नई दिल्ली:
हिन्दुस्तान की जनता के दिलों पर राज करने वाले, देश के भीष्म पितामह, युगपुरुष, महामानव अटल निर्णय लेनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी आज पंचतत्व में विलीन हो गए. सूत्रों के अनुसार उनका अस्थि विसर्जन, हरिद्वार, श्री गंगा जी के चरणों में भी 19 अगस्त ,रविवार को होगा।
हज़ारों लाखों प्रशंसकें की भीड़ उन्हें स्मृति स्थल तक साथ देती नज़र आयी. अनेक राज्यों से आये लोग, दिल्ली की समस्त जनता, बूढ़े, बच्चे, महिलाएं , युवा और शायद ही किसी धर्म, जाति का व्यक्ति बचा होगा जो आज उनकी शव यात्रा में साथ नहीं था. अंतिम दर्शनों के लिए पथराई आँखों से इंतज़ार करती जनता उनके आते ही यात्रा में शामिल हो गयी.
देश के प्रधानमंत्री और उनकी पूरी कैबिनेट समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री तक भी जिस मानव की अंतिम यात्रा में पैदल उनके पीछे चल रहे थे, उस महान पुरुष में कोई तो बात होगी.
पडोसी राज्यों बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और अफगानिस्तान से आये गणमान्य व्यक्तियों ने श्री वाजपयी को स्मृति स्थल पर ही श्रद्धांजलि अर्पित की. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी और अनेक
हिन्दुस्तान की जनता के दिलों पर राज करने वाले, देश के भीष्म पितामह, युगपुरुष, महामानव अटल निर्णय लेनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी आज पंचतत्व में विलीन हो गए. सूत्रों के अनुसार उनका अस्थि विसर्जन, हरिद्वार, श्री गंगा जी के चरणों में भी 19 अगस्त ,रविवार को होगा।
हज़ारों लाखों प्रशंसकें की भीड़ उन्हें स्मृति स्थल तक साथ देती नज़र आयी. अनेक राज्यों से आये लोग, दिल्ली की समस्त जनता, बूढ़े, बच्चे, महिलाएं , युवा और शायद ही किसी धर्म, जाति का व्यक्ति बचा होगा जो आज उनकी शव यात्रा में साथ नहीं था. अंतिम दर्शनों के लिए पथराई आँखों से इंतज़ार करती जनता उनके आते ही यात्रा में शामिल हो गयी.
देश के प्रधानमंत्री और उनकी पूरी कैबिनेट समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री तक भी जिस मानव की अंतिम यात्रा में पैदल उनके पीछे चल रहे थे, उस महान पुरुष में कोई तो बात होगी.
पडोसी राज्यों बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और अफगानिस्तान से आये गणमान्य व्यक्तियों ने श्री वाजपयी को स्मृति स्थल पर ही श्रद्धांजलि अर्पित की. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी और अनेक
व्यक्ति अंत्येष्टि स्थल पर मौजूद थे.
स्वस्ति वचनो के मध्य रीती - रिवाज़ों से श्री अटल बिहारी वाजपयी जी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. उनकी गोद ली हुई बेटी ,नमिता भट्टाचार्य ने एक पुत्र की भांति समस्त रस्में अदा की. और उनकी नाती रुंधे गले से अश्रुपूर्ण विदाई देती नज़र आयी. राजनीति के अजातशत्रु कहलानेवाले अटल जी की अंत्येष्टि में मुलायम सिंह यादव, राहुल,गाँधी, गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, , महबूबा मुफ़्ती मोहम्मद सईद समेत अनेक विपक्ष के नेता दिखाई पड़े, जो यही दर्शाते है, कि राजनीति से हटकर एक व्यक्तित्व था.
प्रखर वक्त, कवि और पत्रकार के रूप में भी अपनी छवि की छाप छोड़ने वाले महापुरुष ने आज हिन्दुस्तान को अलविदा कह दिया, परन्तु उनके शब्दों को अन्यथा न ले तो यही समझ आता है कि फिर आने के लिए चले गए है , वो.
भारत भूमि को ऐसे महान व्यक्ति का सदैव इंतज़ार रहेगा, और अटल जी का योगदान स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा.
स्वस्ति वचनो के मध्य रीती - रिवाज़ों से श्री अटल बिहारी वाजपयी जी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. उनकी गोद ली हुई बेटी ,नमिता भट्टाचार्य ने एक पुत्र की भांति समस्त रस्में अदा की. और उनकी नाती रुंधे गले से अश्रुपूर्ण विदाई देती नज़र आयी. राजनीति के अजातशत्रु कहलानेवाले अटल जी की अंत्येष्टि में मुलायम सिंह यादव, राहुल,गाँधी, गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, , महबूबा मुफ़्ती मोहम्मद सईद समेत अनेक विपक्ष के नेता दिखाई पड़े, जो यही दर्शाते है, कि राजनीति से हटकर एक व्यक्तित्व था.
प्रखर वक्त, कवि और पत्रकार के रूप में भी अपनी छवि की छाप छोड़ने वाले महापुरुष ने आज हिन्दुस्तान को अलविदा कह दिया, परन्तु उनके शब्दों को अन्यथा न ले तो यही समझ आता है कि फिर आने के लिए चले गए है , वो.
भारत भूमि को ऐसे महान व्यक्ति का सदैव इंतज़ार रहेगा, और अटल जी का योगदान स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा.
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