राष्ट्रपति
श्री रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति महात्मा गांधी की
150वीं जयंती पर स्मरणोत्सव के लिए लोगो और वेब पोर्टल (http://gandhi.gov.in/) लॉन्च
की। यह लोगो संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पर्यावरण, वन एवं
जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा और संस्कृति सचिव श्री अरूण
गोयल की मौजूदगी में जारी की गई।
यह
लोगो आम नागरिकों से मंगाया गया है। इसकी ब्रांडिंग रेलगाड़ियों, मेट्रो
रेल, एयर इंडिया के विमानों, राज्य रोडवेज की बसों, सरकारी वेबसाइटों,
ई-मेल, कैलेंडर एवं डायरी जैसे सरकारी स्टेशनरी, सरकारी विज्ञापनों एवं
प्रचार सामग्रियों, डिजिटल सिग्नेचर इत्यादि के जरिए होगी।
डाउनलोड करने के लिए रंग निर्देश के साथ लोगो की डिजाइन
- वास्तविक प्रारूप में लोगो (मुख्य लोगो)
- इस्तेमाल के लिए एक ही रंग में लोगो (श्याम-श्वेत में इस्तेमाल के लिए)
- हल्के और तेज पृष्ठभूमि के साथ उल्टे प्रारूप में लोगो
- काले पृष्ठभूमि के साथ उल्टे प्रारूप में लोगो
नए वेबपोर्टल की मुख्य विशेषताएं:-
- अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों से आए आगंतुकों की पहचान और उन्हें व्यक्तिगत सूचनाएं उपलब्ध कराता है।
- उत्सव में संगठन और व्यक्तिगत स्तर पर शामिल हो सकते हैं और एक आसान अपलोड प्रक्रिया के जरिए कार्यांजलि जमा कर सकते हैं।
- पोर्टल में गांधी साहित्य से संबंधित जानकारी, दर्शन, श्रव्य, दृश्य और दुर्लभ तस्वीरें उपलब्ध हैं।
इस
वेब पोर्टल की प्रकृति भागीदारीयुक्त है। इसमें भाग ले रहे संगठन
स्मरणोत्सव से संबंधित गतिविधियां अपलोड कर सकते हैं। इसमें एक अद्वितीय
फीचर गांधीपीडिया है जिसमें गांधी से जुड़ी जानकारियों का खजाना है जो समय
के साथ बढ़ता जाएगा।
महात्मा
गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर पूरे देश और दुनियाभर में दो वर्षों तक
चलने वाला यह उत्सव 2 अक्टूबर, 2018 से शुरू होकर 2 अक्टूबर, 2020 तक
चलेगा। इस बड़े उत्सव की कार्ययोजना बनाने के लिए मई 2018 को राष्ट्रपति की
अध्यक्षता में राष्ट्रीय समिति की एक बैठक हुई थी जिसमें 92 सुझाव आए।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर देश और दुनिया भर में उत्सव
आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कार्यकारी समिति ने इन
92 सुझावों में से 33 सुझाव मंजूर किए। इसके अनुसार केंद्र सरकार के सभी
मंत्रालयों/विभागों और सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार ने अपने
मंत्रालयों और विभागों से संबंधित कार्यों में पहल की। यह कार्य योजनाएं
वेब पोर्टल पर अपलोड की जा रही हैं।
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