रुद्रप्रयाग:
भूपेंद्र भंडारी
पिछले दो सप्ताह से केदारपुरी में विद्युत के साथ ही संचार व पेयजल व्यवस्था ठप्प बनी हुई है। विद्युत सप्लाई को केदारपुरी तक पहुंचाने के लिए प्रशासन जुटा हुआ है मगर भारी बर्फ के चलते कार्य नहीं हो पा रहे हैं। केदारनाथ से लिनचैनी तक 10 व लिनचैनी से भीमबली तक 20 विद्युत पोल धराशायी हो चुके हैं वहीं विद्युल लाइनें भी काफी संख्या में टूटी हुई हैं। विद्युत विभाग ने जंगलचट्टी व भीमबली तक विजली की सप्लाई को बहाल कर दिया है मगर भीमबली से आगे अत्यधिक बर्फ होने के कारण कार्य करना सम्भव नहीं हो पा रहा है। विभाग को अभीतक करीब 25 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
बता दें कि बीते 21 जनवरी से केदारनाथ में भारी बर्फवारी होने के कारण विद्युत सप्लाई ठप्प हो गयी थी जिससे पूरी केदारपुरी अंधेरे में डूबी हुई है। बर्फ व ग्लेशियरों के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग पर हर साल लाइनों के छतिग्रस्त होने से विभाग को करोडों का नुकसाान होता है और इन्ही सब क्षतियों से बचने के लिए अब केदारनाथ के लिए भूमिगत विद्युत लाइन विछाने की योजना निर्माणाधीन है।
करीब 20 करोड रुपये की लागत से बनने वाली इस भूमिगत विद्युत लाइन के प्रथम फेज का कार्य पूरा हो गया है। मुण्डकटिया से घोडा पडाव तक लाइन को अण्डर ग्राउण्ड किया जा चुका है। योजना के अनुसार लिनचैनी तक विद्युत लाइन को बडे टावरों के जरिये खुली तारों से पहुंचाया जाना है और लिनचैनी के बाद केदारनाथ तक लाइन भूमिगत जानी है। सबसे अधिक दिक्कतें विभाग को लिनचैनी से केदारपुरी तक आती है क्यों कि यहां पर अकसर एवलांच आते रहते हैं जिससे नुकसान बडी मात्रा में होता है।
भूपेंद्र भंडारी
पिछले दो सप्ताह से केदारपुरी में विद्युत के साथ ही संचार व पेयजल व्यवस्था ठप्प बनी हुई है। विद्युत सप्लाई को केदारपुरी तक पहुंचाने के लिए प्रशासन जुटा हुआ है मगर भारी बर्फ के चलते कार्य नहीं हो पा रहे हैं। केदारनाथ से लिनचैनी तक 10 व लिनचैनी से भीमबली तक 20 विद्युत पोल धराशायी हो चुके हैं वहीं विद्युल लाइनें भी काफी संख्या में टूटी हुई हैं। विद्युत विभाग ने जंगलचट्टी व भीमबली तक विजली की सप्लाई को बहाल कर दिया है मगर भीमबली से आगे अत्यधिक बर्फ होने के कारण कार्य करना सम्भव नहीं हो पा रहा है। विभाग को अभीतक करीब 25 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
बता दें कि बीते 21 जनवरी से केदारनाथ में भारी बर्फवारी होने के कारण विद्युत सप्लाई ठप्प हो गयी थी जिससे पूरी केदारपुरी अंधेरे में डूबी हुई है। बर्फ व ग्लेशियरों के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग पर हर साल लाइनों के छतिग्रस्त होने से विभाग को करोडों का नुकसाान होता है और इन्ही सब क्षतियों से बचने के लिए अब केदारनाथ के लिए भूमिगत विद्युत लाइन विछाने की योजना निर्माणाधीन है।
करीब 20 करोड रुपये की लागत से बनने वाली इस भूमिगत विद्युत लाइन के प्रथम फेज का कार्य पूरा हो गया है। मुण्डकटिया से घोडा पडाव तक लाइन को अण्डर ग्राउण्ड किया जा चुका है। योजना के अनुसार लिनचैनी तक विद्युत लाइन को बडे टावरों के जरिये खुली तारों से पहुंचाया जाना है और लिनचैनी के बाद केदारनाथ तक लाइन भूमिगत जानी है। सबसे अधिक दिक्कतें विभाग को लिनचैनी से केदारपुरी तक आती है क्यों कि यहां पर अकसर एवलांच आते रहते हैं जिससे नुकसान बडी मात्रा में होता है।
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