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देहरादून;

सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने देहरादून स्थित द्रोण होटल से एक मोटर बाइक रैली को फ्लैग ऑफ किया. यह दल राज्य में  शीतकालीन साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दुर्गम बर्फीले पहाड़ों पर बाइकिंग एक्सपीडिशन के लिए निकल पड़ा है. इस छह दिवसीय एक्सपीडिशन के दौरान बाइकर्स करणप्रयाग, नीति घाटी, जोशीमठ, बद्रीनाथ और गोचर होते हुए ऋषिकेश आदि स्थानों की यात्रा करेंगे.  इस दौरान प्रतिभागी  जहां बर्फीले पहाड़ों पर बाइकिंग के रोमांच से रूबरू होंगे वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों द्वारा नए उभरते बाइकर्स को बाइकिंग  की बारीकियां भी सिखाई जाएगी और तालीम भी दी जाएगी।

सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने दल को फ्लैग ऑफ करने के बाद बताया कि राज्य में शीतकालीन साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग निरंतर साहसिक युवाओं को प्रोत्साहित करने का कार्य करता है. इस प्रकार की गतिविधियां एडवेंचर टूरिज्म में रुचि रखने वाले उत्साहियों को राज्य की ओर आकर्षित करती हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने हाल ही में कतिपय साहसिक खेलों से संबंधित नियमावली जारी की है. साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना का दायरा बढ़ाते हुए मोटरबाइकिंग जैसे साहसिक खेलों से संबंधित उपकरणों आदि की खरीद को भी इसमें सम्मिलित कर लिया है ताकि राज्य में साहसिक पर्यटन हेतु आवश्यक आवश्यक संरचनात्मक वातावरण तैयार किया जा सके.


दल के सदस्य और संयोजक श्री तिलक सोनी ने बताया कि दल में कुल 14 शामिल है जो कि तीन बाइक तथा 4 फोर बाई फोर एक्सयूवी के साथ दुर्गम पहाड़ों पर बाइकिंग के एडवेंचर के उद्देश्य से इस एक्सपीडिशन में जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके दल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाईकर्स तथा ट्रेनर भी सम्मिलित हैं और रास्ते में कार्यशालाओं के माध्यम से नए प्रशिक्षुओं को  बाइकिंग से संबंधित बारीकियों तथा कौशल की भी जानकारी दी जाएगी ताकि वे परिपक्व हो सकें. उन्होंने बताया कि दल पहले दिन कर्णप्रयाग और उसके बाद नीति घाटी, जोशीमठ, गोचर के बर्फीले पहाड़ों पर बाइकिंग का उत्कर्ष देखने के बाद वापस ऋषिकेश लौटेगा.

 हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के बीच जब हर कोई हीटर और रजाई की शरण लिए हुए हैं, ऐसे में बर्फीले पहाड़ों पर एडवेंचर स्टंट करने का साहस लिए हुए इन बाइकर्स का जोश देखते ही बनता है. इस तरह के अभियान न केवल राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने का काम करते हैं बल्कि देखने और सुनने वालों को भी रोमांच से भर देते हैं. आम आदमी के लिए जहां यह कुतूहल का विषय होते हैं  वहीं नए उत्साहियों के लिए ऐसे रोमांचक  अभियान असीम प्रेरणा का स्रोत  बन जाते हैं.

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