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देहरादून;
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मलिन बस्तीवासियों एवं व्यवसायियों का उत्पीड़न बंद करे सरकार


शिक्षक महिला का जीवन यापन कैसे होगा. क्या उस पर बीत रही है.? इन सब बातों से बेखबर प्रदेश के पक्ष प्रतिपक्ष नेताओं को अब , राजनीति करने का  एक मुद्दा बैठे बिठाये मिल गया है. 
 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने दिनांक 28 जून, 2018 को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में महिला शिक्षिका के साथ हुई अभद्रता को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
और यह भी कहा   कि एक महिला शिक्षिका  मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी व्यथा सुनाने आई थी परन्तु मुख्यमंत्री दरबार में उनके साथ जिस प्रकार का व्यवहार किया गया वह सभ्य समाज के लिए शोभा  नहीं देता  है।
उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि जब राज्य में लागू स्थानान्तरण एक्ट की खुले रूप में धज्जियां उड़ाते हुए भाजपा के बड़े नेताओं, पदाधिकारियों तथा सरकार में बैठे लोगों की पत्नियों का दुर्गम से सुगम में स्थानान्तरण किया जा सकता है तो एक दुःखी महिला का भी किया जाना चाहिए। 
श्री प्रीतम सिंह ने कहा कि महिला के साथ मुख्यमंत्री द्वारा किये गये व्यवहार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी कल दिनांक 30 जून को पूरे प्रदेश   के जिला मुख्यालयों में राज्य सरकार का पुतला दहन करेगी ।  निलंबन वापसी तक 01 जुलाई, 2018 को कांग्रेस पार्टी देहरादून में गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन  शुरू  करेगी। 


देहरादून :



कांग्रेसजनों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने पूर्व विधायक राजकुमार के नेतृत्व में देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा जिसमे देहरादून शहर में हाई कोर्ट के निर्देष पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर मलिन बस्तीवासियों एवं व्यवसायियों के उत्पीड़न की बात कही गयी है.

देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि प्रदेष में मलिन बस्तियां वर्श 1977 से 1980 के बीच बसी हुई हैं। प्रदेष में कोई भी सरकार रही हो सभी ने हर प्रकार की सुविधा मलिन बस्तियों में दी है। इन बस्तियों में नगर पालिका, नगर परिशद, नगर निगम व पी.डब्लू,डी, एमडीडीए, विधायक एवं सांसद निधि आदि से विकास के कार्य कराये गये हैं। इन बस्तियों में सभी मूलभूत सुविधायें यथा बिजली, पानी, सीवर लाईनें, सामुदायिक भवन, आंगनबाडी केन्द्र, स्कूल, सुरक्षा दीवार, बरातघर आदि निर्मित हैं। वर्तमान में देहरादून में 129 मलिन बस्तियां हैं और पूरे प्रदेष में 582 मलिन बस्तियां हैं तथा ये सभी नगर पालिका अथवा नगर निगम से मान्यता प्राप्त हैं। पिछली सरकार द्वारा इन मलिन बस्तियों को मालिकाना हक दिये जाने भी षुरू कर दिये थे तथा मलिन बस्तियों के रख रखाव के लिए 400 करोड़ रूपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा गया था। अब इन सभी कामों के होने के उपरान्त इन बस्तियों को उजाड़ना न्याय संगत नहीं है। यदि इन बस्तियों केा हटाया जाता है तो इससे लाखों लोग प्रभावित होंगे।
प्रतिनिधिमण्डल ने यह भी कहा कि राजेन्द्र नगर, सिरमौर मार्ग टी स्टेट, कौलागढ़ रोड़, राजपुर रोड़, चकराता रोड़, सहारनपुर रोड़, हरिद्वार रोड़, गांधी रोड़ आदि क्षेत्रों में अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों को प्रताडित किया जा रहा है। इन क्षेत्रवासियों के पास 1964 के नक्से हैं जिसमें 50 फीट की रोड़ दर्षाई गई है लेकिन दोनों तरफ की रोड़ को तोड़ा जा रहा है। कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने मांग की कि अतिक्रमण के नाम पर गरीब जनता व व्यापारियों को प्रताडित न किया जाय तथा जिन क्षेत्रों में अतिक्रमण है वहां के वासियों को समय दिया जाय।
प्रतिनिधिमण्डल में पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द षर्मा, पार्शद डाॅ0 बिजेन्द्र पाल, अर्जुन सोनकर, अषोक कोहली, सोम प्रकाष बाल्मीकि, मनोज कुमार, उदयवीर मल्ल, राजेन्द्र खन्ना, जहांगीर खान, राहुल षर्मा, नागेष रतूड़ी, राजू अरोड़ा, दीप बोहरा, डाॅ0 चन्द्रा, हरीष गुप्ता, संजय गुप्ता, चन्द्रष गुलाटी, डीडी अरोड़ा, षारदा गुप्ता आदि षामिल थे।

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