ऋषिकेश ;
उत्तम सिंह
विश्व मानवाधिकार दिवस 10 दिसम्बर के उपलक्ष्य में सोमवार को श्री भरत मन्दिर इंटर कॉलेज में अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन एवं उत्तराखंड पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत,मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ राजे नेगी, विद्यालय के प्रधानाचार्य डीबीपी एस रावत ने सयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र रावत ने कहा कि बच्चों को इस प्रकार की शिक्षा दी जानी चाहिए जो कि संस्कारित बनने के साथ ही वह अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर रावत का कहना था कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को जो प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है।
वहीं उसके भविष्य में काम आती है।जो कि उसे संस्कारित बनाए जाने के साथ उसके भविष्य को भी दर्शाती है ।यदि अच्छी शिक्षा मिलेगी, तो वह उसके भविष्य में काम आएगी ।उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहनेे की आवश्यकता है।यदि वह अपने अधिकारों को समझेगा, तभी वह अपने जीवन में कुछ कर पाएगा आज समय आ गया है ,कि अपने अधिकारों को मांग कर नहीं छीनकर प्राप्त किए जा सकें और यह तभी संभव है, जब उसे अपने अधिकारों के प्रति ज्ञान होगा ।अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ राजे नेगी ने कहा की किसी भी इंसान की जिंदगी,आजादी,बराबरी और सम्मान का अधिकार है मानवाधिकार है।
भारतीय संविधान एस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है,बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा भी देती है।भारत में 28 सितम्बर 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में आया और 12 अक्टूबर 1993 में सरकार ने राष्टीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया। इस आयोग के कार्य क्षेत्र में नागरिक,राजनीतिक के साथ आर्थिक,सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी आते है।भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डी. बी. पी. एस. रावत की अध्यक्षता व डॉ सुनील थपलियाल के संचालन में आयोजित कार्यक्रम मे वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर उत्तम सिंह असवाल, कराटे खिलाड़ी राजेन्द्र गुप्ता,रंजन अंथवाल,विवेक शर्मा, जयकृत रावत,जितेंद्र बिष्ट मौजूद रहे ।
उत्तम सिंह
विश्व मानवाधिकार दिवस 10 दिसम्बर के उपलक्ष्य में सोमवार को श्री भरत मन्दिर इंटर कॉलेज में अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन एवं उत्तराखंड पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत,मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ राजे नेगी, विद्यालय के प्रधानाचार्य डीबीपी एस रावत ने सयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र रावत ने कहा कि बच्चों को इस प्रकार की शिक्षा दी जानी चाहिए जो कि संस्कारित बनने के साथ ही वह अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर रावत का कहना था कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को जो प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है।
वहीं उसके भविष्य में काम आती है।जो कि उसे संस्कारित बनाए जाने के साथ उसके भविष्य को भी दर्शाती है ।यदि अच्छी शिक्षा मिलेगी, तो वह उसके भविष्य में काम आएगी ।उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहनेे की आवश्यकता है।यदि वह अपने अधिकारों को समझेगा, तभी वह अपने जीवन में कुछ कर पाएगा आज समय आ गया है ,कि अपने अधिकारों को मांग कर नहीं छीनकर प्राप्त किए जा सकें और यह तभी संभव है, जब उसे अपने अधिकारों के प्रति ज्ञान होगा ।अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ राजे नेगी ने कहा की किसी भी इंसान की जिंदगी,आजादी,बराबरी और सम्मान का अधिकार है मानवाधिकार है।
भारतीय संविधान एस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है,बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा भी देती है।भारत में 28 सितम्बर 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में आया और 12 अक्टूबर 1993 में सरकार ने राष्टीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया। इस आयोग के कार्य क्षेत्र में नागरिक,राजनीतिक के साथ आर्थिक,सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी आते है।भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डी. बी. पी. एस. रावत की अध्यक्षता व डॉ सुनील थपलियाल के संचालन में आयोजित कार्यक्रम मे वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर उत्तम सिंह असवाल, कराटे खिलाड़ी राजेन्द्र गुप्ता,रंजन अंथवाल,विवेक शर्मा, जयकृत रावत,जितेंद्र बिष्ट मौजूद रहे ।
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