नरेंद्र नगर
वाचस्पति रयाल:
अनेकों रोगों से ग्रसित, हताशा व निराशा में जिंदगी की जंग लड़ने वाले असहाय तथा बेसहारा बुजुर्ग विकलांग महिला/ पुरुषों में नरेंद्र नगर स्थित स्वयंसेवी संस्था"आशा किरण सेवा आश्रम"ने जीने की नई उम्मीदें जगा दी हैं।
नरेंद्र नगर क्षेत्रफल तथा संख्या की दृष्टि से भले ही छोटा नगरी है, मगर ऐतिहासिक है।
"आशा किरण सेवा आश्रम "के संस्थापक सचिव विशन लाल शाह ने इस नगरी में असहाय और विकलांग लोगों को कई बार भीख मांगते देखा तो उनके मन में यहां ऐसे असहाय लोगों के लिए संस्था खोलने का विचार आया।विशन लाल शाह बताते हैं कि 2004 में 3 हजार रुपए प्रति माह पर उन्होंने मोटा नाला के पास संतू देवी पंवार से किराए के कमरे लिए और स्वयंसेवी संस्था आश्रम की शुरुआती नींव डाली।
शाह कहते हैं कुछ तो किस्मत के मारे थे, मगर कुछ को अपनों ने ही दुत्कारा तो उन्हें आश्रम ने अपनाया।
आश्रम के संस्थापक सचिव शाह कहते हैं भोजन माता का मानदेय और कमरे का किराया तथा विकलांगों सहित असहाय आश्रितों के भोजन, कपड़ा आदि की व्यवस्था के लिए, आश्रम चलाने में बड़ी कठिनाइयों को झेलना पड़ता है।
कहते हैं कि उन्होंने 2007 में उप जिला अधिकारी नरेंद्र नगर को लिखित व मौखिक रूप से निशुल्क आश्रम के लिए कमरे की बात की तो उन्होंने पुराना तहसील भवन पर आश्रम चलाने की अनुमति दे दी। तब से अब तक इसी बड़े भवन पर, जिसमें दो बड़े हाल, तीन बड़े कमरे तथा लेट्रिन बाथरूम है ,इसी पर आश्रम चल रहा है।
शाह ने बताया कि 2004 से लेकर अब तक आश्रम में असहाय और विकलांग लोगों में 63 लोगों की एंट्री हुई है। एक दर्जन से अधिक असहाय और विकलांग आज भी आश्रम में हैं।
वर्तमान में 72 वर्षीय विकलांग कालूराम, पैर से विकलांग तमिलनाडु का पशुपति, पौड़ी जिले का 65 वर्षीय भरत सिंह भंडारी, जिला अमेठी उत्तर प्रदेश का 62 वर्षीय बद्री प्रसाद मौर्य, टिहरी जिले से चंबा की सुंदरी देवी, घनसाली अखोडी़ के 66 वर्षीय दीपचंद, जनपद टिहरी की पजै गांव की उषा, उत्तर प्रदेश जिला जौनपुर के 70 वर्षीय सुभाष ,गोरखपुर यूपी के 75 वर्षीय विजय यादव आदि आश्रम में है।
विशन शाह आश्रम के लिए जगह उपलब्ध कराने जाने पर तहसील प्रशासन का तथा आश्रम को निरंतर सहयोग देने वाले यहां स्थित पंच सितारा होटल आनंदा और देहरादून में वकालत कर रहे नामी गिरामी वकील रविंद्र खुराना की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि इन्हीं के निरंतर सहयोग से असहाय और विकलांगों की सेवा के प्रति हमारा रुझान बना हुआ है ।
विशन शाह नहीं इस बात पर नाराजगी जताई है कि आश्रम के लिए स्थाई जमीन दिलाने की गुहार विगत 2 वर्ष पूर्व प्रार्थना पत्र व फाइल सम्मिट कर उन्होंने स्थानीय प्रशासन से लगाई थी, मगर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
विशन लाल शाह कहते हैं कि उनकी दिली इच्छा यह है कि आश्रम को स्थाई तौर पर चलाने के लिए, स्थानीय प्रशासन जमीन उपलब्ध करा दे ताकि आश्रम नियमित चलता रहे।
विशन शाह द्वारा यहां स्थित संचालित स्वयंसेवी संस्था "आशा किरण सेवा आश्रम"अपनी जमीन के साथ कब अस्तित्व में आता है, यह तो अभी समय की गर्त में है, बहरहाल आश्रम विकलांग और असहाय लोगों की सेवा में लगा हुआ है।
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