में सबका लाडला और पांच बहनों का इकलौत भाई आदित्य की बीमारी के बारे में जानकर हर कोई परेशान है।
आदित्य के माता-पिता गांव में ध्याड़ी मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते है। लेकिन जब से आदित्य अप्लास्टिक एनीमिया की चपेट में आया तब से उनका जीवन ठहर सा गया है। गांव और अस्पताल के बीच अजयपाल नेगी की जिंदगी सिमट कर रह गई है। दवाइयों,गांव से आने-जाने और तमाम दूसरे खर्चों ने आदित्य के माता-पिता को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है। आदित्य माता-पिता और बहनें अपने लाडले के जीवनदान के लिए देहरादून-दिल्ली और चंडीगढ़ के बड़े-बड़े अस्पतालों में डाक्टरों के आगे हाथ जोड़े खड़े हैं कि किसी तरह उनके बच्चे का जीवन सुरक्षित करें दे। लेकिन डाक्टरों को कहना हैं कि आदित्य का उपचार बोन मैरो ट्रांसप्लांट से ही किया जा सकता है। जिसके लिए उसे जल्द से जल्द ऑपरेशन करने के लिए भारी भरकम धनराशि के साथ ही बोन मैरो डोनर की आवश्यक्ता है। युवक बीमारी के चलते बहुत कमजोर हो चुका है। बच्चे को ज्यादा खून भी नहीं चढ़ाया जा सकता है। इसलिए आपरेशन ही एक मात्रा रास्ता है। आदित्य का इलाज अभी चंडीगढ़ के पीजीआई में चल रहा है। इस अस्पताल में आदित्य का आपरेशन होना है।
आदित्य के माता-पिता अपने बेटे के आपरेशन के लिए अपने नाते-रिश्तेदारों से लेकर हर मददगार के दर पर जाकर अपने बेटे को बचाने के लिए मदद के लिये गुहार लगा रहे है। लेकिन इसके बावजूद ही आदित्य के आपरेशन पर आने वाले खर्च 15 लाख की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई थी। आदित्य की 19 वर्षिय बहन ट्रांसप्लांट के तैयार है। लेकिन आपरेशन के लिए पैसे की व्यवस्था न होने के कारण आदित्य का जीवन खतरे में पड़ गया है।
ऐसे समय में उत्तराखंड के प्रबुद्धजनों और पत्रकारों ने सोशल मीडिया के जरिए आदित्य के आपरेशन के लिए लोगों से मदद की अपील की,तो आदित्य के लिए सहयोग के लिए हाथ आगे बढ़ने लगे। लेकिन अभी भी 15 लाख रूपये की राशि तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो रहा था। ऐसे में समाजसेवी माता मंगला जी एवं भोलेजी महाराज तक उत्तराखंड के प्रबुद्धजनों ने आदित्य को बचाने की अपील पहुंचायी तो माता मंगला जी ने शीघ्र ही आदित्य को नया जीवन देने के लिए और आदित्य के इलाज पर आने वाले पूरा खर्चा देने का घोषणा की,जिसके बाद आदित्य के माता-पिता और बहनों ने माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज को आदित्य को आशीर्वाद देने और नया जीवन देने के लिए आभार व्यक्त किया।
क्या अप्लास्टिक एनीमीया
अप्लास्टिक एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें मनुष्य का शरीर पर्याप्त रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बंद कर देता है। इसके परिणामस्वरूप अत्यधिक थकान, ब्लड इंफेक्शन का उच्च जोखिम और अनियंत्रित ब्लीडिंग होती है। ब्लड सेल्स के उत्पादन को धीमा या रोकना बोन मेरो के कारण होने वाली क्षति के कारण होता है। बोन मेरो, जो शरीर में स्टेम कोशिकाओं का उत्पादन करता है, व्यापक रेडिएशन या कीमोथेरेपी, कुछ दवाओं का उपयोग, वायरल संक्रमण और विषाक्त रसायनों के संपर्क में अस्थायी रूप से या स्थायी रूप से घायल हो सकता है। काउंटर दवाओं पर कुछ मामूली मामलों का इलाज किया जाता है, जबकि अस्पताल में भर्ती होने के बाद गंभीर मामलों का इलाज किया जाता है। ब्लड इंफेक्शन या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कुछ उपचार एप्लास्टिक एनीमिया के इलाज के लिए उपलब्ध हैं। जिस पर लाखों रूपये का खर्च आता है।
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