नरेंद्र नगर:
अरुण नेगी
ऐतिहासिक राजा नरेंद्र शाह की नगरी, नरेंद्र नगर की पहले से ही एक अलग पहचान रही है । अंग्रेजी हुकूमत भी इस नगरी को अपना गुलाम नहीं बना पाया। लेकिन आज आलम यह है कि राजा की इस नगरी मैं सिर्फ पुराने जर्जर भवनों के अलावा कुछ नहीं दिखता है।
बात करें, यहां की सरकारी आवासीय भवनों की तो वह भी अपनी बदहाली के आंसू रो रहे हैं। आवासीय भवनों की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी किसी अप्रिय घटना को न्योता दे सकती है । यहां पर रह रहे सरकारी कर्मचारियों से प्रतिमाह हाउस रेंट लिया जाता है । परन्तु इन भवनों की मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता ।
श्री कुंजापुरी पर्यटन विकास मेले के अवसर पर इन पर बाहर ही लिपाई पुताई कर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है । लेकिन अभी तक इसकी जर्जर स्थिति को सुधारने की ज़हमत विभाग ने नहीं उठाई है।
पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष राजू गुसाईं पूर्व सेवानिवृत्त कर्मचारी रविंद्र सकलानी ने बताया कि रेलिंग जगह-जगह टूट गई है। भवन जर्जर स्थिति में है। आगामी श्री कुंजापुरी पर्यटन विकास मेले में जो जन समूह नगर में एकत्र होकर छत पर चढ़कर मेले का लुफ्त उठाते हैं। कहीं भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना ना हो इसलिए जनहित में उक्त कार्य विभाग द्वारा करवाने आवश्यक है। यही स्थिति सरकारी कार्यालय के भवनों की भी है।
सरकारी कर्मचारियों की इस समस्या को दृष्टिगत रखते हुए इसके निराकरण की मांग प्रशासन से की है।
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