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देहरादून:

 खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में सचिवालय में मंगलवार को युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित ’खेल महाकुम्भ-2018’ के सफल आयोजन हेतु बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में शिक्षा, खेल व युवा कल्याण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
ब्लाक, जिला एवं राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिता हेतु आयोजित बैठक में खेल मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने खेलों के लिये बेहत्तर वातावरण बनाने तथा इसमें दूरस्थ क्षेत्रों के युवा खिलाड़ियों की अधिक से अधिक सहभागिताओं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिता की निर्धारित तिथियों से पूर्व प्रदेश स्तर पर खिलाड़ियों का चयन कार्य समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये तथा स्कूल गेम्स फेडरेशन आॅफ इंडिया तथा युवा कल्याण विभाग से प्रभावी समन्वय कर खिलाड़ियों का चयन एवं पंजीकरण कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने न्याय पंचायत, विकास खण्ड, जनपद स्तर पर चयन प्रतियोगिता निर्धारित कलैण्डर के अनुसार सम्पन्न करने के निर्देश दिये तथा इन प्रतियोगिताओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये।
श्री पाण्डेय ने कहा कि इस ओपन खेल प्रतियोगिता के माध्यम से विभिन्न वर्गों में प्रतियोगिता करते हुए खिलाड़ियों का चयन किया जाये तथा चयनित खिलाड़ियों का पंजीकरण किया जाए। उन्होंने चयनित खिलाड़ियों को दिये जाने वाली पुरस्कार की राशि को दोगुना करने के निर्देश दिये। तथा विगत वर्ष सूचीबद्ध 7500 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने फुटबाल को राज्य का लोकप्रिय खेल बताते हुए इसके वृहद स्तर पर आयोजन के निर्देश दिये। तथ प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के आवास एवं भोजन व्यवस्था की भी गुणवत्ता बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने विकास खण्ड स्तर पर तैनात संगठकों के मानक व मानदेय पर विचार विमर्श किया। उन्होंने राज्य स्तर पर चयनित प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आकर्षक पुरस्कार दिलाने पर भी विचार किया, जिससे खेल के क्षेत्र में और आकर्षण उत्पन्न हो।
इस अवसर पर सचिव खेल एवं युवा कल्याण डाॅ.भूपेन्द्र कौर औलख, अपर सचिव खेल श्री अतर सिंह, निदेशक खेल श्री प्रशान्त आर्य, प्रधानाचार्य महाराणा प्रताप स्पोर्टस काॅलेज श्री राजेश ममगांई, अनु सचिव खेल सुश्री दीप्ति सिंह, युवा कल्याण के संयुक्त निदेशक श्री अजय अग्रवाल, उप निदेशक श्री शक्ति सिंह, सहायक निदेशक श्री जयराज, स्कूल गेम्स फेडरेशन आॅफ इंडिया के सदस्य श्री सी.के.नौटियाल सहित खेल व युवा कल्याण के अधिकारी उपस्थित थे।

देहरादून:


विद्यालयी शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। 

 शिक्षा मंत्री श्री पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु विधानसभा आश्वासन समिति के सभापति/सदस्यों की संस्तुति पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ यह बैठक बुलाई है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देश दिए, कि भविष्य में सभी विद्यालयों में बायो टाॅयलेट लगाए जाए। राज्य के सभी विद्यालयों में पेयजल, जलापूर्ति व शौचालयों की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जाय। सभी विद्यालयों के नए बनने वाले भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाए ताकि राज्य सरकार की जल सरंक्षण की पहल को मजबूती मिले। राज्य के विद्यालयों में फर्नीचर की पर्याप्त व्यवस्था जल्द से जल्द सुनिश्चित की जाय। विद्यालयों के लिए क्रय किए जाने वाले फर्नीचर में लगने वाले जीएसटी(28 प्रतिशत) में छूट का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी विद्यालयों में बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवाने के साथ ही उरेडा के सहयोग से सोलर पैनल भी लगवाए। उन्होंने शैक्षिक गुणवता सुधार हेतु विद्यार्थियों के मासिक परीक्षा परिणामों को सम्बन्धित शिक्षकों की एसीआर से जोड़ने करने के निर्देश दिए। 
बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गयी कि राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों की मासिक परीक्षा संचालित किए जाने से शिक्षा के स्तर में निरन्तर सुधार हो रहा है। माह-दर-माह विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम तथा प्रदर्शन बेहतर हो रहा है। विद्यार्थियों के शैक्षिक प्रदर्शन का ब्लाॅक स्तर पर विषयवार निरन्तर विश्लेषण किया जा रहा है। इन परीक्षाओं के परिणाम राज्य स्तर पर माॅनिटर किए जा रहे है। दूरस्थ विकास खण्डों में तैनात खण्ड शिक्षा अधिकारियों को माॅनिटरिंग भत्ता बढ़ाने की भी संस्तुति शिक्षा मंत्री द्वारा की गई। उन्होंने रिक्त मिनिस्ट्रियल स्टाफ को पदोन्नति से भरे जाने हेतु शिथिलता का प्रस्ताव कैबिनेट के लिए तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा की गुणवता बढ़ाने के लिए  कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का आस-पास के स्कूलों के विलीनीकरण का भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए, जिसमें पर्वतीय क्षेत्र के मामले में छात्र संख्या 10 तथा मैदानी क्षेत्र के मामले में छात्र संख्या 15 का मानक रखने के निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने बताया  कि मासिक परीक्षण का मुख्यमंत्री डैश बोर्ड द्वारा भी अनुश्रवण किया जा रहा है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री श्री पाण्डेय ने निर्देश दिए कि टीचर टेªनिंग को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार बनाया जाए। उन्होंने टीचर टेªनिंग कार्यक्रम को गम्भीरता से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए किए बोर्ड परीक्षाओं का जिलावार व ब्लाॅकस्तर पर तुलनात्मक अध्ययन किया जाए। बेहतर प्रदर्शन न करने वाले स्कूलों के सुधार के प्रयास के निर्देश भी उन्होंने दिये।
इस अवसर पर विधायक श्री करण मेहरा ने सुझाव दिया कि पूर्व की संचालित योजना, विधायक द्वारा अपने-अपने क्षेत्रान्र्तगत स्कूलों की अवस्थापना विकास के लिए दिए जाने वाले विधायक निधि के 10 प्रतिशत धनराशि से विद्यालयों की स्थिति में सुधार लाने को प्रभावी ढ़ंग से क्रियान्वित किया जाय। उन्होंने रिक्त पदों पर युद्धस्तर पर भर्ती अभियान चलाने की भी अपेक्षा की। सल्ट विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह जीना ने शिक्षा की गुणवता बढ़ाने के लिए रिक्त पदों पर संविदा के आधार पर अध्यापको की तैनाती पर भी विचार करने का प्रस्ताव रखा। जिसके लिये एक्सप्रेशन आॅफ इन्टरेस्ट(रूचि की अभिव्यक्ति ) का प्रकाशन किया जाए तथा जिसमें कार्मिकों के वेतन को सीधे उनके खातों में जमा कराने की शर्त की अनिवार्यता भी रखी जाय। विधायक श्री आदेश चैहान तथा श्री दीवान सिंह बिष्ट द्वारा भी शिक्षा की गुणवता सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।  
सचिव शिक्षा डा0 भूपिन्दर कौर औलख  द्वारा जानकारी दी गई की प्रत्येक माह एक उत्कृष्ट परिणाम देने वाले श्रेष्ठ अध्यापक का चुनाव किया जाता है तथा पुरस्कारस्वरूप भारत सरकार द्वारा ऐसे अध्यापको को एक लाख रूपये की धनराशि उक्त अध्यापक के स्कूल के सुधार के लिए प्रदान किए जाते है। टाॅपर्स विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं विभाग की वेबसाइट पर डाली जा रही है। राजकीय विद्यालयों में किचन गार्डन बनाए जा रहे । इसमें विद्यार्थियों की भी अहम भूमिका है। इसके साथ ही क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों के साथ विद्यार्थियों का संवाद हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे है। अब स्पोटर्स काॅलेज में जाने या किसी भी खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए एक ही कम्बाईन्ड ट्रायल की व्यवस्था की गई है। शिक्षा मंत्री द्वारा अक्षयपात्र योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई। 
इस अवसर पर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, अपर निदेशक श्री रामकृष्ण उनियाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

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