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डोईवाला;


स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अंर्तगत हिमालयन अस्पताल में 15 वर्षीय शशांक के दोनों गुर्दों के बंद नली का रास्ता खोलकर उसे एक नया जीवन जीवन दिया गया।
हिमालयन अस्पताल में आए शशांक के परिजनों ने बताया कि दो माह से शशांक के बाएं गुर्दे में दर्द, बुखार व पेशाब में जलन हो रही थी। परिजनो का कहना है कि उन्होंने आस-पास के कई अस्पतालों के चक्कर लगाए, जिसमें लगभग सभी चिकित्सकों ने उन्हें ओपन सर्जरी कराने की सलाह दी, जबकि शशांक के परिजन ओपन सर्जरी नही करवाना चाहते थे। जिसके बाद शशांक के परिजन उसको लेकर हिमालयन अस्पताल लेकर आए। हिमालयन अस्पताल के यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज विश्वास ने सभी आवश्यक प्रारंभिक जांचों को करवाने के बाद, मरीज के परिजनो को बताया कि शशांक के दोनो गुर्दों की नली का रास्ता ब्लाक है। उन्होंने कहा कि इसे यूरेटर ब्लॉक, मेडिकल टरमिलॉजी में इसे यूरेट्रोपेल्विक ऑब्सट्रक्सन कहा जाता है। उन्होंने कहा कि इसमें गुर्दे की दोनो नली का रास्ता बंद हो जाता हैं, यह बीमारी जन्मजात होती है, इसमें ऑपरेशन करने के बाद ही मरीज के गुर्दों को बचाया जा सकता है। शशांक का ऑपरेशन दूरबीन विधि से किया गया। गुर्दें की बंद नलियों को ऑपरेशन के द्वारा खोलकर नया रास्ता तैयार किया गया इसे, मेडिकल भाषा में लेपरोस्कोपिक पैलोप्लॉस्टी कहा जाता है। पहले बाएं गुर्दे का ऑपरेशन किया गया जिसके एक माह बाद दॉये गुर्दे का ऑपरेशन किया गया। डॉ. मनोज विश्वास का कहना है कि अगर समय रहते मरीज का इलाज नही किया जाता तो आने वाले दो सालों में उसके दोनों गुर्दों के खराब होने के पूरे आसार थे। अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है। यूरोलॉजी टीम की ओर से किए गए इस सफल ऑपरेशन के लिए सर्जरी को सफल बनाने में डॉ. मनोज विश्वास, डॉ. योगेश कालरा, डॉ. राजीव सरपाल, डॉ. शिखर अग्रवाल, डॉ. हरीश, डॉ. टीना व डॉ. हेमा का सहयोग रहा।

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