देहरादून;
चकराता- कालसी त्यूणी में बने फर्जी जौनसारी जनजाति प्रमाण पत्रों का शासन प्रशासन संज्ञान न लेने के विरुद्ध में फर्जी प्रमाण पत्रों को निरस्तीकरण हेतु नवक्रान्ति संगठन ने देहरादून प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता आयोजित की।
उन्होंने शासन से सवाल किया कि जौनसारी जनजाति के हजारों फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र की पुष्टि के बाद भी शासन ने चुप्पी क्यों साधी हुई है।
जौनसारी जनजाति के तीनों तहसीलो में हजारों प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने की पुष्टि एवं चिह्नीकरण के बाद भी प्रतिनिधि मूल लोगों के हक़ अधिकार के लिए पैरवी हेतु सहयोग में आगे नहीं आ रहे वरन चुप बैठे है।
उनका कहना है कि पक्ष विपक्ष प्रतिनिधियों का इशारा बाहरी लोगो के हित में है जो मूल निवासियों के हक़ का हनन है ।सभी मूल निवासियों को अपने हक़ के लिए आगे आकर इस फर्जीवाड़े में लिप्त सभी सम्बंधित बाहरी लोगो, अधिकारी, एवं नेताओ का पर्दा फाश करना चाहिए ।
फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सैकड़ो बाहरी लोग क्षेत्र में नोकरी कर रहे है और फ़र्ज़ी प्रमाण पत्रहजारों की संख्या में बने है ।
माननीय न्यायालय एवं जनजाति आयोग ने फर्जी प्रमाणों को निरस्त हेतु जिलाधिकारी देहरादून एवं उपजिलाधिकारी चकराता को आदेश किये है ।लेकिन फर्जी बाहरी लोग एवं विभागीय अधिकारी एवं प्रतिनिधि उक्त प्रकरण को दबाना चाहते है ।
उन पर भी सरकार को संज्ञान लेना चाहिए।
जिस विषय को लेकर आज दिनांक 02-09-18 को नवक्रान्ति स्वराज मोर्चा का कहना है , यदि शासन प्रशासन इस पर जल्द अमल नहीं करता तो जौनसार बावर के तमाम संगठन एवं जनमानस उग्र आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी स्वयं शासन प्रशासन की होगी.।
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