“वृक्ष हैं तो जीवन है” – रश्मि गुलाटी
हरिद्वार:
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढाते हुए बीएचईएल लेडीज क्लब ने सीड बॉल तकनीक का इस्तेमाल करके वृक्षों की 20 प्रकार की प्रजाति के लगभग 4000 बॉलों को तैयार किया है, जिनकी मदद से बहुत बडी संख्या में वृक्षों को उगाया जा सकेगा ।
लेडीज क्लब की संरक्षिका श्रीमती रश्मि गुलाटी के नेतृत्व में कार्यकारिणी समिति की सदस्याओं के साथ मिलकर इन सीड बॉलों को तैयार किया गया है । इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्रीमती रश्मि गुलाटी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है । उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ उगाकर हम दिन पर दिन कम होते जा रहे जंगलों को बचा सकते हैं ।
उल्लेखनीय है कि सीड बॉल तकनीक में मिटृी को गोबर की खाद एवं भूसा मिलाकर पानी से गीला किया जाता है, फिर इसमें एक- दो बीज डालकर लड्डू के आकार के छोटे-छोटे गोले बनाये जाते हैं । इन गोलों को धूप में
सुखाया जाता है फिर सूखे हुए गोलों यानि सीड बॉल को बरसात के दिनों में खाली जमीन या जंगलों में फेंक दिया जाता है । धीरे-धीरे इन सीड बॉल के बीज अंकुरित होकर वृक्ष कारूप ले लेते हैं ।
इस अवसर पर लेडीज क्लब अध्यक्ष श्रीमती रचना मेहरा, उपाध्यक्ष श्रीमती तनुश्री साह, वेलफेयर विंग सचिव श्रीमती संगीता महरा, कल्चरल विंग सचिव श्रीमती आरती सोमानी, लेडीज क्लब की सदस्य तथा बीएचईएल बागवानी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे ।
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हरिद्वार:
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढाते हुए बीएचईएल लेडीज क्लब ने सीड बॉल तकनीक का इस्तेमाल करके वृक्षों की 20 प्रकार की प्रजाति के लगभग 4000 बॉलों को तैयार किया है, जिनकी मदद से बहुत बडी संख्या में वृक्षों को उगाया जा सकेगा ।
लेडीज क्लब की संरक्षिका श्रीमती रश्मि गुलाटी के नेतृत्व में कार्यकारिणी समिति की सदस्याओं के साथ मिलकर इन सीड बॉलों को तैयार किया गया है । इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्रीमती रश्मि गुलाटी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है । उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ उगाकर हम दिन पर दिन कम होते जा रहे जंगलों को बचा सकते हैं ।
उल्लेखनीय है कि सीड बॉल तकनीक में मिटृी को गोबर की खाद एवं भूसा मिलाकर पानी से गीला किया जाता है, फिर इसमें एक- दो बीज डालकर लड्डू के आकार के छोटे-छोटे गोले बनाये जाते हैं । इन गोलों को धूप में
सुखाया जाता है फिर सूखे हुए गोलों यानि सीड बॉल को बरसात के दिनों में खाली जमीन या जंगलों में फेंक दिया जाता है । धीरे-धीरे इन सीड बॉल के बीज अंकुरित होकर वृक्ष कारूप ले लेते हैं ।
इस अवसर पर लेडीज क्लब अध्यक्ष श्रीमती रचना मेहरा, उपाध्यक्ष श्रीमती तनुश्री साह, वेलफेयर विंग सचिव श्रीमती संगीता महरा, कल्चरल विंग सचिव श्रीमती आरती सोमानी, लेडीज क्लब की सदस्य तथा बीएचईएल बागवानी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे ।
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