संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय
डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी) 2018 सुदृढ़ प्रतिस्पर्धी और टिकाऊ डिजिटल
संचार क्षेत्र को विकसित और प्रोत्साहित कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र
मोदी के नेतृत्व वाली हमारी सरकार के डिजिटल इंडिया स्वप्न को साकार
करने की दिशा में उत्प्रेरक का कार्य करेगी।’’
श्री सिन्हा ने आज नई दिल्ली में दूरसंचार विभाग द्वारा राज्यों और
संघशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व से आयोजित संगोष्ठी के उद्घाटन के
अवसर पर संवाददाताओं से यह बात कही। इस संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी) 2018 के विजन, मिशन और उद्देश्यों के लिए सहयोगपूर्ण प्रयास और उन्हें प्राप्त करने का आधार तैयार करने के लिए किया गया।
श्री सिन्हा ने अपने उद्घाटन भाषण में एनडीसीपी 2018 के उद्देश्यों और प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख किया। ‘सबके लिए ब्रॉडबैंड’ और क्षेत्र में 40 लाख नौकरियों का सृजन
करने जैसे इन उद्देश्यों में इस क्षेत्र की गतिशीलता में व्यापक
परिवर्तन लाने और इसे देश के सामाजिक आर्थिक विकास का अकेला सर्वाधिक
महत्वपूर्ण वाहक बनने की क्षमता है। श्री सिन्हा ने कहा कि वर्तमान में
जारी भारतनेट परियोजना इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार दृढ़तापूर्वक
किये गये कार्यान्वयन से देश के दूरदराज के इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों
में बसे लोगों को अधिकार सम्पन्न बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमने
देश की लगभग आधी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड सक्षम बना दिया है और
परियोजना का चरण-2 इस समय प्रगति पर है। इसी तरह हम भारतनेट द्वारा
स्थापित बुनियादी सुविधाओं के उपयोग को सुगम बनाने के लिए प्रत्येक
ग्राम पंचायत में वाई-फाई हॉटस्पॉट्स लगा रहे हैं।‘’
इस अवसर पर दूरसंचार सचिव और डिजिटल संचार आयोग की अध्यक्ष श्रीमती अरूणा
सुन्दरराजन ने अपने संबोधन में इन परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन के
लिए अग्रसक्रिय रूख अपनाते हुए चुनौतियों की पहचान करने और उन्हें दूर
करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘हम एनडीसीपी 2018’ को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाएंगे।’
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