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देहरादून;

गबन में फंसे ग्राम प्रधान समेत सरकार कर्मचारी व सामाजिक संस्था

शौचालय निर्माण का पैसा भी नही छोड़ा, पैसा लेकर मुकर गए

शौचालय निर्माण के पैसे के गबन मामले में ग्राम प्रधान समेत सरकारी कर्मचारी और एक सामाजिक संस्था  का नाम प्रकाश में आ रहा है ।
मामला थाना सहसपुर, ग्राम पंचायत जस्सोवाला , विकास खण्ड विकासनगर देहरादून का है। वर्ष 2006-07 , 2009-10 एवम 2011 में बी0पी0एल0 परिवारों को शौचालय प्रोत्साहन राशि के वितरण में धोखाधड़ी एवम गबन करने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में एक जनहित याचिका (पी0आई0एल0) संख्या 169/2015  सुंदर लाल सैनी बनाम भारत संघ व अन्य दायर की गई  थी, जिस पर  उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश दिए गए ।

उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देश के अनुपालन में शासन से परियोजना प्रबंधक इकाई (स्वजल) , देहरादून को जांच समिति गठित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया , जिसके अनुपालन में चार सदस्यीय जांच समिति गठित की गई ।
गठित जांच समिति एवम तहसीलदार विकासनगर की रिपोर्ट के आधार पर ग्राम पंचायत जस्सोवाला , विकास खण्ड विकासनगर देहरादून में वर्ष 2006-07 , 2009-10 एवम 2011 में बी0पी0एल0 परिवारों को शौचालय प्रोत्साहन राशि के वितरण में धोखाधड़ी एवम गबन करने की पुष्टि होने के फलस्वरूप तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने की संस्तुति की गई।

उक्त जांच रिपोर्ट पर थानाध्यक्ष सहसपुर  को उक्त प्रकरण के संबंध में तत्काल अभियोग दर्ज करने के आदेश पारित किए गये  ।
उक्त आदेश के अनुपालन में थाना सहसपुर पर  प्रतिवादीगणों के विरुद्ध अंतर्गत धारा 420/409 भादवि एवम 97 पंचायतीराज अधिनियम में अभियोग दर्ज कर नियमानुसार अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही की जा रही है।

प्रतिवादीगण प्रवीण कुमार सैनी , तत्कालीन ग्राम प्रधान जस्सोवाला, श्रीमती कमला जायसवाल, अध्यक्षा/सी0ई0ओ0 सहयोगी संस्था, समर्पित सेवा संस्थान, सुरेश चंद खंडूरी, तत्कालीन पर्यावरण सलाहकार /पोर्टफोलियो मैनेजर जिला परियोजना प्रबंधक इकाई, स्वजल परियोजना देहरादून, बीरेंद्र भट्ट , तत्कालीन सामुदायिक विकास विशेषज्ञ स्वजल परियोजना , रणवीर रावत , तत्कालीन प्रबंधक (लेखा) जिला परियोजना प्रबंधक इकाई स्वजल परियोजना देहरादून,  जगमोहन सिंह चौहान तत्कालीन उप परियोजना प्रबंधक सुश्री रीना , सामुदायिक कार्यकर्ता, पुरन सिंह , सामुदायिक कार्यकर्ता,जुल्फिकार हुसैन, तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ,  श्रीमती अनुभा रावत, स्वास्थ्य एवम स्व्च्छता विशेषज्ञ/पोर्टफोलियो मैनेजर जिला परियोजना प्रबंधक इकाई, सतीश चंद गुप्ता , तत्कालीन प्रबंधक (लेखा) , श्रीमती सुनीता भट्ट  तत्कालीन उप परियोजना प्रबंधक और किशन सिंह रावत , तत्कालीन परियोजना प्रबंधक  , कुल  मिलाकर 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

इनके अतिरिक्त वजीर पुत्र नंदलाल, नीता पुत्र फुल्लू, छोटेलाल पुत्र चेतराम,  गफूर पुत्र यासीन औऱ आशाराम पुत्र छोटेलाल ऐसे लाभार्थी है, जिनके द्वारा पूर्व में तहसिलदार की जांच में प्रोत्साहन राशि प्राप्त नही होने का लिखित बयान दिया गया था, किंतु दिनाँक 12 जुलाई 18 की जांच में उनके द्वारा लिखित बयान में प्रोत्साहन धनराशि प्राप्त करना स्वीकार किया गया। जिनके द्वारा गलत प्रमाण देने एवम तथ्य को छुपाया का आरोप शामिल है।

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