देहरादून:
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राफेल पर मा.उच्चतम न्यायालय के निर्णय से सारी सच्चाई सामने आ गयी है। जबकि राफेल को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के समक्ष झूठ फैलाने का कार्य किया है। यही नही इस प्रकरण पर कांग्रेस पार्टी के लोग लगातार झूठ बोलने का कार्य कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार केन्द्र सरकार द्वारा रक्षा सौदे पूरी पारदर्शिता के साथ दो सरकारों के मध्य किया गया है। जबकि कांग्रेस सरकार ने जितने भी सौदे किये वह सरकारों के नही बल्कि दलालों के माध्यम से किये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राफेल पर मा.उच्चतम न्यायालय के निर्णय से सारी सच्चाई सामने आ गयी है। जबकि राफेल को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के समक्ष झूठ फैलाने का कार्य किया है। यही नही इस प्रकरण पर कांग्रेस पार्टी के लोग लगातार झूठ बोलने का कार्य कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार केन्द्र सरकार द्वारा रक्षा सौदे पूरी पारदर्शिता के साथ दो सरकारों के मध्य किया गया है। जबकि कांग्रेस सरकार ने जितने भी सौदे किये वह सरकारों के नही बल्कि दलालों के माध्यम से किये।
शुक्रवार
को मुख्यमंत्री आवास में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आज माननीय सुप्रीम कोर्ट
के फैसले ने साफ कर दिया है कि राहुल गांधी एक झूठ को कितनी ही ऊंची आवाज
मे बोलें वह झूठ, झूठ ही रहेगा, सच नहीं बन पाएगा।
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज करके साबित किया कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। आज राहुल गाँधी का झूठ पराजित हुआ है। कांग्रेस के लोगों को बरगलाने की साजिश नाकाम हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल की कीमत पर निर्णय लेना अदालत का काम नहीं है। तथा हमें राफेल विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता है।
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज करके साबित किया कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। आज राहुल गाँधी का झूठ पराजित हुआ है। कांग्रेस के लोगों को बरगलाने की साजिश नाकाम हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल की कीमत पर निर्णय लेना अदालत का काम नहीं है। तथा हमें राफेल विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता है।
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके उन
समर्थकों पर करारा तमाचा है जो, इस मुद्दे पर लगातार झूठ बोल रहे थे। लेकिन
अब उनके झूठ का पर्दाफाश हो गया है। सभी जानते हैं कि डिफेंस डील में एक
सीक्रेसी क्लॉज होता है। देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिहाज से ऐसे
मुद्दे सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं। लेकिन राहुल गांधी तो लगातार उलूल
जलूल बयान देकर न केवल देश की सुरक्षा पर सवाल उठाते रहे बल्कि सेना और
सैन्य प्रतिष्ठानों की डिग्निटी पर भी सवाल उठाते रहे।
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जिस राफेल के बारे में वायुसेना प्रमुख ने
सकारात्मक बातें कही, उसी राफेल पर सवाल उठाकर राहुल गांधी ने सेना पर
संदेह किया है। कांग्रेस का ये इतिहास रहा है कि वो सेना और देश की रक्षा
से संबंधित बातों पर सवाल उठाते हैं। आपको याद होगा जब सर्जिकल स्ट्राइक
हुई थी तब भी कांग्रेस ने इस पर संदेह पैदा किया। और अब जबकि एयरफोर्स को
शक्तिसंपन्न बनाने के लिए राफेल जैसे विमान की सख्त जरूरत है, तब उस पर झूठ
बोलकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। 2002 से राफेल की खरीद पर बातचीत
चल रह थी, इस बीच 10 साल कांग्रेस सत्ता में रही लेकिन तब इन्होंने राफेल
खरीद में कोई रुचि नहीं दिखाई और जब मोदी जी की सरकार ने फ्रांस के साथ
पूरी पारदर्शिता के साथ राफेल डील की, तो कांग्रेस में बेचैनी हो गई।
उन्होंने
कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमीत शाह जी ने कहा कि बीजेपी इस मामले
संसद में चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन राहुल खुद भाग रहे हैं। कांग्रेस
भाग रही है। पूरा देश जानता है कि रक्षा सौदों के भारी घोटालों में किस
पार्टी का हाथ रहा है। अफसोस की बात है कि बोफोर्स कांड वाले राफेल डील पर
बेबुनियाद सवाल उठाते रहे। प्रधानमंत्री जी की नीयत और नीति पर देशवासियों
को पूरा विश्वास है। आज फिर ये साबित हो गया कि ’चौकीदार चोर नहीं, चौकीदार
वफादार है। बल्
कि चोर तो वो नामदार हैं, जो राफेल पर झूठ बोलकर अपना पेट
भरते रहे और संसद में चर्चा से भाग रहे हैं।’
मुख्यमंत्री श्री
त्रिवेन्द्र ने कहा कि राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी
के झूठ की पोल खुल गई है। राहुल गांधी ने न केवल पीएम पर झूठे आरोप लगाए
बल्कि देश की सुरक्षा को भी खतरे में डालने की कोशिश की। भ्रम और झूठ
फैलाने के लिए राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने हमेशा
से रक्षा सौदों में बिचैलियों को तरजीह दी है। जबकि मोदी जी की सरकार ने
पारदर्शी तरीके से राफेल मामले पर दो सरकारों के बीच सौदा किया। राहुल
गांधी ने सैन्य जरूरतों और देश की सामरिक जरूरतों पर सवाल उठाया है।
राफेल
डील पर संसद में चर्चा के लिए केंद्र सरकार तैयार है, लेकिन कांग्रेस इससे
पीछे हट रही है। संसद में हंगामा करके कांग्रेस इस मुद्दे से लोगों का
ध्यान भटकाना चाहती है, अपने झूठ पर पर्दा डालना चाहती है।
उन्होंने
कहा कि राफेल मामले पर तीन मुद्दों पर चार याचिकाएं दायर की गई थी।
निर्णय प्रक्रिया पर,कीमतों पर व ऑफसेट पार्टनर चुनने पर। कोर्ट ने निर्णय
प्रक्रिया पर संतुष्टि जताई, कीमतों को लेकर कहा कि इससे देश को फायदा हुआ
और ऑफसेट पार्टनर चुनने को लेकर भी सरकार को क्लीन चिट दी। जब वायुसेना को
राफेल की जरूरत थी तो 2007 से 2014 तक राफेल पर कांग्रेस कुंडली मारकर
क्यों बैठी रही। राहुल गांधी ने जो आधारहीन आरोप प्रधानमंत्री और देश पर
लगाए, उनका सोर्स ऑफ इनफॉर्मेशन क्या है। राहुल गांधी देश को बताएं और देश
से माफी मांगें।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने स्पष्ट किया है
कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जन-जन के प्रिय है और उनकी ईमानदारी
एवं कर्तव्यनिष्ठा पर पूरे देश को भरोसा है।
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