परंपरा, प्रतीक और संकल्प का पर्व विजयदशमी। धार्मिक उत्थान का संबल विजयदशमी का त्यौहार, हमे सदैव राह दिखाता रहे।
दशहरा एक पर्व नही जिसमे रावण को जलाया जाता है अपितु एक यज्ञ है जिसमे बुराइयों की तिलांजलि दी जाती है। विजयदशमी के नाम से प्रसिद्ध इस त्योहार में रावण और मेघनाथ सहित कुम्भकर्ण रूपी पुतलों को बार बार हर साल जलाया जाता है।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक और रावण पर राम की विजय का प्रतिबिंब विजयदशमी हमारी अंतरात्मा की बुराई को जलाने का पर्व है। आईये इस पर्व पर संकल्प करें कि युग बीते पर परंपरा के बहाने ही सही ,हम देश और समाज मे व्याप्त बुराइयों को नष्ट करने का प्रयत्न अवश्य करें।
रावण ने सीता का हरण किया था क्योंकि वह श्रीराम के दर्शन चाहता था और उनके द्वारा ही इस जीवन से मुक्ति भी। परंतु ये तो त्रेता युग की बात है।
आज देश -समाज मे फिर से व्याप्त है, बुराइयां और इनसे लड़ने के लिये राम बनना होगा। हर रावण को हराना होगा । केवल रावण के पुतले जलाने भर से बुराई खत्म नही होगी।
दशहरा एक पर्व नही जिसमे रावण को जलाया जाता है अपितु एक यज्ञ है जिसमे बुराइयों की तिलांजलि दी जाती है। विजयदशमी के नाम से प्रसिद्ध इस त्योहार में रावण और मेघनाथ सहित कुम्भकर्ण रूपी पुतलों को बार बार हर साल जलाया जाता है।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक और रावण पर राम की विजय का प्रतिबिंब विजयदशमी हमारी अंतरात्मा की बुराई को जलाने का पर्व है। आईये इस पर्व पर संकल्प करें कि युग बीते पर परंपरा के बहाने ही सही ,हम देश और समाज मे व्याप्त बुराइयों को नष्ट करने का प्रयत्न अवश्य करें।
रावण ने सीता का हरण किया था क्योंकि वह श्रीराम के दर्शन चाहता था और उनके द्वारा ही इस जीवन से मुक्ति भी। परंतु ये तो त्रेता युग की बात है।
आज देश -समाज मे फिर से व्याप्त है, बुराइयां और इनसे लड़ने के लिये राम बनना होगा। हर रावण को हराना होगा । केवल रावण के पुतले जलाने भर से बुराई खत्म नही होगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू और प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समस्त देशवासियों को विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएं दी है।
दशहरा एक पर्व नही जिसमे रावण को जलाया जाता है अपितु एक यज्ञ है जिसमे बुराइयों की तिलांजलि दी जाती है। विजयदशमी के नाम से प्रसिद्ध इस त्योहार में रावण और मेघनाथ सहित कुम्भकर्ण रूपी पुतलों को बार बार हर साल जलाया जाता है।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक और रावण पर राम की विजय का प्रतिबिंब विजयदशमी हमारी अंतरात्मा की बुराई को जलाने का पर्व है। आईये इस पर्व पर संकल्प करें कि युग बीते पर परंपरा के बहाने ही सही ,हम देश और समाज मे व्याप्त बुराइयों को नष्ट करने का प्रयत्न अवश्य करें।
रावण ने सीता का हरण किया था क्योंकि वह श्रीराम के दर्शन चाहता था और उनके द्वारा ही इस जीवन से मुक्ति भी। परंतु ये तो त्रेता युग की बात है।
आज देश -समाज मे फिर से व्याप्त है, बुराइयां और इनसे लड़ने के लिये राम बनना होगा। हर रावण को हराना होगा । केवल रावण के पुतले जलाने भर से बुराई खत्म नही होगी।
दशहरा एक पर्व नही जिसमे रावण को जलाया जाता है अपितु एक यज्ञ है जिसमे बुराइयों की तिलांजलि दी जाती है। विजयदशमी के नाम से प्रसिद्ध इस त्योहार में रावण और मेघनाथ सहित कुम्भकर्ण रूपी पुतलों को बार बार हर साल जलाया जाता है।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक और रावण पर राम की विजय का प्रतिबिंब विजयदशमी हमारी अंतरात्मा की बुराई को जलाने का पर्व है। आईये इस पर्व पर संकल्प करें कि युग बीते पर परंपरा के बहाने ही सही ,हम देश और समाज मे व्याप्त बुराइयों को नष्ट करने का प्रयत्न अवश्य करें।
रावण ने सीता का हरण किया था क्योंकि वह श्रीराम के दर्शन चाहता था और उनके द्वारा ही इस जीवन से मुक्ति भी। परंतु ये तो त्रेता युग की बात है।
आज देश -समाज मे फिर से व्याप्त है, बुराइयां और इनसे लड़ने के लिये राम बनना होगा। हर रावण को हराना होगा । केवल रावण के पुतले जलाने भर से बुराई खत्म नही होगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू और प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समस्त देशवासियों को विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएं दी है।
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