Halloween party ideas 2015

 रुद्रप्रयाग:
भूपेंद्र भंडारी 

पीएम नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी चारधाम परियोजना रुद्रप्रयाग जिले में रफतार नहीं पकड पा रही है


शिक्षकों की लम्बित मांगों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने आज जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर तालाबंदी कर नारेबाजी की व घरना दिया।
 शिक्षकों ने सरकार पर बीते आठ माह से लंिबत मांगों पर सकारात्मक निर्णय ने लेने के वजाय उल्टा शिक्षकों का उत्पीडन करने का आरोप लगाया। प्रदेश संगठन के निर्देर्शों पर राजकीय शिक्षकों ने आज सीईओ कार्यालय पर पूर्ण तालाबंदी कर जमकर नारेबाजी की। तालाबंदी के बाद तहसीलदार सदर ने मौके पर पहुंचकर शिक्षकों से वार्ता की और तालों को खुलवाया। शिक्षकों ने कार्यालय के सामने ही एक दिवशीय धरना दिया और सरकार पर मानसिक उत्पीडन करने का आरोप लगाया। शिक्षकों का कहना था कि बीते आठ महीनों से शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सरकार से मांग कर रहे हैं
 मगर सरकार मांगों पर सकारात्मक हल निकालने के वजाय उनके आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है कहा कि ट्ान्सफर ऐक्ट बनाने को लेकर शिक्षक मांग करते आ रहे हैं और एक्ट के दायरे में संगठन के पदाधिकारी भी आते हैं तो उसका संगठन विरोध नहीं कर रहा है मगर बिना एक्ट को तैयार किये बीच में ही ट्ान्सफर किये जा रहे हैं उससे साफ है कि सरकार शिक्षकों का मानसिक उत्पीडन का मन बना चुकी है। 


पीएम नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी चारधाम परियोजना रुद्रप्रयाग जिले में रफतार नहीं पकड पा रही है



 जिले में रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड राजमार्ग के साथ ही बद्रीनाथ राजमार्ग का भी करीब 31 किमी हिस्सा आता है। मगर अभी तक दोनों मार्गों पर पूरी तरह से मुआवजे का वितरण नहीं हो पाया है तो कई स्थानों का अभी तक थ्रीडी भू अधिग्रहण नहीं हो पाया है वहीं डम्पिंग जोनों के अभाव में पहाडी कटिंग का कार्य भी अभी अधर में लटका हुआ है। 
. रुद्रप्रयाग जनपद में बद्रीनाथ हाईवे का चैडीकरण कार्य सिरोबगड से नगरासू कमेडा कस्बे तक होना है। जिसके लिए प्रशासन को करीब साढ़े 21 करोड रुपये के विभिन्न मुआवजों का वितरण करना है। जिसके सापेक्ष अभी तक सवा पांच करोड रुपये के मुआवजे ही बांटे गये हैं वहीं मार्ग पर कई ऐसे स्थान भी हैं जिनका कि अभी तक भी थ्रीडी भू अधिग्रहण नहीं हो पाया है। वहीं रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड राजमार्ग पर प्रशासन को करीब 75 करोड रुपये के विभिन्न मुआवजों का वितरण करना है और अभी तक 38 करोड रुपये के मुआवजे ही बंट पाये हैं।  भले ही प्रशासन दावा कर रहा है कि भू अधिग्रहण को लेकर ज्यादा दिक्कतें नहीं हैं मगर जब तक पूरी प्रक्रिया सम्पन्न नहीं हो जाती है तब तक सडक निर्माण कार्य प्रशासन के लिए दिक्कतों भरा रहेगा। 
गिरीश गुणवंत एडीएम व नोडल अधिकारी चारधाम परियोजना का कहना है कि . प्रशासन के सामने सबसे बडी चुनौती डम्पिग जोन को लेकर बनी हुई है। हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार नदी से 500 मीटर की दूरी पर ही डम्पिंग जोन बन पाएंगे साथ ही चयनित जोनों में पेड काटने की परमीशन देय नहीं होगी के आदेशों के बाद से पहाडी कटिंग का कार्य पूरी तरह से बन्द हो गया है जिसके चलते परियोजना का कार्य रफतार नहीं पकड पा रहा है। 
. चारधाम परियोजना में जहां मौसम व 6 माह की यात्रा निर्माण कार्यों में कहीं ना कहीं रुकावट ला रही है वहीं हाईकोर्ट व एनजीटी के आदेशों ने भी परियोजना की गति को धीमा कर दिया है, तो भू-अधिग्रहण समेत पेडों के कटान का मसला भी परियोजना को लम्बित किये हुए है। ऐसे में किस तरह से परियोजना अपने निर्धारित समय में पूरी होगी यह राष्ट्ीय राजमार्ग प्राधिकरण व केन्द्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार के लिए भी एक बडी चुनौती है। 

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.