ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्युमन राइट्स एंड एन्वायर्नमेंट (ओहरे) , आरटीआई लोकसेवा संगठन एवं नयी दिशा जनहित ग्रामीण विकास समिति के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने नवनियुक्र्त राज्य सूचना आयुक्तों श्री जे.पी. मंमगाई एवं श्री सी.एस. नपच्याल से रिंग रोड देहरादून स्थित उत्तराखंड सूचना आयोग के सभा कक्ष में शिष्टाचार भेंट की एवं उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट कर बधाई दी|
इस मौके पर आरटीआई कार्यकर्ताओं ने उन्हें उन समस्याओं से अवगत कराया जो विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारी एवं विभागीय अपीलीय अधिकारी सूचनार्थी को गुमराह करने एवं सूचना देने से बचने के लिए पैदा करते हैं|
आरटीआई लोकसेवा संगठन के अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने इस मौके पर कहा कि आरटीआई को कमजोर करने के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा संसद में बीते मानसून सत्र में लाए गए प्रस्ताव पर देश के आरटीआई कार्यकर्ताओं, सिविल सोसायटी व स्टेक होल्डर्स में उपजे अाक्रोश की जनभावनाओं के बारे में अवगत कराया| आरटीआई कार्यकर्ताओं की कड़ी प्रतिक्रीया के बाद जिस प्रकार से केन्द्रीय सूचना आयुक्त महोदय के नेतृत्व में देश के सूचना आयुक्तों ने भी आपत्ति जताई है और संशोधन का इरादा फिलहाल टला है, उसका स्वागत किया गया| ध्यानी ने कहा कि आरटीआई लोक सेवा संगठन ऐसी कोशिशें पर शुरू से धूरी बन सक्रिय रहा है व भविष्य में भी सर्व आरटीआई से जुड़े संस्थानों को आरटीआई कानून को मजबूत बनाने के लिए संघर्षरत रहना पड़ेगा व इसमें उत्तराखंड के सूचना आयुक्तों को भी साथ देने हेतु आगे आना होगा| उन्होंने नवदायित्व ग्रहण कर रहे सूचना आयुक्तों को आरटीआई लोक सेवा द्वारा तैयार रिपोर्टें सौंपी व उत्तराखंड के क्रियाशील संगठनों की आरटीआई से संबंधित चिन्ताओं से अवगत कराया|
ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्युमन राइट्स एंड एन्वायर्नमेंट (ओहरे) के अध्यक्ष भास्कर चुग ने धारा 6(3) के गलत तरीके से इस्तेमाल, सूचना देरी से देने के दोषी अधिकारी पर नियमानुसार शास्ति आरोपित नहीं किये जाने सहित कई मुद्दे उठाते हुए कहा कि यह अधिनियम आम आदमी के लिए लाया गया था और इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल कर दी गयी है कि आम आदमी के लिए सूचना प्राप्त करना बहुत दुष्कर कार्य हो गया है| सूचना आयुक्तों को सूचनार्थी के पक्ष को पूरी तरह से समझना भी चाहिए|
आरटीआई एक्टिविस्ट एवं नयी दिशा ग्रामीण विकास समिति के संस्थापक अमर सिंह कश्यप ने कहा कि भ्रष्टाचार के बड़े मामलो से सम्बंधित सूचना अनुरोध पत्र को सूचना देने से बचने के लिए अधिकारी अनावश्यक रूप से इधर से उधर अंतरित करते रहते हैं जिस कारण वास्तविक दोषी तो बच जाता है मगर जुर्माना उस अधिकारी पर हो जाता जो सबसे कम दोषी होता है| उन्होंने सूचना आयुक्तों से आग्रह किया कि किसी भी मामले में निर्णय देने से पहले गहनता से पड़ताल भी की जाए|
आयोग की सचिव शालिनी जोशी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग शुरू किये जाने की जानकारी दी और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया | उन्होंने बताया कि आरटीआई सुनवाई व क्रियाशीलता के मद्देनजर उत्तराखंड सूचना आयोग देश के अग्रणीय तीन में स्थान बनाए हुए है, जो प्रदेश के लिए गौरव की बात है|
मा0 सूचना आयुक्तों ने ध्यानपूर्वक सभी बातें सुनी व आरटीआई को आम आदमी को लिए बड़ा लोकतांत्रिक हथियार बताया| दोनों सूचना आयुक्तों ने आरटीआई कार्यकर्ताओं की मांगो पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया| उन्होंने कहा कि अकेले सरकार, अधिनियम अथवा आयोग बदलाव नहीं ला सकते हैं, यदि भ्रष्टाचार रहित व पारदर्शी व्यवस्था प्राप्त करनी है को सबको संयुक्त रूप में मिलकर कार्य करना होगा| और नागरिकों को सजग बने रहना होगा|
इस मौके पर आरटीआई लोक सेवा अध्यक्ष मनोज ध्यानी, ओहरे के अध्यक्ष भास्कर चुग, नई दिशा के अध्यक्ष अमर सिंह कश्यप के साथ ही हमारा उत्तरजन मंच के अध्यक्ष रणवीर चौधरी , महासचिव समीर मुन्ड़ेपी, विशाल कुमार, ओहरे के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह रावत, महासचिव अजय शाह , दिनेश पेटवाल , कर्नल (से. नि) विश्वकांत नौटियाल , किरण किशोर , संजय गुसाईं , नितिन बहुगुणा आदि ने भी विचार रखे|
 
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