ऋषिकेश;
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज और केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल की मुलाकात हुई।
स्वामी जी महाराज, स्वच्छ कुम्भ के लिये रेलवे का योगदान और सेवायें, प्रयाग कुम्भ के माध्यम से स्वच्छता और समरसता का संदेश प्रसारित करने, रेलगाड़ियों और प्लेटफार्म पर एलईडी व अन्य साधनों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश प्रसारित करना। हरिद्वार, प्रयागराज और वाराणसी के सौदर्यीकरण, स्वच्छ- हरित तीर्थीकरण, आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि हमें ऐसे संदेश प्रसारित करना होगा जिसके द्वारा कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को आने से पहले ही रेल और रेलवे स्टेशन पर ही स्वच्छता के प्रति सोच में परिवर्तन करने वाले संदेश दिखायी और सुनायी दे ताकि वे कुम्भ मेले से वापस जाकर भी अपने-अपने गांवों एवं शहरों में स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बन सके।
स्वामी जी महाराज ने ऋषिकेश के चन्द्रभागा नाला तथा हाल ही में कुकरैल नाला लखनऊ में लगायी गयी जल स्वच्छ करने वाली जियो ट्यूब तकनीक के विषय में भी चर्चा की। स्वामी जी महाराज ने नाली पर दिवाली के बारे में भी बात की और कहा कि हमें स्वच्छता और समरसता की दीपावली मनाने का संदेश जन जन तक पंहुचाना होगा। स्वामी जी महाराज ने कहा कि देश के हर कोने के हर नाले को स्वच्छ कर ’नाली पर दिवाली’ को चरितार्थ किया जा सकता है।
इस बैठक में कुम्भ नगरी प्रयागराज, वाराणसी और हरिद्वार के सौंदर्यीकरण एवं हरित तीर्थीकरण’ पर विस्तृत चर्चा हुई। स्वामी जी ने कहा कि कुम्भ क्षेत्र और तीर्थ स्थलों पर जाने वाली रेलों में विशेष तौर स्वच्छता, स्वच्छ शौचालय और हरित भारत के निर्माण का संदेश प्रसारित करने वाले प्रेरणाप्रद संदेश प्रसारित करना होगा। उन्होनेे कहा कि देश-विदेश से आने वाले यात्रियों की मूलभूत आवश्यकतायें पूरी हो और वे तीर्थक्षेत्र और रेलवे को भी अपने घर की तरह महसूस कर सके। साथ ही इन मूलभूत आवश्यकताओं का उचित प्रबंधन भी हो उस प्रबंधन एवं स्वच्छता को देखकर लोगों को संदेश मिल सके। हमें स्वच्छता के इस तरह के पायलेट प्रोजेक्ट बनाकर प्रस्तुत करना होगा।
स्वामी जी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है साथ ही समाज, संस्थायें और हर भारतीय मिलकर कार्य करें तो भारत के लिये कुछ भी असम्भव नहीं है। हर भारतीय इसे कर सकता है।
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