सरकारी
स्कूलों के शिक्षक अब शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सीधे तौर
पर अपनी प्रवष्टियां भेज सकते हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री
प्रकाश जावडेकर ने यह घोषणा करते हुए कहा कि यह एक नई पहल है। इससे पहले
प्रवष्टियों का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता था।
उन्होंने कहा कि
सरकारी स्कूलों के शिक्षक स्वयं शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए
आवेदन कर सकते हैं। इस नई प्रणाली में सरकारी शिक्षक / स्कूलों के प्रमुख
स्वयं को ऑन लाइन रूप से नामांकित कर सकते हैं। प्रत्येक जिले से तीन
शिक्षकों का चयन किया जाएगा। इसी तरह प्रत्येक राज्य से 6 शिक्षकों का
चयन किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र निर्णायक मंडल 50
असाधारण शिक्षकों / स्कूलों के प्रमुखों का चयन शिक्षक राष्ट्रीय
पुरस्कार के लिए करेगा। शिक्षक अपने किये गये कार्यों का विडियो भी अपलोड
कर सकते हैं।
श्री जावडेकर
ने कहा कि राष्ट्रीय निर्णायक मंडल राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए श्रेष्ठ
शिक्षकों का चयन उनके नवाचारों तथा शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी
परिवर्तन और शिक्षण शैली के आधार पर करेगा। शिक्षकों को राष्ट्रीय
पुरस्कार देने का उद्देश्य देश में कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान
का उत्सव मनाना और वैसे शिक्षकों को सम्मानित करना है जिनके संकल्प से न
केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है बल्कि उनके
विद्यार्थियों का जीवन भी समृद्ध हुआ।
राज्यों /
केन्द्र शासित प्रदेशों के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के
शिक्षक, केन्द्र सरकार के स्कूलों यानी केंद्रीय विद्यालय (केवी), जवाहर
नवोदय विद्यालय (जेएनवी), तिब्बती लोगों के केन्द्रीय विद्यालय
(सीटीएसए), रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसायटी
(एईईएस) के स्कूल तथा सीबीएसई और सीआईएससीई से सम्बद्ध सभी स्कूलों के
शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
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