देहरादून :
राष्ट्रीय कप मानो दिल्ली की टीम से छीन कर इतनी वाहवाही लूटी कि देखने वाले रश्क कर बैठे।
फाईनल मैच वेलहम स्कूल के मैदान में दिल्ली की कप्तान गुलशन ने जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। यह मैच 15-15 ओवर का था। दिल्ली की ओर से कप्तान गुलशन और विनीता ने पारी की
शुरूआत कर पहले ओवर में 13 रन बनाए। पर दूसरे ओवर में उनके रनों की गति को सधी गेंदबाजी और फील्डर ने रोक दिया। दूसरे ओवर में सिर्फ 3 ही रन बनाने देकर उड़िया बालाओं ने दिल्ली को दबाव में
लाने की रणनीति अपनाई। तीसरे ओवर में टूर्नामेंट का पहला बी1 केटगिरी का चौका विनीता ने मारा। बी1 केटगिरी का तात्पर्य है शतप्रतिशत ब्लाइंड। इस केटेगिरी के खिलाड़ियों को 1 के बदले 2 रन
मिलते हैं तो चौके के बदले विनीता को 8 रन मिले। विनीता के तौर पर 22 रन पर पहला विकेट गिरा। वह रन आउट हुई। विनीता के आउट होने के बाद पूजा बैटिंग हेतु आई कोई बैटसमैन बहुत ज्यादा स्कोर
नहीं कर पाया। कप्तान गुलशन को दो जीवनदान मिले और वह आखरी तक मैच में डटी रही। गुलशन ने कुल 37 रन बनाकर एक छोर संभालकर रखा। दिल्ली ने पहले 50 रन छटे ओवर में बनाए। उड़ीसा टीम की
खूबी थी कि उन्होंने बहुत सधी हुई फील्डिंग कर रनों की गति पर लगाम लगाकर रखी। दो खिलाड़ी रन आउट हुई।
मुख्य बालिंग रचना,पार्वती और मोमिना ने की। पार्वती ने 3 ओवर में 8 रन दिए। बी1केटेगिरी की गेंदबाज मोमिना ने 1 ओवर में 7 रन देकर 1 विकेटलिया। दिल्ली की तरफ से सिर्फ 1 चौका लगा।
मैच का मुख्य आर्कषण सधा क्षेत्ररक्षण था जिसकी बदौलत वह दिल्ली को रन बनाने में रोकने में कामयाब रही। उड़ीसा ने अपनी सधी रणनीति के बदौलत दिल्ली की कप्तान जिनका बल्ला कल के मैच में खूब चला
था, उनको रन बनाने से रोकने में कामयाबी हासिल की। मैच का एक और आर्कषण रहा कि बी1 केटेगिरी की जमुना ने 3 ओवर में 28 रन देकर 1 विकेट लिया। यहां 3 ओवर का एक स्पैल होता है। यह बहुत ही
सराहनीय प्रदर्शन है क्योंकि बी1 केटेगिरी के गेंदबाज अक्सर अपनी दिशा भटक जाया करते हैं। उड़ीसा की टीम ने पूरी टीम को 5 विकेट पर 132 रनों पर समेट लिया। दिल्ली की गेंदबाजी इतनी सधी थी कि 2 बल्लेबाज हिट विकेट हुए।
उड़ीसा की टीम मैदान पर 10 ओवर में इस स्कोर को पार करने की चुनौती देकर उतरी थी। अपनी पारी की पहली ही बाल पर पिछले दो मैचों की हीरो ि-हजयल्ली बरूआ ने चौका मारा। ि-हजयल्ली और बसंती की
सलामी जोड़ी ने पहले ओवर में 4 चौकों और 2 रनों के साथ कुल 18 रन बनाए। उड़ीसा ने अपने 50 रन तीन ओवर और 2 गेंदों पर बनाए। यह खिलाड़ी बहुत ही उत्साह में थे। इन दोनों की
जोड़ी ने मैदान में चारों ओर जैसे रनों की -हजयड़ी ही लगा दी। 4 ओवर की समाप्ति पर उड़ीसा का स्कोर 60 रन था। स्कोर पांच ओवर की समाप्ति पर बिना नुकसान के 75 था। जिस तरह से यह दोनों बल्लेबाज रन
बनाकर अपने बल्लों को टकरा रहे थे वह दृश्य और भाव देखने लायक था। रनों का यह मुजरा और मुशायरा अपने आप में ही ऐसा नजारा था जो बार-बार नजर नहीं आता। 6 ओवर में 85 रन बिना किसी नुकसान के
बने। उड़ीसा ने अपने 100 रन बिना किसी नुकसान के 7वें ओवर में बनाए। कल भी इसी जोड़ी ने अपने अर्धशतक पूरे किए थे। 48 रन पर हिटविकेट आउट हुई। पूजा के 9 वें ओवर में उड़ीसा ने
चौका मारकर 9 विकेट से जीत हासिल की। इस टीम को देखकर लग रहा था ,कि यह मस्ती के लिए खेल रहे हैं। बैटसमैन के तौर पर इनके पास ना तो कुछ खोने के लिए है और ना कुछ पाने के लिए है। यह तो बस सिर्फ
आज के मैच की प्लेयर ऑफ द मैच बसंती रहीं।
जबकि बी1 केटेगिरी में विनीता मैच ऑफ द प्लेयर बनी, जिन्होंने 16 गेंदों में 22 रन बनाए। इस टूर्नामेंट के मैन ऑफ द सीरिज उड़ीसा की ही बसंती और बी1 श्रेणी में गायत्री रहीं।
मैच के अंत में दोनों टीमों ने आपस में गले मिलकर एक दूसरे का अभिवादन किया। बाद में पूरी
उड़िया टीम मैदान पर अपनी स्थानीय धुनों पर थिरकती नजर आई। मुख्य अतिथि विधायक विकासनगर मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि इस आयोजन में आकर इन सुंदर, प्रतिभाशाली और उत्साही लड़कियों से मिलकर अभिभूत हूं।
प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने कहा कि जीवन में सब कुछ विज्ञान ही है और तो क्रिकेट उस विज्ञान से अलग नहीं है। हम दृष्टि वालों को नई दृष्टि और नजरिया लेने की जरूरत है
दिव्यांगों के विशेषज्ञ डा. कोचगबे ने समर्थनम की ओर से सभी आयोजकों का आभार प्रकट किया। क्रिकेट एसोशिएसन ऑफ ब्लाईंड शैलेन्द्र यादव ने बहुत सुंदर आयोजन और व्यवस्थाओं हेतु सबका
आभार किया। भाजपा नेत्री विनोद उनियाल ने कहा हम आप सबके यहां आने पर गदगद हो गये हैं। बच्चों का एन.आई.वी.एच. के नेशनल फुटबाल प्लेयर और एथलीट सीवन नेगी, अध्यापक संदीप कुमार, आंशिक ब्लाइंड कृश्न चंदर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के राकेश तोमर, कौशल्या नेगी इन खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए
मौजूद थे।
बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग के बच्चे अपनी अध्यापकां मनेन्द्र कौर, नीलू, अनीता, रवि, रजत और के साथ इन खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए मौजूद थे।
दर्शकों में डा. सरस्वती सिंह, भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती विनोद उनियाल, डा.
खन्ना, यूसर्क मीडिया रिपोर्टर कुसुम रावत, यूसर्क वैज्ञानिक डा. राजेन्द्र राणा, डा.भवतोष शर्मा, अनुराधा ध्यानी, ओम जोशी, राजदीप जंग, दिव्य पांडे, बीना काला, कमांडर ललित काला, ममता सिंघल,
कर्नल उपेन्द्र सिंह, शीतल मिश्रा, आदि मौजूद थे। इसके अलावा टूर्नामेंट के स्पांसर अश्रेद्धय संस्था की एनी, स्ट्रेटिजिक मार्केटिंग देहरादून, साईं स्पर्श ट्रस्ट देहरादून, इनरव्हील क्लब देहरादून, डी.एन.ए. लैबस देहरादून, टी.एच.डी.सी., व्हेलम ब्वाईज स्कूल देहरादून, मेजर सुनीता यादव, ज्ञान असवाल, ललित सिंह, अब्दुल सलीम
मौजूद थे।
ब्लांइड क्रिकेट कप
उड़ीसा की सुनामी लहरों को रोकने की ताकत दिल्ली की लड़कियां नहीं जुटा पाई। हां देश के पहले त्रिकोणीय महिला ब्लांईड क्रिकेट कप में दिल्ली की टीम को 9 विकेटों से हराकर आखिर उड़ीसा ने अपने 52 घंटों के सफर के बाद देहरादून पहुंचने का मकसद पूरा कर ही लिया। यह लड़कियां पहली बार ट्रेन में सवार हुई थीं। इन्होंने पहली बार देहरादून में ठंड का अहसास किया और पहली बार क्रिकेट खेली पर देहरादून के वेलहम ब्वॉइज स्कूल की गुनगुनी धूप और प्रिंसीपल डा. गुरनीत बिंद्रा की मेजबानी की गर्माहट ने इनको कहीं से भी ठंड का अहसास नहीं होने दिया। परिणाम हुआ कि उड़ीसा ने अपने खेल और खेल भावना से सबका मन मोहकर पहला
राष्ट्रीय कप मानो दिल्ली की टीम से छीन कर इतनी वाहवाही लूटी कि देखने वाले रश्क कर बैठे।
फाईनल मैच वेलहम स्कूल के मैदान में दिल्ली की कप्तान गुलशन ने जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। यह मैच 15-15 ओवर का था। दिल्ली की ओर से कप्तान गुलशन और विनीता ने पारी की
शुरूआत कर पहले ओवर में 13 रन बनाए। पर दूसरे ओवर में उनके रनों की गति को सधी गेंदबाजी और फील्डर ने रोक दिया। दूसरे ओवर में सिर्फ 3 ही रन बनाने देकर उड़िया बालाओं ने दिल्ली को दबाव में
लाने की रणनीति अपनाई। तीसरे ओवर में टूर्नामेंट का पहला बी1 केटगिरी का चौका विनीता ने मारा। बी1 केटगिरी का तात्पर्य है शतप्रतिशत ब्लाइंड। इस केटेगिरी के खिलाड़ियों को 1 के बदले 2 रन
मिलते हैं तो चौके के बदले विनीता को 8 रन मिले। विनीता के तौर पर 22 रन पर पहला विकेट गिरा। वह रन आउट हुई। विनीता के आउट होने के बाद पूजा बैटिंग हेतु आई कोई बैटसमैन बहुत ज्यादा स्कोर
नहीं कर पाया। कप्तान गुलशन को दो जीवनदान मिले और वह आखरी तक मैच में डटी रही। गुलशन ने कुल 37 रन बनाकर एक छोर संभालकर रखा। दिल्ली ने पहले 50 रन छटे ओवर में बनाए। उड़ीसा टीम की
खूबी थी कि उन्होंने बहुत सधी हुई फील्डिंग कर रनों की गति पर लगाम लगाकर रखी। दो खिलाड़ी रन आउट हुई।
मुख्य बालिंग रचना,पार्वती और मोमिना ने की। पार्वती ने 3 ओवर में 8 रन दिए। बी1केटेगिरी की गेंदबाज मोमिना ने 1 ओवर में 7 रन देकर 1 विकेटलिया। दिल्ली की तरफ से सिर्फ 1 चौका लगा।
मैच का मुख्य आर्कषण सधा क्षेत्ररक्षण था जिसकी बदौलत वह दिल्ली को रन बनाने में रोकने में कामयाब रही। उड़ीसा ने अपनी सधी रणनीति के बदौलत दिल्ली की कप्तान जिनका बल्ला कल के मैच में खूब चला
था, उनको रन बनाने से रोकने में कामयाबी हासिल की। मैच का एक और आर्कषण रहा कि बी1 केटेगिरी की जमुना ने 3 ओवर में 28 रन देकर 1 विकेट लिया। यहां 3 ओवर का एक स्पैल होता है। यह बहुत ही
सराहनीय प्रदर्शन है क्योंकि बी1 केटेगिरी के गेंदबाज अक्सर अपनी दिशा भटक जाया करते हैं। उड़ीसा की टीम ने पूरी टीम को 5 विकेट पर 132 रनों पर समेट लिया। दिल्ली की गेंदबाजी इतनी सधी थी कि 2 बल्लेबाज हिट विकेट हुए।
उड़ीसा की टीम मैदान पर 10 ओवर में इस स्कोर को पार करने की चुनौती देकर उतरी थी। अपनी पारी की पहली ही बाल पर पिछले दो मैचों की हीरो ि-हजयल्ली बरूआ ने चौका मारा। ि-हजयल्ली और बसंती की
सलामी जोड़ी ने पहले ओवर में 4 चौकों और 2 रनों के साथ कुल 18 रन बनाए। उड़ीसा ने अपने 50 रन तीन ओवर और 2 गेंदों पर बनाए। यह खिलाड़ी बहुत ही उत्साह में थे। इन दोनों की
जोड़ी ने मैदान में चारों ओर जैसे रनों की -हजयड़ी ही लगा दी। 4 ओवर की समाप्ति पर उड़ीसा का स्कोर 60 रन था। स्कोर पांच ओवर की समाप्ति पर बिना नुकसान के 75 था। जिस तरह से यह दोनों बल्लेबाज रन
बनाकर अपने बल्लों को टकरा रहे थे वह दृश्य और भाव देखने लायक था। रनों का यह मुजरा और मुशायरा अपने आप में ही ऐसा नजारा था जो बार-बार नजर नहीं आता। 6 ओवर में 85 रन बिना किसी नुकसान के
बने। उड़ीसा ने अपने 100 रन बिना किसी नुकसान के 7वें ओवर में बनाए। कल भी इसी जोड़ी ने अपने अर्धशतक पूरे किए थे। 48 रन पर हिटविकेट आउट हुई। पूजा के 9 वें ओवर में उड़ीसा ने
चौका मारकर 9 विकेट से जीत हासिल की। इस टीम को देखकर लग रहा था ,कि यह मस्ती के लिए खेल रहे हैं। बैटसमैन के तौर पर इनके पास ना तो कुछ खोने के लिए है और ना कुछ पाने के लिए है। यह तो बस सिर्फ
आज के मैच की प्लेयर ऑफ द मैच बसंती रहीं।
जबकि बी1 केटेगिरी में विनीता मैच ऑफ द प्लेयर बनी, जिन्होंने 16 गेंदों में 22 रन बनाए। इस टूर्नामेंट के मैन ऑफ द सीरिज उड़ीसा की ही बसंती और बी1 श्रेणी में गायत्री रहीं।
मैच के अंत में दोनों टीमों ने आपस में गले मिलकर एक दूसरे का अभिवादन किया। बाद में पूरी
उड़िया टीम मैदान पर अपनी स्थानीय धुनों पर थिरकती नजर आई। मुख्य अतिथि विधायक विकासनगर मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि इस आयोजन में आकर इन सुंदर, प्रतिभाशाली और उत्साही लड़कियों से मिलकर अभिभूत हूं।
प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने कहा कि जीवन में सब कुछ विज्ञान ही है और तो क्रिकेट उस विज्ञान से अलग नहीं है। हम दृष्टि वालों को नई दृष्टि और नजरिया लेने की जरूरत है
दिव्यांगों के विशेषज्ञ डा. कोचगबे ने समर्थनम की ओर से सभी आयोजकों का आभार प्रकट किया। क्रिकेट एसोशिएसन ऑफ ब्लाईंड शैलेन्द्र यादव ने बहुत सुंदर आयोजन और व्यवस्थाओं हेतु सबका
आभार किया। भाजपा नेत्री विनोद उनियाल ने कहा हम आप सबके यहां आने पर गदगद हो गये हैं। बच्चों का एन.आई.वी.एच. के नेशनल फुटबाल प्लेयर और एथलीट सीवन नेगी, अध्यापक संदीप कुमार, आंशिक ब्लाइंड कृश्न चंदर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के राकेश तोमर, कौशल्या नेगी इन खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए
मौजूद थे।
बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग के बच्चे अपनी अध्यापकां मनेन्द्र कौर, नीलू, अनीता, रवि, रजत और के साथ इन खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए मौजूद थे।
दर्शकों में डा. सरस्वती सिंह, भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती विनोद उनियाल, डा.
खन्ना, यूसर्क मीडिया रिपोर्टर कुसुम रावत, यूसर्क वैज्ञानिक डा. राजेन्द्र राणा, डा.भवतोष शर्मा, अनुराधा ध्यानी, ओम जोशी, राजदीप जंग, दिव्य पांडे, बीना काला, कमांडर ललित काला, ममता सिंघल,
कर्नल उपेन्द्र सिंह, शीतल मिश्रा, आदि मौजूद थे। इसके अलावा टूर्नामेंट के स्पांसर अश्रेद्धय संस्था की एनी, स्ट्रेटिजिक मार्केटिंग देहरादून, साईं स्पर्श ट्रस्ट देहरादून, इनरव्हील क्लब देहरादून, डी.एन.ए. लैबस देहरादून, टी.एच.डी.सी., व्हेलम ब्वाईज स्कूल देहरादून, मेजर सुनीता यादव, ज्ञान असवाल, ललित सिंह, अब्दुल सलीम
मौजूद थे।
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