रुद्रप्रयाग :
भूपेंद्र भंडारी
जनपद भले ही सरकारी आंकडों में ओडीएफ घोषित हो गया हो मगर हकीकत में अभी भी जनपद में हजारों की तादाद में जन समुदाय खुले में ही शौच कर रहा है। जिले में इन दिनों भारत सरकार की दो बडी परियोजनाएं संचालित हो रही हैं जिसमें हजारों की तादाद में मजदूर कार्य कर रहे हैं मगर अभी तक भी मजदूरों के शौच की कोई ब्यवस्था नहीं है। जिससे मजदूर खुले में ही शौच जा रहे हैं।
भारत सरकार की चारधाम सडक परियोजना के साथ ही
नमामि गंगे परियोजना पर जिले में ब्यापक स्तर पर कार्य चल रहा है जिसमें
रुद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड तक हजारों की तादाद में मजदूर कार्य कर रहे हैं।
एक और तो सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत नदी तटों व घरों को गंदगी से मुक्त
करना चाह रही है वहीं सरकार के ही अनुबन्धित ठेकेदार व नामी गिरामी
कम्पनियां जिले में सरकार के मिशन को ठेंगा दिखा रही हैं। हजारों की तादाद
में मजदूर अस्थाई झोपडियों में सडक किनारे रह रहे हैं और इनके ना तो खाने
की साफ व सुरक्षित ब्यवस्था है और ना ही स्वच्छ पानी पीने के लिए इन्हें
मिल पा रहा है। यही नहीं शौच के लिए भी इन्हें या तो नदी नालों के किनारे
या फिर खुले स्थानों में जाना पड रहा है।
प्रशासन का साफ कहना था कि कोई भी
निर्माण कार्य शुरु होने से पूर्व ठेकेदार को निमार्ण साइट पर अस्थाई
शौचालयों का निर्माण करना है मगर यहां ऐसा कुछ भी नहीं है।
एक टिप्पणी भेजें