पिरान कलियर;
रागिब नसीम
रागिब नसीम
उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड व जिला प्रशासन की देखरेख में कलियर दरगाह की प्रबंध व्यवस्था संयुक्त रूप से चल रही है ।कलियर दरगाह साबिर पाक की वार्षिक आय करोड़ो रूपये की होती है।
इस आमदनी पर डंक मारने की गलत नियत से ही यहां की प्रबंध व्यवस्था हमेशा विवादों में रही है जिसकी वजह से यहां की प्रबंध व्यवस्था एक जनहित याचिका में हाइ कोर्ट के आदेश से सन 2012 से जिला प्रशासन बखूबी निभाता आ रहा है ।
यहां पर दरगाहो में डयूटी के लिये वक्फ बोर्ड द्वारा एक सो चार के लगभग कर्मचारियों को जायरीनों की सुविधा के लिये तैनात किया गया है परंतु इन कर्मचारियों को कुछ प्रबंधको द्वारा गलत रास्ते पर लगाकर दरगाह के दान पत्रो में पैसा न डलवाकर अपनी जेबो में रखने की हिदायत देने तथा अवैध हफ्ता वसूली ने दरगाह की आय को पलीता लगवाने के काम को अंजाम दिलाया जा रहा था ।
जिसकी शिकायत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को लगातार मिल रही थी जिस पर तीन दिन पूर्व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने आम आदमी की तरह खुफिया तरीके से दरगाह पर चादर पोषी व फूल पेशी के दौरान तीन दरगाह कर्मचारियों को दानपात्रों की बजाय अपनी जेबो में चढ़ावे के पैसे को जबरन जायरीनों से लेकर रखा जा रहा था ।अब सवाल यह उठता है कि प्रति हफ्ता लाखो रुपया कर्मचारियों द्वारा अधिकारियों के नाम पर डयूटी अंदर दरगाह में करने पर लिया जा रहा था और बाकायदा उस पैसे को इक्क्ठा कर अधिकारियों में बांटने का काम भी सुपरवाइजरों द्वारा किया जाता रहा है।
इस आमदनी पर डंक मारने की गलत नियत से ही यहां की प्रबंध व्यवस्था हमेशा विवादों में रही है जिसकी वजह से यहां की प्रबंध व्यवस्था एक जनहित याचिका में हाइ कोर्ट के आदेश से सन 2012 से जिला प्रशासन बखूबी निभाता आ रहा है ।
यहां पर दरगाहो में डयूटी के लिये वक्फ बोर्ड द्वारा एक सो चार के लगभग कर्मचारियों को जायरीनों की सुविधा के लिये तैनात किया गया है परंतु इन कर्मचारियों को कुछ प्रबंधको द्वारा गलत रास्ते पर लगाकर दरगाह के दान पत्रो में पैसा न डलवाकर अपनी जेबो में रखने की हिदायत देने तथा अवैध हफ्ता वसूली ने दरगाह की आय को पलीता लगवाने के काम को अंजाम दिलाया जा रहा था ।
जिसकी शिकायत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को लगातार मिल रही थी जिस पर तीन दिन पूर्व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने आम आदमी की तरह खुफिया तरीके से दरगाह पर चादर पोषी व फूल पेशी के दौरान तीन दरगाह कर्मचारियों को दानपात्रों की बजाय अपनी जेबो में चढ़ावे के पैसे को जबरन जायरीनों से लेकर रखा जा रहा था ।अब सवाल यह उठता है कि प्रति हफ्ता लाखो रुपया कर्मचारियों द्वारा अधिकारियों के नाम पर डयूटी अंदर दरगाह में करने पर लिया जा रहा था और बाकायदा उस पैसे को इक्क्ठा कर अधिकारियों में बांटने का काम भी सुपरवाइजरों द्वारा किया जाता रहा है।
दरगाह अक़ीददत मन्द साबिर ,सादाब,ग़ालिब,सरवर, चो शारुख का कहना है कि जब तक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा दरगाह की कैश बुको का निरीक्षण नही किया जाएगा और दरगाह सुपरवाइजरों से इमाम साहब दरगाह पर कर्मियों द्वारा चलाई जा रही परशाद की दुकान का प्रतिदिन के हिसाब को चेक नही किया जाएगा दरगाह की आय को इसी तरह पलीता लगाने का कार्य इन मगरमच्छ रूपी दरगाह सुपरवाइजरों द्वारा दरगाह की आय में रोड़े अटककर कर्मचारियों से गलत काम लिया जाता रहेगा।
दरगाह प्रबंधक नायाब तहसीलदार प्रीतम सिंह का कहना है कि दरगाह की आय को नुकसान पहुंचाने वालो को किसी भी किम्मत पर बख्शा नही जाएगा यदि दरगाह कर्मचारियों द्वारा अवैध उगाही करने का मामला सामने आया तो उनको सेवाएं समाप्त कर आगे भी कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड व जिला प्रशासन की देखरेख में कलियर दरगाह की प्रबंध व्यवस्था संयुक्त रूप से चल रही है ।कलियर दरगाह साबिर पाक की वार्षिक आय करोड़ो रूपये की होती है ।इस आमदनी पर डंक मारने की गलत नियत से ही यहां की प्रबंध व्यवस्था हमेशा विवादों में रही है जिसकी वजह से यहां की प्रबंध व्यवस्था एक जनहित याचिका में हाइ कोर्ट के आदेश से सन 2012 से जिला प्रशासन बखूबी निभाता आ रहा है ।यहां पर दरगाहो में डयूटी के लिये वक्फ बोर्ड द्वारा एक सो चार के लगभग कर्मचारियों को जायरीनों की सुविधा के लिये तैनात किया गया है परंतु इन कर्मचारियों को कुछ प्रबंधको द्वारा गलत रास्ते पर लगाकर दरगाह के दान पत्रो में पैसा न डलवाकर अपनी जेबो में रखने की हिदायत देने तथा अवैध हफ्ता वसूली ने दरगाह की आय को पलीता लगवाने के काम को अंजाम दिलाया जा रहा था ।जिसकी शिकायत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को लगातार मिल रही थी जिस पर तीन दिन पूर्व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने आम आदमी की तरह खुफिया तरीके से दरगाह पर चादर पोषी व फूल पेशी के दौरान तीन दरगाह कर्मचारियों को दानपात्रों की बजाय अपनी जेबो में चढ़ावे के पैसे को जबरन जायरीनों से लेकर रखा जा रहा था ।अब सवाल यह उठता है कि प्रति हफ्ता लाखो रुपया कर्मचारियों द्वारा अधिकारियों के नाम पर डयूटी अंदर दरगाह में करने पर लिया जा रहा था और बाकायदा उस पैसे को इक्क्ठा कर अधिकारियों में बांटने का काम भी सुपरवाइजरों द्वारा किया जाता रहा है।
दरगाह अक़ीददत मन्द साबिर ,सादाब,ग़ालिब,सरवर, चो शारुख का कहना है कि जब तक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा दरगाह की कैश बुको का निरीक्षण नही किया जाएगा और दरगाह सुपरवाइजरों से इमाम साहब दरगाह पर कर्मियों द्वारा चलाई जा रही परशाद की दुकान का प्रतिदिन के हिसाब को चेक नही किया जाएगा दरगाह की आय को इसी तरह पलीता लगाने का कार्य इन मगरमच्छ रूपी दरगाह सुपरवाइजरों द्वारा दरगाह की आय में रोड़े अटककर कर्मचारियों से गलत काम लिया जाता रहेगा।
दरगाह प्रबंधक नायाब तहसीलदार प्रीतम सिंह का कहना है कि दरगाह की आय को नुकसान पहुंचाने वालो को किसी भी किम्मत पर बख्शा नही जाएगा यदि दरगाह कर्मचारियों द्वारा अवैध उगाही करने का मामला सामने आया तो उनको सेवाएं समाप्त कर आगे भी कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
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