ऋषिकेश :
उत्तम सिंह
एम्स ऋषिकेश से निष्काषित पीड़ित कर्मचारियों ने जगह-जगह जाकर बहाली की गुहार लगाई लेकिन कर्मचारियों को कोई भी न्याय नही मिल पाया |
उनका कहना है कि मजबूरन कर्मचारियों के लगातार अठारह दिन धरना प्रर्दशन व क्रमिक अनशन करते हुए आज ये वक्त आ गया कि सरकार व प्रशासन के कान में जूं भी न रेंगी जिससे पीड़ित होकर कर्मचरियों ने आमरण अनशन का निर्णय लिया और साथ-साथ भ्रष्टाचार के सामने सरकार को हाथ बंधे हुये प्रदर्शित होता बताया |
वहीं पीड़ित कर्मचारी अमित कंडियाल ने कहा कि सत्ता में मौजूद सरकार के हर एक विधायक, विधानसभा अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष , मुख्यमंत्री, सांसद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, पी.एम. ओ. कार्यालय हर जगह मिलने के बाद आश्वाशन मिला ।
परन्तु आश्वासन से यदि कर्मचारियों के घर के चूल्हे जलते और घर चलते तो जरूर आश्वासन के सहारे रहते न कि हम आमरण अनशन के लिए मजबूर होते सरकार के इस आश्वासन को चुप्पी समझे या कोई लिप्त होना समझ नही आ रहा | यदि हमें जल्द ही कर्मचारियों की बहाली नहीं तो हम उत्तराखंड के लोग आगामी नगरनिगम चुनाव व लोकसभा चुनाव का नोटा का बटन दबाकर बहिस्कार करेंगे जो कि लोकतंत्र के लिए शर्मिन्दगी की बात है |
वहीं सभी स्थानीय लोगों व समर्थको का यह भी कहना है सभी जनप्रतिनिधियों को पता है कि एम्स ऋषिकेश में क्या हो रहा है उसके बावजूद भी सभी स्थानीय जनप्रतिनिधि भी निदेशक के लिए स्वागत कार्यक्रम तो रखते है परंतु आज अपने शहर अपने राज्यों के युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के लिए निदेशक से गुहार नही लगा रहे | धरना स्थल पर देवेश बहुगुणा, अजय सिंह, दीपक रयाल,गौरव कैन्तुरा,सुधीर बहुगुणा आदि मौजूद रहे ।
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