डोईवाला;
मुख्यमंत्री जी की विधानसभा में एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के साथ अभद्रता की घटनाएं थमने का नाम नही ले रही है।
फिर से डॉक्टर और मरीज़ के बीच कुछ ऐसा हुआ कि बुज़ुर्ग मरीज़ ने अस्पताल। में अपनी जान देने की धमकी दे डाली। आखिर डॉक्टर का ऐसा रवैया क्यो हो रहा है।?
पिछले दिनों भी एक महिला डॉक्टर ने सहायिका का न बुलवा कर गर्भवती महिला मरीज़ के परिजनों से कार्य करवाया। और झूठ इल्ज़ाम भी लगाया कि पैथोलॉजी की रिपोर्ट उन्होंने खुद लिखी है।
अल्ट्रासाउंड को लेकर भी गरीब लोग अस्पताल में भटकते रहते है। अल्ट्रासाउंड बाहर से करने के लिए कहा जाता है।
इन्ही डॉक्टर ने पिछले दिनों परिजनों को अपने कमरे से बाहर निकल जाने जाने का आदेश देते हुए अपमान भी किया था। जबकि परिजन को ये अंदाज नही था कि ये 17 वर्ष से ऊपर के मरीज़ ही देखते है।
मरीज़ और डॉक्टर के बीच का मधुर संबंध अपनी साख खो बैठा है। ऐसे रवैये से स्थानीय जनता अत्यंत निराश और क्षुब्ध है।
तीस पर भी सरकार को इस केंद्र में ओ पी डी तो बढ़ी नज़र आती है, परंतु यहां कुछ भी सुविधाएं नही दी गयो है, इसका अहसास नही है।
अब भगवान भरोसे चल रही मुख्यमन्त्री जी के क्षेत्र के एकमात्र सरकारी अस्पताल की नियति तो उन्ही के हाथ है।
.png)
एक टिप्पणी भेजें