हरिद्वार;
वित्त सचिव भारत सरकार श्री अजय नारायण झा ने आज हरिद्वार पहुंच नमामि गंगे योजना के तहत हरिद्वार में चल रहे कार्यो की समीक्षा बैठक अधिकारियों के साथ की। उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार श्री दीपक रावत, श्री वीके शर्मा सीसीएफ नमामि गंगे उत्तरखण्ड सरकार, श्रीमती नीलम गर्ग महाप्रबंधक जल संस्थान सहित नमामि गंगे के सहयोगी विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कार्यो की प्रगति की जानकारी ली।
नमामि गंगे परियोजना के उत्तराखण्ड के निदेशक श्री उदयराज सिंह ने बताया कि प्रदेशभर में नमामि गंगे के तहत कुल 19 प्रोजेक्ट गतिमान हैं। अधिकंाश कार्य मार्च 2019 में पूर्ण कर लिये जायेंगे।
इन कार्याें मेें सीवरेज प्रबंधन, श्मशान घाट प्रबंधन, एसटीपी कैपिसिटी आदि की जानकारी सचिव भारत सरकार को दी। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में कुल 26 पम्पिंग स्टेशन क्रियाशील हैं, सभी को मार्च 2018 तक रेनोवेट कर लिया जायेगा। अब प्रदेश में कहीं भी बनने वाले एसटीपी को आॅनलाइन माॅनिटरिंग सिस्टम से युक्त बनाया जा रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट के तौर पर चण्डिघाट को डेवलेप किया गया है। यहां किये जाने वाले विभिन्न संस्कारों के लिए विशेष सुविधा युक्त स्थान बनाये गये हैं। चण्डीघाट रिवर फ्रंट डेवलेपमंेट का कार्य जनवरी 2019 में पूर्ण कर लिया जायेगा।
वित्त सचिव भारत सरकार ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा दिखाई गयी प्रजेंटेशन का अवलोकन करते हुए कहा कि कार्यो में प्रगति हुई है इससे इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि फिर भी नमामि गंगे भारत सरकार की अति महत्वांकाक्षी योजना है। जिसका लक्ष्य हमे अति शीघ्र प्राप्त करते हुए 2019 में केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी को अवगत कराना है। उन्होंने हरिद्वार जैसे व्यस्ततम जनपद में प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों पर अतिरिक्त दबाव होने की बात कहते हुए सभी से मार्च 2019 तक अपने पूरे मनोयोग को लगाकर परियोजना पूर्ण कर लिये जाने का लक्ष्य रखा। उन्होंने कहा कि 2021 में होने वाले कुम्भ में सभी के प्रयासों का परिणाम हम दुनिया के समक्ष रख सकें ऐसे गति से कार्य करेें।
श्री झा बैठक के बाद पुनः डीएम हरिद्वार श्री दीपक रावत के साथ विभिन्न गंगा घाटों, एसटीपी के निरीक्षण पर गये।
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