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                             एम्स में स्टीम एबलेशन थैरेपी सुविधा जल्द ः निदेशक 

वैरिकोज वेंस से पीड़ित मरीजों को मिलेगा दर्द रहित उपचार  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में वैरिकोज वेंस (पैरों की खून की नसों का फैलना) की अत्याधुनिक तकनीक की लाइव ऑपरेटिव कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें पोलैंड से आए चिकित्सकों के दल ने चार मरीजों का ऑपरेशन किया।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया वेरिकोज वेंस बीमारी ज्यादातर श्रमिकों व उन लोगों में पाई जाती है जिन्हें काफी देर तक खड़े रहकर कार्य करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का इलाज लेजर आदि तकनीक से भी किया जा सकता है, मगर यह प्रणाली काफी महंगी है।

एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान में वेरिकोज वेंस से ग्रस्त रोगियों की सुविधा के लिए जल्द स्टीम एबलेशन थैरेपी उपलब्ध कराई जाएगी।
                   एम्स के सर्जरी विभाग की ओर से पैरों की खून की नसों के फैलने की बीमारी वेरिकोज वेंस की नई तकनीक पर आधारित लाइव ऑपरेटिव वर्कशॉप आयोजित की गई। जिसमें पोलैंड के चिकित्सक डा.गैलबस ने अपनी टीम के सदस्य डा.मरजाना व तकनीशियन मार्टिन के साथ स्टीम एबलेशन थैरेपी विधि से चार रोगियों के ऑपरेशन किए। ऑपरेशन थिएटर से लाइव ट्रांसमिशन के जरिए विभिन्न मेडिकल कॉलेज के 50 चिकित्सकों ने लाइव ऑपरेटिव कार्यशाला में प्रतिभाग कर नई तकनीक को जाना। इस दौरान डा.गैलबस ने चिकित्सकों को इस तकनीक की जानकारी दी और बताया कि यह अत्यधिक सरल विधि है जिसे चिकित्सक आसानी से सीख सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद रोगी को दर्द काफी कम होता है और वह जल्दी ही चलने फिरने लगता है।

 प्रोफेसर बीना रवि ने बताया कि संस्थान में पहली बार इस तरह की कार्यशाला हुई है। एम्स ऋषिकेश स्टीम एबलेशन थैरेपी सुविधा उपलब्ध कराने वाला देश का पहला संस्थान होगा। बताया गया कि इस तकनीक में बिना चीरा लगाए वेरिकोज वेंस का सफल उपचार किया जाता है।

कार्यशाला में डीन एकेडमिक प्रोफेसर सुरेखा किशोर, प्रो.सोमप्रकाश बासू, डा.फरहानउल हुदा,डा.अजय कुमार, डा.शिशिर प्रसाद आदि मौजूद थे।

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