Halloween party ideas 2015

  ऋषिकेश :

मैत्री स्वंयसेवी संस्था द्वारा ने  भारतीय जीवन बीमा  ,आवास विकास  के समीप स्थित संस्था के नये  कार्यालय में वीरागंना तीलू रौतेली का जन्मदिवस मनाया । कार्यक्रम में तीलू रोतैली की वीर गाथा सुनाई गयी तथा उनके चित्र पर फूल-माला एवं पुष्षांजली अर्पित की गयी। साथ ही दीप जलाकर तीलू को याद किया गया।

तीलू गढ़वाल की एक वीरागंना थी। 15 साल की उम्र में वह रणभूमि मे कूद गयी थी। उन्होंने दुश्मन राजाओं को छठी का दुध याद दिलाया था। तीलू के पिता का नाम भूपसिह था जो की गढवाल के नरेश के यहां सेना काम करते थे। 8 अगस्त को तीलू का जन्म हुआ था। 15 साल की उम्र में ही तीलू की सगाई भूप्पा सिंह नेगी साथ हो गयी थी। उस समय गढ़वाल मे कन्त्यूरों का राज था, वो अन्य गढ़वाल के गढ़ो जीतना चाहते थे। कन्त्यूरों से लड़ते लड़ते तीलू के दोनों भाई, मंगेतर तथा पिता शहीद हो गये थे। तीलू के गांव पास मे कोथिग (मेला) लगा हुआ था तीलू मेले मे जाने की ज़िद्द अपनी मां से करने लगी। इस पर मां ने ताना मारा, “तीलू तू कैसी है, रे! तुझे अपने भाइयों की याद नहीं आती। तेरे पिता का प्रतिशोध कौन लेगा रे! जा रणभूमि में जा और अपने भाइयों की मौत का बदला ले। ले सकती है क्या? फिर खेलना कौथीग!” तीलू के मन मे प्रतिरोध की आग पैदा हो गयी उसने अपनी दो सहेलियो के साथ अपनी भिखरी सेना समेटी, रणभूमि मे गयी और अनेकों युद्ध जीते। जब तीलू लौट रही थी तब उनकी घोड़ी बिदुंली घायल हो गयी तीलू पैदल ही चल पढ़ी, एक स्थान उन्हें पानी दिखायी दिया। भूखी प्यासी  तीलू पानी तलाश मे नयार नदी तक पहुची, अपनी तलवार किनारे रख कर पानी पीने लगी। इसी दौरान पराजय से अपमानित एक सैनिक ने तीलू पर पीछे वार कर दिया तथा तीलू वीरगति को प्राप्त हो गयी और अमर हो गयी।

आज भी पहाड़ो मे तीलू की पुजा की जाती है। तीलू रोतैली की याद मे गढ़वाल के कई हिस्सो मे थडिया गीत गाऐ जाते हैं। हर वर्ष पहाड़ के गाँव मे उनकी याद मे मेले लगते है और अनेको प्रतियोगिताये  होती है।

मैत्री संस्था द्वारा तीलू के जन्म दिन पर काँवड़ियो को खीर का प्रसाद एवं बुरांस का शर्बत बाँटा गया। साथ ही इस अवसर पर  कुसुम जोशी ने काँवड़ियो को मैत्री पौधा भी भेंट किया गया। जिसका उद्देश्य उत्तराखण्ड की हरियाली और खुशहाली को अन्य प्रदेशों तक पहुँचाना है। तीलू की कहानी भी काँवड़ियो को सुनाई गयी ताकी उत्तराखण्ड की वीरांगना का इतिहास हम काँवड़ियो को बता सकें। इस अवसर पर भारतीय जीवन बीमा के कार्यालय में पौधा लगाया गया। इस अवसर पर भारतीय जीवन बीमा निगम के वरिष्ट विकास अधिकारी राजेन्द्र जोशी , चन्द्रकांता जोशी, निशा शर्मा, रमेश चन्द्र सेमवाल, उर्मिला डिमरी, संजय थपलियाल, ऊषा पाण्डे, हरिचरण सिंह,  मुकेश चौधरी, उमेश वषिष्ट, गोतम ज्ञानेश आदि मौजूद रहे ।

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.