उत्तरकाशी;
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी जिले मैं इस बार की आपदा दौरान क्षतिग्रस्त सड़क, पेयजल, बिजली एवं संचार सुविधाओं को तत्काल बहाल किया जाय, साथ ही आपदा प्रभावितों को राहत राशि का वितरण भी तत्काल दिया जाय।
उक्त बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रावत ने आपदा राहत व बचाव कार्यों के सम्बन्ध में वीडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षाकाल चल रहा है इसलिए अधिकारी मुख्यालय में रहते हुए आपदा से निपटने के लिए हर समय तैयार रहें। उन्होंने कहा कि आपदा की सूचना मिलते ही सक्षम अधिकारी मौके पर स्वंय जाय व तत्काल राहत एवं कार्य प्रारम्भ करें। उन्होंने कि बंद सड़कों को षीघ्र खोलते हुए विद्युत, पेयजल एवं संचार व्यवस्थाओं को तत्काल बहाल किया जाय। खाद्यान्न तथा जरूरी सामान दवाओं को आपदा सम्भावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में भण्डारण किया जाय।
वीडियो कांफ्रेसिंग में जिलाधिकारी डा0 आषीष चौहान ने बताया कि आपदा से अभी तक जनपद में 56 पषुओं की हानि हुई है तथा 03 भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त जबकि 82 भवन आंषिक क्षतिग्रस्त हुये हैं, कहा कि 04 गौशाला क्षतिगस्त हुई है जिन्हे सहायता राषि दे दी गई है। उन्होंने बताया कि जनपद में 45 पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हुई जिनमें आंषिक मरम्मत कर पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गयी है, सिंचाई विभाग कि 44 नहरें क्षतिग्रस्त हुई जिनका 163 लाख का आगणन प्रस्ताव के साथ ही यमुनोत्री आपदा में 73 लाख व आवासीय नुकसान का 32 लाख का आंगणन बनाकर षासन को भेज दिया गया है।
जनपद में 69 सड़कें बंद हुई थी जिसमें 67 सड़कों पर यातायात सुचारू कर दिया गया है।, जबकि पीएमजीएसवाई की खरादी सड़क बंद है, तथा डाबरकोट सड़क को खोल दिया गया है, जानकी चट्टी पर बंद सड़क को 07 दिन में यातायात के लिए खोल दिया गया जायेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि लोनिवि 03 पैदल पुल व वन विभाग के 05 पैदल पुलिया व एक मोटर पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि यमुनोत्री में 24 मीटर स्पान का स्टील ग्राडर पुल का प्रस्ताव भेज दिया गया है। जिलाधिकारी डा0 चौहान ने बताया कि जनपद में 175 गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित हुई थी जिसमें से 172 गांवों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग का भेडूगाड विद्यालय के 02 कमरे व प्रा0 वि0 छड़ा का षौचालय क्षतिग्रस्त हुआ है। जनपद में पीएमजीएसवाई की 15 सड़के क्षतिग्रस्त हुई है जिसका 180 लाख का आगणन तैयार कर भेज दिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध है।
विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत ने कहा कि हर्षिल के पास क्षतिग्रस्त मार्ग खोल दिया गया है मगर भविष्य में वहां पर पुल बनाने की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार धनराषि बहुत कम मिलती है जिससे आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पतियां पूर्ण रूप से ठीक नही हो पाती।
विधायक यमुनोत्री केदार सिंह रावत ने कहा कि डाबरकोट सड़क गत वर्ष सितम्बर में टूट गई थी अस्थाई समाधान कर सड़क यातायात चलाया जा रहा है। उन्होंने स्थाई समाधान करने की मांग मुख्यमंत्री से की। साथ ही उन्होंने डाबरकोट ओजरी के पास वैली पुल लगाकर कम धनराषि में वैकल्पिक मार्ग बनाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि यमुनोत्री में आई बाढ़ से जानकचट्टी के नीचे नदी कटाव कर रही जिससे उरेडा का विद्युत गृह बाढ़ की जद में है। नदी कटाव को वायरक्रेट लगाकर रोका जाय।
वीडियो कांफ्रेसिंग में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव आपदा अमित नेगी, पुलिस अधीक्षक सुखवीर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रषांत आर्य, अपर जिलाधिकारी हेंमत वर्मा, कर्नल बीआरओ एम.के. खुल्लर , प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 विनोद कुमार नौटियाल, अधीक्षण अभियांत लोनिवि अषोक कुमार, उपजिलाधिकारी देवेन्द्र नेगी, अनुराग आर्य, मुख्य षिक्षा अधिकारी आर. सी. आर्य, अधिषासी अभियंता एनएच नवनीत आदि मौजूद थे।
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