ऋषिकेश :
उत्तम सिंह
भागवत गीता में ही श्रेष्ठ जीवन का सार छिपा है। गुमानीवाला के रुषाफार्म में आयोजित श्रीमद भागवत ज्ञानयज्ञ में आचार्य जय किशन अंथवाल ने श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुऐ कही।
गुमानीवाला के रुषाफार्म में आयोजित पांच दिवसीय श्रीमदभागवत ज्ञानयज्ञ में आचार्य जय मिशन अंथवाल ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मनोरम वर्णन किया। श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि आज के भाग दौड़ भरे जीवन मे मनुष्य अवसाद से ग्रषित हो रहा है। एक दूसरे का अहित करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। रिश्ते कलंकित हो रहे है ऐसे मे भागवत कथा अत्यधिक प्रासंगिक है। मानव धर्म व शांति के मार्ग को अपनाने लगता है। भागवत कथा सुनने मात्र से ही चार धाम यात्रा का पुण्य प्राप्त हो जाता है। बताया कि जीवन का सार पुराणों में तथा सभी पुराणों का सार भागवत गीता में समाया हुआ है। कथा श्रवण करने वालों में ओम अंथवाल, उमादत्त उनियाल, भगवान सिंह राणा, मंगल सिंह नेगी, ज्ञान सिंह बिष्ट, सुनील थपलियाल, चैत राम नोटियाल, राजेश व्यास, आत्मा राम, सुनीता देवी, रुकमा व्यास, मंजू भट्ट,ममता देवी,कौशल्या देवी, दमयंती देवी, आदि मौजूद रहे ।
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