घाटे में चल रही डोईवाला चीनी मिल प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली है, जिन गोदामों में चीनी के बैग रखे गए हैं । उन गोदामों में पानी टपक रहा है ।जिससे लाखों रुपए की चीनी खराब होने की कगार पर है । गीली चीनी को तिरपाल से ढकने की कोशिश की गयी है परन्तु पानी चीनी के बैगों के ढेरो के चारों तरफ इकट्ठा हो रहा है ।
शुगर मिल के प्रबंधक मन मोहन सिंह रावत ने कहा कि जिन गोदामों में पानी टपक रहा है उन गोदामों की चीनी को ढक दिया गया है ओर चीनी खराब ना हो उसकी व्यवस्था मिल प्रशासन कर रहा है ।
मिल प्रशासन के अधिकारी चीनी खराब ना होने की सफाई में लाख दावे करें । लेकिन तस्वीरें साफ दिखाई दे रही है कि किस तरीके से पानी के टपकने से लाखों रुपए की चीनी बर्बाद हो रही है । अब बड़ा सवाल यह उठता है कि करोड़ो के घाटे में चल रही ,चीनी मिलें समय पर ना तो किसानों को भुगतान कर पा रही हैं और ना ही कर्मचारियों को तनख्वाह दे पा रही है। यही नहीं सरकार भी चीनी मिलों को बंद करने का फरमान सुना चुकी हैं, फिर भी अधिकारी चीनी मिल के घाटे को बढ़ाने में लगे हुए है और कर्ज में डुबोते जा रहे है ।
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