नई दिल्ली ;
पड़ोसी राज्यों में लगातार पराली जलाने और एनसीआर में निर्माण कार्य जारी रहने की वजह से मंगलवार को दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में हवा की गुणवत्ता इस सीजन में पहली बार खतरनाक स्तर पर पहुंच गई।
कल भी दिल्ली की हवा में प्रदूषण खतरनाक से भी अधिक स्तर पर पंहुच गया । और आखिरकार आंख खुली, एन सी आर में निर्माण कार्य पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है। आस पास की 26 फैक्टरियों को बंद किया गया है।
प्रदूषण की जांच के लिए 44 टीम छापेमारी में लगी है। उधर पब्लिक ट्रांसपोर्ट ने पिछले 05 दिन में 8 हज़ार से ज्यादा चालान किया गया। इसके अलावा 15 साल से पुराने वाहनों पर भी रोक लगेगी।
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 दर्ज किया गया। दिन भर हवा में धूल के महीन कणों पीएम 10 व पीएम 2.5 की मात्रा मानक से पांच से सात गुना ज्यादा रही। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचते ही (ग्रैप) लागू करने का फैसला किया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं। इससे खासतौर से अगले दस दिन तक सभी निर्माण गतिविधियां बंद रहेंगी। स्टोन क्रशर भी नहीं चलेंगे और कोयले से चलने वाली फैकट्री पर भी रोक रहेगी।
हवा शांत होने की वजह से धूल के कण और धुआं भी कई जगहों पर स्थिर हो जाने की वजह से धुंध और धुएं की स्थिति कभी-कभी बन रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान पराली जलाने में हुई भारी बढ़ोतरी के कारण वायु प्रदूषण का स्तर और ज्यादा गंभीर हो गया है।बोर्ड के मुताबिक, अगले दो दिन में हालात और बिगड़ सकते हैं और जल्द ऐहतियात नहीं बरते गए, तो जल्द ही प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाएगा। त्योहार के बाद दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कई गुना बढ़ोतरी की आशंका के मद्देनजर बोर्ड, एजेंसी और निकायों व संस्थाओं ने दिल्ली वासियों को ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
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