राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल
कलाम की जयंती पर संदेश दिया।
जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम अथवा ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को एक साधारण परिवार में रामेश्वरम में हुआ था। सेंट जोजेफ़ कॉलेज तिरुचिरापल्ली से विद्या ग्रहण कर उन्होंने मद्रास आई आई टी से इंजीनियरिंग की। और प्रोफेसर के तौर पर संस्थानों में अपनी सेवाएं दी।
मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में उन्होंने चार दशकों
डीआरडीओ और इसरो का कार्यभार संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता था।
इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई।
भारत के राष्ट्रपति के रूप में भी उन्होंने अनुपम ख्याति प्राप्त की। भारत रत्न से सम्मानित कलाम साहिब युवा वैज्ञानिकों के ही नही आम जन मानस और सभी दलों के चहेते रहे। 27 जुलाई 2015, को शिलॉन्ग में एक लेक्चर के दौरान ह्रदयघात से उनकी मृत्यु हो गयी। जीवन पर्यंत उन्होंने ईमानदारी और निष्ठा से देश के लिए कार्य किया और एक मिसाल पेश की।
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