नरेंद्र नगर;
वाचस्पति रयाल
स्थानांतरण एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए उसके प्राविधानों को ताक पर रखकर किये गये स्थानांतरणों के विरोध में उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने लोनिवि के प्रमुख अभियंता (विभागाध्यक्ष) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और 22 जून से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर उतर आए हैं।
8 से 9 जून के बीच प्रदेश में अधिशासी अभियंता ,सहायक अभियंता, अपर सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंताओं के थोक में हुए स्थानांतरणों में व्यापक धांधलियों का पिटारा खुलते ही डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ को प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान करने को बाध्य होना पड़ा है।
संगठन के जिला अध्यक्ष इंजीनियर जयप्रकाश भट्ट ने कहा कि गत 8 व 9 जून को जारी स्थानांतरण सूची सचमुच में धांधलियों का पिटारा था, जिसे देखकर सब अचंभित रह गए। उन्होंने कहा हैरत की बात यह है कि स्थानांतरण में व्यक्ति को सुगम से सुगम और दुर्गम से दुर्गम भेज कर शासनादेश का खुलेआम मखौल उड़ाया गया है जो कतई बर्दाश्त के काबिल नहीं है। सूची में सुधार का अल्टीमेटम देने के बाद भी प्रमुख अभियंता ने संगठन की एक नहीं सुनी जिसके कारण संगठन को मजबूर होकर आमरण अनशन जैसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। जिन्हें जबरन उठा दिया गया।
इससे आंदोलन और उग्र होगा।
संगठन के शाखाअध्यक्ष रुपेश भट्ट व शाखा सचिव गोपाल सैनी ने कहा कि डंडे के बल पर हड़ताल तोड़ने की साजिश कतई कामयाब नहीं होने दी जाएगी। शाखा संगठन ने ऐलान किया कि स्थानांतरण सूची में पाई गई व्यापक धांधलियों को जब तक दूर नहीं किया जाता कार्य बहिष्कार तब तक जारी रहेगा। इस मौके पर इ० मनमोहन सिंह, नितिन सैनी, इंजीनियर रिनी पांडेय,अरुण कुमार ,नवनीत त्यागी ,विजय कुमार ,अनूप सकलानी ,जाबिर अली व आशीष मित्तल आदि थे।
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