श्यामपुर :
उत्तम सिंह
जम्मू कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से हुए सीजफायर के दौरान मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हिम्मत से डटे जांबाज विकास गुरुंग ने अपनी जान की बाजी लगा दी।
आतंकियों के साथ हुर्इ मुठभेड़ के दौरान ऋषिकेश के गुमानीवाला निवासी विकास गुरुंग शहीद हो गए। सोमवार को अत्येष्टि से पहले शहीद विकास के अंतिम दर्शन के लिये हजारों लोगों की भीड उमड पडी ।वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद जवान विकास गुरुंग की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों से भेंट कर शोक संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता दुख की इस घड़ी में शहीद के परिवार के साथ है। राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग करेगी। शहीद विकास की अंतिम यात्रा के लिये आर्मी ट्रक भी पहुंचा । इसी ट्रक से विकास के पार्थिव शरीर को ऋषिकेश के पूर्णानन्द घाट मे लाया गया ।विकास के पार्थिव शरीर को उनकी माँ बीना गुरूँग और बहन पूनम गुरूँग गले लगाकर रो रही है ।बहन और माँ दोनो का रो-रोकर बुरा हाल है शहीद की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। हर आँखे नम थी, तो दिल में पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश। लोगों ने वीर शहीद की अंतिम यात्रा शहीद को लोगों ने गम और गुस्से के बीच नम आँखों से श्रद्धांजलि दी। उनके परिजनों सहित मौजूद सभी लोगों की आँखों से अश्रुधारा बह उठी। शहीद के घर से जब अंतिम यात्रा का कारवां आगे बढ़ा यह दृश्य देखकर राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित कविता "पुष्प की अभिलाषा" की पंक्तियाँ "मुझे तोड़ लेना वन माली, उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृ-भूमि पर शीष चढ़ाने जिस पथ जावें वीर अनेक" जीवंत हो उठीं।
शहीद विकास गुरूँग की अंतिम यात्रा में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक शामिल हुए। इन सभी ने एवं शहीद के परिजनों ने अंतिम विदाई से पहले पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित किए। सैनिकों ने अपने शस्त्र झुकाकर अपने जाबांज सैनिक को नमन किया।
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