प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिग्गज पत्रकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुलदीप नैयर के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'कुलदीप नैयर हमारे समय के एक बौद्धिक दिग्गज थे। विचारों में स्पष्टता और निडरता के साथ उनके काम का दायरा कई दशकों तक विस्तृत रहा। आपातकाल के खिलाफ उनका एक मजबूत पक्ष, जन सेवा और बेहतर भारत के लिए उनकी प्रतिबद्धता हमेशा याद की जाएगी।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा , " कुलदीप नैयर, अनुभवी संपादक और लेखक, राजनयिक और संसद सदस्य, और आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के सजग नायक थे। पाठक उन्हें सदा याद करेंगे।"
वहीं Editor's in Guild ने अपने संस्थापक सदस्य के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
कुलदीप नैयर का जन्म 14 अगस्त1923 को सियालकोट, पाकिस्तान में हुआ और मृत्यु 23 अगस्त 2018, नई दिल्ली में हुई ।
उन्होंने बहुत सी पुस्तके लिखी - रेखाओं से परे: एक आत्मकथा, बिना डर के आदि।
उनके पुत्र सुधीर नैयर के अनुसार वह निमोनिया से पीड़ित थे और पांच दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं। नैयर का अंतिम संस्कार लोधी शवदाह गृह में आज दोपहर एक बजे किया जाएगा। नैयर को प्रेस की आजादी और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने वाले पत्रकार के रूप में जाना जाता है। उन्होंने स्टेट्समैन सहित विभिन्न अखबारों में काम किया।
वह 1990 में ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त भी रहे और 1997 में उन्हें राज्य सभा के लिए मनोनीत किया गया। देश में लगे आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। नैयर ने भारत और पाकिस्तान के बीच के तनावपूर्ण संबंधों को भी सामान्य करने की लगातार कोशिश की।
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