हल्द्वानी:
पंकज सक्सेना
नागालैंड में शहीद हुए उत्तराखंड ,हल्द्वानी के लाल योगेश परगाई का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान आज हल्द्वानी 6:30 बजे पहुंचा । शहीद के पार्थिव शरीर को देखकर परिजनो का बुरा हाल हो गया। 7:10 पर उनके पार्थिक शरीर को चित्र शीतला घाट रानी बाग में अंतिम विदाई के लिए ले जाया गया । जहां सैन्य सम्मान के साथ उनके शरीर को अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर कालाढूंगी विधायक, बंशीधर भगत, भीमताल विधायक ,राम सिंह खेड़ा ,अपर पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, उप जिला अधिकारी एसके बाजपाई, नगर मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय सहित कई नेतागण मौजूद रहे । शहीद योगेश को याद कर सबकी आँखें नम हो गयी और वातावरण में "जब तक सूरज चांद रहेगा योगेश तेरा नाम रहेगा "नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
योगेश अपने 8 भाई बहनों में सबसे छोटे थे और उनके लिए उनकी माता श्री लड़की तलाश कर रही थी ।
05 बहनो और 03 भाइयों में से सबसे छोटे योगेश परिवार के लाडले भी थे। और हमेशा देशभक्ति की बातें किया करते थे आज उनके चले जाने से उनके भाई बहनों को उनके ऊपर गर्व हो रहा है ,उनका कहना है कि मेरे भाई ने देश के लिए बलिदान दिया और यह देश उसके नाम को याद रखेगा और उत्तराखंड का नाम उसने रोशन किया है
पंकज सक्सेना
नागालैंड में शहीद हुए उत्तराखंड ,हल्द्वानी के लाल योगेश परगाई का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान आज हल्द्वानी 6:30 बजे पहुंचा । शहीद के पार्थिव शरीर को देखकर परिजनो का बुरा हाल हो गया। 7:10 पर उनके पार्थिक शरीर को चित्र शीतला घाट रानी बाग में अंतिम विदाई के लिए ले जाया गया । जहां सैन्य सम्मान के साथ उनके शरीर को अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर कालाढूंगी विधायक, बंशीधर भगत, भीमताल विधायक ,राम सिंह खेड़ा ,अपर पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, उप जिला अधिकारी एसके बाजपाई, नगर मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय सहित कई नेतागण मौजूद रहे । शहीद योगेश को याद कर सबकी आँखें नम हो गयी और वातावरण में "जब तक सूरज चांद रहेगा योगेश तेरा नाम रहेगा "नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
योगेश अपने 8 भाई बहनों में सबसे छोटे थे और उनके लिए उनकी माता श्री लड़की तलाश कर रही थी ।
05 बहनो और 03 भाइयों में से सबसे छोटे योगेश परिवार के लाडले भी थे। और हमेशा देशभक्ति की बातें किया करते थे आज उनके चले जाने से उनके भाई बहनों को उनके ऊपर गर्व हो रहा है ,उनका कहना है कि मेरे भाई ने देश के लिए बलिदान दिया और यह देश उसके नाम को याद रखेगा और उत्तराखंड का नाम उसने रोशन किया है
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